Byju’s की कंपनी Great Learning के खिलाफ गलत कोर्स बेचने का आरोप खारिज, एडटेक कंसोर्टियम ने किया निपटारा
स्टूडेंट्स ने आरोप लगाया कि ग्रेट लर्निंग ने आईआईटी-बॉम्बे के कॉन्टीन्यूइंग एजुकेशन एंड क्वालिटी इंप्रूवमेंट (सीई और क्यूआईपी) पाठ्यक्रम को पीजीपी पाठ्यक्रम के रूप में बेचकर उन्हें गुमराह किया.
इंडियन एडटेक कंसोर्टियम (आईईसी) के स्वतंत्र शिकायत निवारण बोर्ड (आईजीआरबी) ने 2 अगस्त को बायजू के स्वामित्व वाली ग्रेट लर्निंग के खिलाफ स्टूडेंट्स द्वारा दायर मिससेलिंग (गलत तरीके से बेचना) की याचिका को खारिज कर दिया.
स्टूडेंट्स ने आरोप लगाया कि ग्रेट लर्निंग ने आईआईटी-बॉम्बे के कॉन्टीन्यूइंग एजुकेशन एंड क्वालिटी इंप्रूवमेंट (सीई और क्यूआईपी) पाठ्यक्रम को पीजीपी पाठ्यक्रम के रूप में बेचकर उन्हें गुमराह किया.
इसकी शिकायत सबसे पहले आईईसी की स्क्रीनिंग कमेटी के बोर्ड के पास गई थी. इस बोर्ड में वेदांतु, अपग्रेड और अनएकेडमी जैसी एडटेक कंपनियों के सदस्य हैं. बाद में दूसरे चरण पर शिकायत के समाधान के लिए इसे आईजीआरबी को भेजा गया था. IGRB का नेतृत्व भारत के पूर्व सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश डॉ. न्यायमूर्ति बी.एस. चौहान करते हैं.
आईजीआरबी द्वारा पारित आदेश के अनुसार, शिकायतकर्ता एक नया सर्टिफिकेट जारी करने की मांग कर रहे थे, जिसमें बताया जाता कि यह पोस्टग्रेजुएशन कोर्स है.
पाठ्यक्रम पूरा करने वाले 130 से अधिक स्टूडेंट्स का प्रतिनिधित्व अमरदीप पाटिल ने किया था, और ग्रेट लर्निंग का प्रतिनिधित्व कंपनी के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहन लखमराजू ने किया था. हालांकि, आईआईटी बॉम्बे की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ.
आदेश में आगे कहा गया है कि आईआईटी बॉम्बे ने 'यूजर एक्सपीरियंस डिजाइन में पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम' की डिलीवरी के लिए ग्रेट लर्निंग के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट पर साइन किया था.
प्रोग्राम का ब्रोशर ग्रेट लर्निंग द्वारा तैयार किया गया था और आईआईटी बॉम्बे ने उसे मंजूरी दी थी किया गया था और ग्रेट लर्निंग को सर्टिफिकेट की सामग्री को बदलने का अधिकार नहीं है क्योंकि यह आईआईटी बॉम्बे द्वारा जारी किया गया है.
आदेश में आगे कहा गया कि ग्रेट लर्निंग या आईआईटी बॉम्बे की ओर से कोई गलत जानकारी नहीं दी गई थी क्योंकि प्रोग्राम ब्रोशर, प्रोग्राम डिटेल्स और कम्प्लीशन सर्टिफिकेट की कॉपी संभावित उम्मीदवारों को शिकायतकर्ताओं सहित बहुत पहले ही जारी कर दी गई थी.
चूंकि कोर्स में नामांकन से पहले शिकायतकर्ताओं द्वारा इस संबंध में कोई शिकायत नहीं की गई थी और न ही कोई मुद्दा उठाया गया था, इसलिए शिकायतकर्ता इस संबंध में अब शिकायत नहीं कर सकते हैं.
कुछ स्टूडेंट्स ने कहा कि उन्होंने एक वकील से संपर्क किया है और ग्रेट लर्निंग के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की कोशिश करेंगे क्योंकि आईईसी द्वारा उनकी चिंताओं का समाधान नहीं किया गया है. हालांकि अभी तक कंपनी के खिलाफ कोई आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है.
BYJU's पर लगातार लग रहे हैं आरोप
बता दें कि, ग्रेट लर्निंग और बायजूज ग्रुप की कंपनियों पर पहले से ही मिससेलिंग को लेकर आरोप लग रहे हैं. जुलाई में, एक पैरेंट्स ने बायजूज पर खराब लर्निंग गुणवत्ता मुहैया कराने का आरोप लगाया था. कोर्ट के आदेश के बाद बायजूज को पैरेंट्स को 99,000 रुपये का रिफंड और 30,000 रुपये का मुआवजा देना पड़ा था.
वहीं, कांग्रेस सांसद कार्ति पी. चिदंबरम ने देश के फ्रॉड रेगुलेटर को पत्र लिखकर देश की दिग्गज एडटेक कंपनी BYJU'S के फाइनेंसेस की जांच करने के लिए कहा है.