रेलवे की जमीनों पर बन सकेंगे कार्गो, स्कूल और अस्पताल, सरकार ने नियमों में दी ढील
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि रेलवे को इससे ज्यादा राजस्व प्राप्त होगा और लगभग 1.2 लाख नौकरियों की सृजन क्षमता पैदा होगी. उन्होंने कहा कि इसके तहत 300 पीएम गति शक्ति कार्गो टर्मिनल अगले पांच वर्ष में विकसित किए जाएंगे.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पीएम गति शक्ति योजना को लागू करने के लिए रेलवे की भूमि को लंबे समय तक के लिए लीज पर देने के प्रस्ताव को बुधवार को अनुमति दे दी जिसके तहत अगले पांच वर्ष में 300 पीएम गति शक्ति कार्गो टर्मिनल विकसित किये जायेंगे.
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को अनुमति दी गई . इसके तहत माल संबंधी गतिविधियों, जन उपयोगिताओं और रेलवे के विशेष इस्तेमाल जैसे कार्यों में रेलवे की भूमि को लंबे समय के लिए लीज पर देने की नीति को अनुमति दी गई है.
ठाकुर ने कहा कि रेलवे को इससे ज्यादा राजस्व प्राप्त होगा और लगभग 1.2 लाख नौकरियों की सृजन क्षमता पैदा होगी. उन्होंने कहा कि इसके तहत 300 पीएम गति शक्ति कार्गो टर्मिनल अगले पांच वर्ष में विकसित किए जाएंगे.
एक सरकारी बयान के अनुसार, इससे बिजली, गैस, पानी की आपूर्ति, दूरसंचार केबल, जलमल निपटान, नालियां, ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी), पाइपलाइन, सड़क, फ्लाईओवर, बस टर्मिनल, क्षेत्रीय रेल परिवहन, शहरी परिवहन जैसी जन उपयोगिताओं के एकीकृत तरीके से विकास में मदद मिलेगी.
बयान के अनुसार, इसका कोई अतिरिक्त खर्च नहीं होगा. भूमि लीज पर देने की नीति को उदार बनाने से सभी स्टेकहोल्डर्स/सर्विस प्रोवाइडर्स/ऑपरेटरों के लिए ज्यादा कार्गो संबंधी सुविधाएं स्थापित करने के रास्ते खुलेंगे . इससे रेलवे के लिए अतिरिक्त कार्गो यातायात एवं माल ढुलाई राजस्व पैदा करने में उनकी भागीदारी की राह भी बनेगी.
इसमें कहा गया है कि ये नीति भूमि के प्रति वर्ष बाजार मूल्य के 1.5 प्रतिशत की दर से 35 वर्ष तक की अवधि के लिए, कार्गो से संबंधित गतिविधियों हेतु रेलवे की भूमि को लंबी अवधि के लीज पर प्रदान करने का प्रावधान करती है.
रिन्यूवेबल इनर्जी प्लांट्स, वाटर रिसाइकलिंग और ट्रीटमेंट प्लांट्स केवल रेलवे के उपयोग के लिए होंगे जबकि स्कूल और अस्पताल जैसे सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर रेलवे लाभार्थियों और बड़े पैमाने पर आम जनता के लिए हो सकते हैं.
कार्गो मूवमेंट बिजनेस में शामिल प्राइवेट प्लेयर्स सरकार से रेलवे लैंड लीजिंग रेट को कम करने की मांग कर रहे हैं. रेलवे के तहत आने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (CONCOR) कंटेनर मूवमेंट बिजनेस में मार्केट लीडर है.
रेलवे ने CONCOR को देश भर में अपने कंटेनर मूवमेंट डिपो स्थापित करने के लिए लीज पर बहुत सारी जमीन दी थी. कंपनी की हिस्सेदारी की बिक्री कंपनी के मूल्यांकन के मुकाबले जमीन के वैल्यूएशन पर अटक गई थी.
Edited by Vishal Jaiswal