अब विदेशी शेयरों को खरीदना होगा और भी आसान, Cashfree Payments को RBI ने दी मंजूरी
अब भारतीय यूजर विदेशी एक्सचेंजों पर लिस्टेड शेयरों को आसानी से खरीद सकेंगे. फिनटेक स्टार्टअप Cashfree Payments ने इसे संभव बनाने के लिए खास फीचर बनाया है, जिसे रोल आउट करने के लिए RBI ने मंजूरी दे दी है.
फिनटेक स्टार्टअप ने
ने हाल ही में घोषणा की है कि उसे अपने क्रॉस-बॉर्डर प्रोडक्ट्स के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India - RBI) से मंजूरी मिल गई है. क्रॉस-बॉर्डर प्रोडक्ट्स पर रेग्यूलेटरी Sandbox के तहत RBI के दूसरे कोहोर्ट के दौरान कंपनी ने सफलतापूर्वक इस प्रोडक्ट को पेश किया. यह प्रोडक्ट भारतीय फिनटेक कंपनियों को भारतीय निवेशकों के लिए एक फीचर के रूप में यूपीआई / नेट बैंकिंग के माध्यम से विदेशी मुद्रा में सूचीबद्ध शेयरों, एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) यूनिट्स और दूसरी एसेट्स खरीदने में मददगार साबित होगा.क्रॉस-बॉर्डर इन्वेस्टमेंट आरबीआई की Liberalized Remittance Scheme (LRS) के दायरे में आएगा. RBI के अनुसार, प्रोडक्ट को लागू रेग्यूलेटरी जरुरतों के अनुपालन के अधीन विनियमित संस्थाओं द्वारा अपनाने के लिए विचार किया जा सकता है.
विदेशी शेयरों में निवेश करने की चाहत रखने वाले भारतीयों के लिए सबसे कठिन कदमों में से एक उनके विदेशी खातों में फंडिंग करना है. परंपरागत रूप से, इस प्रक्रिया में A2 फॉर्म भरने, अधिक फिक्स्ड फीस का भुगतान करने और यहां तक कि कई मामलों में बैंक शाखा में जाने की आवश्यकता होती है. Cashree Payments का प्रोडक्ट यूपीआई, नेट बैंकिंग और LRS अनुपालन के माध्यम से भुगतान की प्रक्रिया को इंटीग्रेट, निर्बाध और पूरी तरह से डिजिटल बनाता है. निवेशक 1000 रुपये के साथ निवेश शुरू कर सकते हैं. प्रोडक्ट विदेशी मुद्रा (foreign exchange - FX) शुल्क पर बचत और धन तक पहुंच के लिए तेजी से निपटान भी प्रदान करता है.
कैसे काम करता है फीचर?
इस मॉडल के जरिए निवेशकों को केवल Cashree Payments के साथ इंटीग्रेटेड ऐप में लॉग इन करना होगा. भारतीय मुद्रा (INR) में ट्रांसफर शुरू करने के लिए उन्हें KYC प्रोसेस से गुजरना होगा. कंपनी तब इस ट्रांसफर की गई राशि को USD की तरह विदेशी मुद्रा में कन्वर्ट कर देगी, और इसे विदेशी ब्रोकर को भेज देगी, जिससे निवेशक इंटरनेशनल स्टॉक को सफलतापूर्वक खरीद सकेंगे.
भारतीय निवेशकों के बीच ज्यादातर बड़ी टेक और फार्मा कंपनियों के अमेरिकी स्टॉक सबसे लोकप्रिय हैं. Cashree Payments कई भारतीय फिनटेक प्लेटफॉर्म के साथ काम कर रहा है, जो एक फीचर के रूप में क्रॉस-बॉर्डर निवेश की पेशकश कर रहे हैं.
Cashree Payments के को-फाउंडर रीजू दत्ता ने कहा, “हमें क्रॉस बॉर्डर पेमेंट्स पर रेग्यूलेटरी Sandbox के तहत RBI के दूसरे कोहोर्ट के टेस्टिंग फेज को सफलतापूर्वक पूरा करने की खुशी है. यह उपलब्धि पेमेंट इकोसिस्टम में लगातार नए और कामगार सॉल्यूशन बनाने के हमारे प्रयासों की पुष्टि करती है. हमारा क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट प्लेटफ़ॉर्म विदेशी शेयरों में निवेश को बहुत आसान और सुविधाजनक बनाने का इरादा रखता है, जिससे रिटेल इनवेस्टर स्थानीय भुगतान विधियों के माध्यम से भुगतान कर सकें. प्रोडक्ट को अलग-अलग मापदंडों पर परखा गया था. हम भारतीय फिनटेक इकोसिस्टम के साथ काम करने के लिए तत्पर हैं और भारतीय निवेशकों को अंतरराष्ट्रीय निवेश तक पहुंच प्रदान करते हैं."
सितंबर 2021 में, Cashree Payments सहित आठ संस्थाओं को RBI ने दूसरे ग्रुप के टेस्टिंग फेज के लिए चुना था.
हाल ही में, भारत के सबसे बड़े लेंडर SBI ने Cashree Payments में निवेश किया है. स्टार्टअप सभी प्रमुख बैंकों के साथ मिलकर काम करता है ताकि कोर पेमेंट्स और बैंकिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया जा सके जो बाद के प्रोडक्ट्स को शक्ति प्रदान करता है. यह Shopify, Wix, Paypal, Amazon Pay, Paytm और Google Pay जैसे प्रमुख प्लेटफॉर्म के साथ भी इंटीग्रेटेड है. भारत के अलावा, Cashree Payments प्रोडक्ट्स का उपयोग अमेरिका, कनाडा और संयुक्त अरब अमीरात सहित आठ अन्य देशों में किया जाता है.