17 बार दी कैट की परीक्षा, 6 बार किया टॉप लेकिन इस वजह से नहीं लिया आईआईएम में दाखिला
पैट्रिक अब तक 17 बार कैट की परीक्षा दे चुके हैं, जिसमें 6 बार तो उन्होने टॉप भी किया है, लेकिन पैट्रिक आईआईएम में दाखिला लेने के बजाय तकनीक के माध्यम से छात्रों को इस परीक्षा को पास करने में मदद कर रहे हैं।
देश के सबसे बड़े प्रबंधन संस्थान आईआईएम में दाखिला लेने के लिए हर साल लाखों छात्र कैट (कॉमन एडमिशन टेस्ट) देते हैं, इस परीक्षा में टॉप करने वाले छात्रों को ही इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) से बुलावा आता है।
लेकिन एक छात्र ऐसे भी हैं जिन्होने 17 बार कैट की परीक्षा देकर 6 बार उसमें टॉप भी किया, लेकिन फिर भी आईआईएम में दाखिला नहीं लिया।
ये छात्र हैं पैट्रिक डिसूजा, जो अब शिक्षक बन चुके हैं। साल 2019 में हुई कैट की परीक्षा में भी पैट्रिक ने देश के टॉप 10 छात्रों में अपनी जगह बनाई थी। पैट्रिक फिलहाल एक कोचिंग इंस्टीट्यूट में शिक्षक के पद पर हैं।
TV9 भारतवर्ष की रिपोर्ट के अनुसार पैट्रिक कैट का एग्जाम इस लिए देते हैं ताकि वे परीक्षा को क्रैक कैसे करना है, इस बात से अपडेट रह सकें।
पैट्रिक मुंबई के ठाणे के निवासी हैं। पैट्रिक ने साल 1996 में पहली बार यह परीक्षा दी थी और परीक्षा को पास भी किया था, हालांकि उस परीक्षा में पैट्रिक टॉप नहीं कर सके थे। पैट्रिक साल 2002 से शिक्षक हैं। पैट्रिक के पढ़ाये हुए करीब 1 दर्जन छात्रों ने अब तक कैट की परीक्षा में 99 पर्सेंटाइल हासिल किए हैं।
पैट्रिक अपने छात्रों की बेहतर तैयारी के लिए खुद कैट की परीक्षा में हिस्सा लेते हैं। परीक्षा में शामिल होकर पैट्रिक परीक्षा के बारे में तकनीक इकट्ठा करते हैं, इन्हीं तकनीक का इस्तेमाल इनके पढ़ाये हुए छात्र कैट की परीक्षा के दौरान पास होने के लिए करते हैं।
पैट्रिक इसी के चलते अब तक 17 बार कैट की परीक्षा दे चुके हैं, हालांकि उन्होने कभी आईआईएम में दाखिला लेने का मन नहीं बनाया।
गौरतलब है कि इस साल कैट की परीक्षा में 10 छात्रों ने 100 पर्सेंटाइल हासिल किया था, जबकि पिछले साल यह संख्या 11 थी। इस बार टॉप करने वालों में आईआईटी बॉम्बे के दो छात्रों राहुल और सोमेश ने भी टॉप किया था। कैट की परिक्षा में इस बार कुल 2 लाख 44 हज़ार 169 छात्रों ने आवेदन किया था, जबकि पिछली बार यह संख्या 3 हज़ार कम थी।