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UP और CBSE Board के स्टूडेंट्स में से किसका आत्मविश्वास होता है अधिक? सर्वे में आए चौंकाने वाले आंकड़े

भारत के चार प्रमुख क्षेत्रों में छह मेट्रो शहरों और कई गैर-मेट्रो शहरों में कुल 2,807 छात्रों के बीच यह सर्वेक्षण किया गया. सर्वेक्षण में दावा किया गया है, ‘‘36 प्रतिशत छात्रों ने आत्मविश्वास के स्तर (81-100) का संकेत दिया है.’

UP और CBSE Board के स्टूडेंट्स में से किसका आत्मविश्वास होता है अधिक? सर्वे में आए चौंकाने वाले आंकड़े

Sunday September 11, 2022 , 3 min Read

एक सर्वेक्षण में दावा किया गया है कि केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) और भारतीय माध्यमिक शिक्षा प्रमाणपत्र (ICSE) स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के बीच आत्मविश्वास का स्तर राज्यों के बोर्ड के तहत अध्ययनरत छात्रों की तुलना में थोड़ा अधिक है. ‘टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज’ (TISS) और एडटेक कंपनी ‘लीड’ द्वारा किया गया है.

भारत के चार प्रमुख क्षेत्रों में छह मेट्रो शहरों और कई गैर-मेट्रो शहरों में कुल 2,807 छात्रों के बीच यह सर्वेक्षण किया गया. सर्वेक्षण में दावा किया गया है, ‘‘36 प्रतिशत छात्रों ने आत्मविश्वास के स्तर (81-100) का संकेत दिया है.’’ इसमें कहा गया है कि CBSE और ICSE स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों में राज्य बोर्ड के छात्रों की तुलना में अधिक आत्मविश्वास था.

इसमें कहा गया है, ‘‘हालांकि, दिल्ली में राज्य बोर्ड के छात्रों के लिए आत्मविश्वास सूचकांक थोड़ा अधिक है.’’ परिणामों को चार श्रेणियों में विभाजित किया गया है: एस्पिरेंट, लीडर, ऑलराउंडर और इन्फ्लुएंसर.

सर्वेक्षण में कहा गया है, ‘‘अखिल भारतीय स्तर पर, हर दो प्रतिवादी छात्रों में से एक ‘ऑलराउंडर’ वर्ग में है, जिसमें एक तिहाई से कुछ अधिक छात्र प्रभावशाली वर्ग में जगह पाते हैं. दिलचस्प बात यह है कि मेट्रो और गैर-मेट्रो शहरों में प्रवृत्ति समान है. हालांकि महानगरों में प्रभावशाली वर्ग का आकार (44 प्रतिशत) गैर-मेट्रो छात्रों (28 प्रतिशत) की तुलना में काफी अधिक है.’’

इसमें कहा गया है, ‘‘बच्चों में आत्मविश्वास कभी इतना अधिक महत्वपूर्ण नहीं रहा. यह जीवन में सभी सफलता और उपलब्धि की नींव है. यह अकादमिक प्रेरणा और शैक्षणिक नतीजों को भी प्रभावित करता है.’’

सर्वेक्षण में कहा गया है कि क्षेत्रवार तुलना के मामले में, पश्चिम भारत (81) आत्मविश्वास सूचकांक में सबसे ऊपर है, जबकि दक्षिण (75) और पूर्व (74) क्षेत्र राष्ट्रीय औसत के पास हैं और उत्तर (70) क्षेत्र सबसे अंतिम पायदान पर है. हैदराबाद 87 प्रतिशत के साथ आत्मविश्वास सूचकांक के मामले में शीर्ष शहर के रूप में सामने आया है, इसके बाद दिल्ली 80, मुंबई और कोलकाता 78 प्रतिशत, बेंगलुरु 75 और चेन्नई 71 प्रतिशत है.

इसमें कहा गया है, ‘‘यह भी देखा गया कि कक्षा 9 और 10 (75 प्रतिशत) में छात्रों का आत्मविश्वास सूचकांक कक्षा 6-8 (74 प्रतिशत) के छात्रों की तुलना में थोड़ा सा अधिक है.’’

बता दें कि, स्टूडेंट्स में आत्मविश्वास निर्माण में मुख्य तौर पर पांच कारक योगदान देते हैं. वे हैं वैचारिक समझ, महत्वपूर्ण सोच, संचार, सहयोग और अवसरों के लिए जोखिम. हैदराबाद और अंबाला के कॉन्फिडेंस इंडेक्स के बीच का अंतर दर्शाता है कि आत्मविश्वास पैदा करने वाली पांच प्रमुख विशेषताओं में मेट्रो शहरों के छात्रों को नॉन-मेट्रो शहरों के अपने साथियों पर साफ तौर पर बढ़त हासिल है.

यही कारण है कि स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता, मानक एवं मूल्यांकन प्रणाली को बेहतर बनाने के लिये राष्ट्रीय स्तर पर एक स्वतंत्र इकाई का गठन किया जा रहा है तथा इस प्रस्तावित एजेंसी को 'परख' नाम दिया गया है.


Edited by Vishal Jaiswal