कोरोना मरीजों की डिजिटल देखभाल के लिए चेन्नई स्थित स्टार्टअप HELYXON ने बनाई AI आधारित डिवाइस
चेन्नई स्थित स्टार्टअप HELYXON ने कोरोना संक्रमित मरीजों की डिजिटल देखरेख के लिए एआई आधारित उपकरण विकसित किए हैं।
जैसा कि हम भारत में कोरोनोवायरस के मामलों में वृद्धि देख रहे हैं, इस दौरान स्वास्थ्य सेवा प्रदाता कोविड-19 रोगियों के लिए रूप में खुद को बड़े पैमाने पर जोखिम में डाल रहे हैं। इन मरीजों की निगरानी करना काफी जोखिम भरा है, इसलिए रोगियों की दूरस्थ निगरानी के लिए स्वास्थ्य पेशेवरों को उपकरणों से लैस करना समय की आवश्यकता है।
चेन्नई स्थित स्टार्टअप HELYXON अपने AI- सक्षम उत्पादों 98.6 फीवर वॉच और OXY 2 के माध्यम से इस समस्या को हल करना चाह रहा है, जो फ्रंटलाइन श्रमिकों को डिजिटल रूप से रोगियों की निरंतर निगरानी करने में सहायता करते हैं।
स्टार्टअप की स्थापना 2014 में विजय शंकर राजा द्वारा की गई थी और इसका उद्देश्य भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के के बीच बने गैप भरना था। स्टार्टअप ने IITM के हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी इनोवेशन सेंटर (HTIC) के सहयोग से उपकरणों का विकास किया और ये शुरुआत में नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य की निगरानी करने के लिए थे।
कोरोनावायरस रोगियों की निगरानी
YourStory से बात करते हुए विजय कहते हैं, “वर्तमान में, COVID-19 रोगियों के तीन प्रकार हैं। एक बिना लक्षण वाले, दूसरे हल्के लक्षणों वाले और अन्य गंभीर रूप से बीमार रोगी हैं, जबकि गंभीर रूप से बीमार रोगियों को ICU की आवश्यकता होती है, अन्य दो प्रकार के रोगियों को HELYXON के उत्पादों का उपयोग करके निगरानी की जा सकती है।"
वे कहते हैं, डॉक्टर और हेल्थकेयर प्रदाता अपने घरों से या आइसोलेशन वार्ड से मरीजों की निगरानी करने के लिए HELYXON के उत्पादों का उपयोग कर सकते हैं।
विजय के अनुसार उनका AI- आधारित बायोसेंसर डिवाइस ‘98 .6 फीवर वॉच’ लगातार शरीर के तापमान को डिजिटल रूप से मॉनिटर करता है और डॉक्टरों या अटेंडेंट को शरीर के तापमान में किसी भी असामान्य स्पाइक के बारे में सचेत करता है।
विजय कहते हैं,
“'98.6 फीवर वॉच' रोगियों के कांख में फिट की जा सकती है, जो रोगी की निगरानी करने के साथ ही निरंतर आधार पर डेटा एकत्र करती है और इसे ब्लूटूथ के माध्यम से मोबाइल फोन पर भेज देती है। यह फिर जीएसएम या वाईफाई के माध्यम से क्लाउड कंप्यूटर सर्वर में ले जाया जा सकता है। सहेजे गए डेटा को तब रोगी की स्थिति का ध्यान रखने के लिए स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों द्वारा निगरानी स्क्रीन पर एक्सेस किया जा सकता है।”
रोगी के शरीर के तापमान की निगरानी के अलावा यह उपकरण मरीजों की गतिविधि पर नजर रखने के लिए कार्यवाहकों को जियो-फेंसिंग सूचना भी प्रदान करता है।
विजय बताते हैं कि डिवाइस का उपयोग रोगियों को संलग्न करने के लिए किया जा सकता है, जहां रोगी और उनके परिवार के सदस्यों को प्रोटोकॉल-आधारित पूर्व-निर्धारित संदेश भेजे जाते हैं कि उन्हें कैसे खुद का ख्याल रखना चाहिए। डिवाइस यह सुनिश्चित करने के लिए कनेक्टिविटी की निगरानी करता है कि रोगी अपने शरीर से डिवाइस को हटा न दे क्योंकि इससे डेटा हानि हो सकती है।
इसी तरह, ओएक्सवाई 2 वास्तविक समय में शरीर के तापमान, हृदय गति और ऑक्सीजन संतृप्ति की निगरानी कर सकता है और इसे अस्पतालों में एक साथ हजारों रोगियों की निगरानी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
इसके अलावा हेलिकॉन ने डॉक्टरों को मरीजों के साथ दूर से कनेक्ट करने के लिए My+Health मोबाइल एप्लिकेशन विकसित किया है। मरीज अपने लक्षणों के बारे में परामर्श करने या किसी भी संदेह को स्पष्ट करने के लिए चैट, वॉइस या वीडियो कॉल के माध्यम से डॉक्टरों तक पहुंच सकते हैं।
विजय कहते हैं
“फीवर वॉच 2,500 रुपये में उपलब्ध है और ओएक्सवाई 2 की कीमत लगभग 8,000 रुपये है। चूंकि अभी COVID-19 रोगियों की निगरानी के लिए इसे अधिक ऑक्सीजन, तापमान, और विस्तार जांच (ट्यूब या तारों को जोड़ने) की आवश्यकता है, इसलिए इसकी कीमत 13,000-14,000 रुपये तक हो सकती है।”
स्वास्थ्य सेवा में तकनीक का उपयोग
हेल्थकेयर सेक्टर में 32 साल के अनुभव के साथ आने वाले विजय का मानना है कि भारतीय हेल्थकेयर इंडस्ट्री की तीन प्रमुख समस्याएं हैं - खर्च करने की क्षमता, लोगों तक पहुंच और उस पर विश्वास।
खराब स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे और कम डॉक्टर-रोगी अनुपात के कारण हर किसी के पास देश में स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच नहीं है। यदि चिकित्सक शारीरिक रूप से सभी रोगियों तक नहीं पहुंच सकते हैं, तो आभासी परामर्श के साथ समस्या को हल करने का सबसे अच्छा तरीका टेक्नालजी ही है। इस प्रकार प्रौद्योगिकी रोगियों की पहुंच और विश्वास को सक्षम कर सकती है और इन दोनों के साथ, स्वास्थ्य देखभाल की क्षमता भी संभव हो जाती है।
विजय के अनुसार, Helyxon में वर्तमान में इन उपकरणों का उपयोग करने वाले 130,000 मरीज हैं। कंपनी ने चेन्नई के पास चेंगलपट्टू में एक मेडिकल कॉलेज और एक निजी अस्पताल के साथ करार किया है, जिसमें उसने कोविड-19 रोगियों की निगरानी के लिए 25 उपकरणों की आपूर्ति की है।
विजय बताते हैं कि उत्पादों का निर्माण विक्रेताओं के माध्यम से किया जाता है और यह वर्तमान में एक सप्ताह में 10,000 यूनिट तक उत्पादन करने की क्षमता रखता है।
विजय के अनुसार स्टार्टअप देश में सबसे अच्छा हेल्थकेयर मेडटेक प्लेटफॉर्म बनने की योजना बना रहा है। Helyxon वर्तमान में प्रैक्टो, Lybrate, और Mfine जैसे स्टार्टअप से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहा है।