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छत्तीसगढ़ के कृषि वैज्ञानिकों ने ईजाद की किसानों की कमाई बढ़ाने वाली कुकीज

छत्तीसगढ़ के कृषि वैज्ञानिकों ने ईजाद की किसानों की कमाई बढ़ाने वाली कुकीज

Thursday January 09, 2020 , 3 min Read

चार दशक पहले तिब्बती शरणार्थियों को मैनपाट में बसाया गया था। वे ही यहां विदेशी फसल टाऊ साथ लाए। अब इंदिरा गांधी कृषि विश्विद्यालय के कृषि वैज्ञानिक संदीप शर्मा की टीम ने टाऊ के आटे से ऐसी कुकीज बनाई है, जो ब्लड प्रेशर कम करती है। इसलिए इसका आटा महंगा होने से किसानों की आमदनी भी बढ़ जाएगी।

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किसानों से बातचीत करते वैज्ञानिक संदीप शर्मा (फोटो सोशल मीडिया से)



रायपुर (छत्तीसगढ़) के सरगुजा संभाग के पहाड़ी इलाके मैनपाट में 1600 हेक्टेयर में टाऊ की खेती होती है। यहां के मैनपाट इलाके में बसाए गए 230 तिब्बती परिवार ही पहले इस विदेशी फसल टाऊ की खेती करते रहे हैं। अब तो आदिवासी और अन्य किसान भी पूरे संभाग में करीब 10 हजार हेक्टेयर में यह खेती करने लगी हैं।


मैनपाट के कृषि वैज्ञानिकों ने टाऊ (कुट्‌टू) के आटे से तैयार एक ऐसी कुकीज तैयार की है, जो ब्लड प्रेशर कम करने में मददगार साबित हो सकती है। इसके इस्तेमाल से शरीर में वसा नहीं बढ़ती है, बल्कि इसमें मौजूद प्रोटीन और आयरन सेहत को बेहतर बनाते हैं। टाऊ का आटा ही अब तक बाजार में मौजूद था।


रिसर्च के बाद इस शोधित प्रॉडक्ट कुकीज से किसानों की कमाई में बढ़ोत्तरी की संभावना है। गौरतलब है कि खाने में बहुत ही हल्की और स्वाद में बेजोड़ कुकीज़ एक कप गर्म कॉफी के साथ अपना मजा दोगुना कर लेती है। कुकीज़ बनाने में बेहद ही आसान होती है। कुछ सामग्री के साथ इसे घर पर किसी भी खास मौके पर बनाया जा सकता है।


बताया जाता है कि लगभग चार दशक पहले तिब्बती शरणार्थियों को छत्तीसगढ़ के मैनपाट में बसाया गया था। ऊंचाई पर होने वाली फसल टाऊ को यह वर्ग अपने साथ सांस्कृतिक विरासत के तौर पर लेकर छत्तीसगढ़ आया है। उनसे सीखकर यहां के आदिवासी और अन्य किसान भी टाऊ की खेती करने लगे हैं।




छत्तीसगढ़ का शिमला कहे जाने वाले मैनपाट में विदेशी फसल टाऊ को अब न सिर्फ तिब्बती बल्कि स्थानीय किसानों ने अपना लिया है। पूरा मैनपाट टाऊ की फसल से लहलहाता रहता है। प्राकृतिक रूप से सुंदर मैनपाट में टाऊ के फूल सैलानियों को भी अपनी ओर आकर्षित करते हैं। सैलानियों के लिए जरूर टाऊ की फसल महज फोटो खिंचवाने और अपनी ओर आकर्षण करने की चीज है किंतु मैनपाट के किसानों की इस विदेशी फसल ने तकदीर बदल दी है।


सरगुजा संभाग में स्थित इंदिरा गांधी कृषि विश्विद्यालय के मैनपाट कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक संदीप शर्मा बताते हैं कि उनकी टीम विश्विद्यालय के कुलपति डॉ. एसके पाटिल के निर्देशन में काम कर रही है। टाऊ (कुट्टू) के आटे में मैगनीज होता है, जो हड्डियों के लिए फायदेमंद है। इसमें आयरन, प्रोटीन और कांप्लेक्स कार्बोहाइड्रेट होता है।


यह ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में भी मददगार है, इसमें में फाइबर के अलावा मैग्नीशियम भी होता है। इस आटे में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स अधिक मात्रा में होता है, जो लिवर के लिए फायदेमंद है। छत्तीसगढ़ में बहुत सी महिलाओं को एनीमिया है, इस आटे में इस रोग के खिलाफ लड़ने वाले तत्व हैं। आम कुकीज में मैदा और शक्कर होती है।


उनकी टीम फिलहाल कुकीज छोटे पैमाने में बना रही है। प्रशासन से उन्होंने छोटे प्रोसेसिंग यूनिट की मांग की है। अब तक इस इलाके के किसान टाऊ के दाने ही 40 से 60 रुपए प्रति किलो बेचते आ रहे हैं।


संदीप शर्मा बताते हैं,

"कुकीज को बनाने में 300 रुपए का खर्च आता है। एक किलो आटे में 3 किलो कुकीज बनती है जो 400 रुपए प्रति किलो बेची जा सकती है। इससे किसानों को दोगुने से भी ज्यादा कमाई हो सकती है।"