सस्ते चीनी स्मार्टफोन हो सकते हैं बैन, टॉप-5 में से 4 मोबाइल कंपनियां चाइनीज, जानिए आपको फायदा होगा या नुकसान!
मौजूदा समय में भारत के स्मार्टफोन बाजार पर चीनी कंपनियों का कब्जा है. खबर है कि सरकार जल्द ही सस्ते चीनी मोबाइल पर बैन लगाने की सोच रही है. समझिए आपके लिए इसके क्या मायने हैं.
भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मोदी सरकार (Modi Govt) आए दिन कोई न कोई कदम उठा रही है. खुद पीएम मोदी बार-बार तमाम आयोजनों में लोगों को आत्मनिर्भर बनने और साथ ही देश को आत्मनिर्भर (Atmanirbhar Bharat) बनाने की बात कह चुके हैं. इसी कड़ी में अब खबर है कि मोदी सरकार चीनी कंपनियों के सस्ते स्मार्टफोन्स पर बैन (Chinese Smartphones Ban) लगाने की तैयारी कर रही है. ब्लूमबर्ग ने सूत्रों के हवाले से जारी रिपोर्ट में कहा है कि भारत सरकार जल्द ही 12000 रुपये से कम कीमत वाले मोबाइल फोन सेगमेंट में चीन की स्मार्टफोन कंपनियों (China Smartphone Companies) पर बैन लगा सकती है. अगर ऐसा होता है तो चीन को बड़ा झटका लगेगा, लेकिन भारत की मोबाइल कंपनियों के लिए एक बड़ा बाजार खुल जाएगा.
स्मार्टफोन के बाजार पर है चीन का कब्जा
अगर स्मार्टफोन के बाजार की बात करें तो टॉप-5 स्मार्टफोन कंपनियों में 4 चीनी कंपनियां हैं. सबसे ज्यादा मार्केट है शाओमी (25%) के पास. दूसरे नंबर पर है सैमसंग, जिसके पास करीब 20 फीसदी बाजार है. इसके अलावा रीयलमी के पास करीब 15 फीसदी, ओप्पो के पास करीब 10 फीसदी और वीवी के पास करीब 15 फीसदी बाजार है. यानी बाकी का बाजार (15%) बची हुई सारी कंपनियों में बंटता है. इसमें भी अगर सस्ते स्मार्टफोन के बाजार की बात करें तो उसमें शाओमी का दबदबा है. अगर चीन के सस्ते मोबाइल फोन बैन होते हैं तो इससे भारतीय मोबाइल निर्माता कंपनियों जैसे माइक्रोमैक्स और लावा को तगड़ा फायदा होगा.
चीन से निर्भरता खत्म करना चाहती है सरकार
अगर ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट बिल्कुल सही साबित होती है तो यह दिखाती है कि कैसे मोदी सरकार चीन पर से निर्भरता को खत्म करने में लगी हुई है. होली, दिवाली, राखी जैसै त्योहारों पर चीन से आने वाले आइटम तो पहले ही बहुत कम हो चुके हैं और इन क्षेत्रों में भारत के छोटे-बड़े कारोबारियों को बिजनेस का मौका मिल रहा है. अगर मोबाइल भी बैन हो जाते हैं तो भारत की मोबाइल निर्माता कंपनियों के लिए मौके खुलेंगे. इससे एक तो चीन से निर्भरता खत्म होगी और दूसरा देश में रोजगार पैदा होगा. सरकार चीन से निर्भरता को खत्म तो करना चाहती है, लेकिन अगर चीन से आने वाली चीजें अचानक बंद कर दीं तो दिक्कत हो सकती है. ऐसे में भारत सरकार धीरे-धीरे इस दिशा में आगे बढ़ रही है.
चीनी मोबाइल बंद हुए तो महंगे भी हो सकते हैं स्मार्टफोन्स
जब भारतीय बाजार में चीनी स्मार्टफोन्स की एंट्री नहीं हुई थी, उस वक्त मोबाइल फोन के दाम अधिक हुआ करते थे. चीन की कंपनियों ने मोबाइल मार्केट में ऐसा कॉम्प्टीशन पैदा किया कि भारत से लेकर दुनिया भर की तमाम विदेशी कंपनियां भी अपने स्मार्टफोन्स के दामों में गिरावट के तरीके खोजने लगीं. नतीजा ये हुआ कि ग्राहकों को बेहद सस्ते स्मार्टफोन मिलने लगे, वो भी बहुत सारे शानदार फीचर्स के साथ. ऐसे में अगर भारतीय बाजार में चीनी मोबाइल कंपनियों पर बैन लगता है तो इससे कॉम्प्टीशन कम हो जाएगा और मोबाइल के दाम बढ़ सकते हैं. चीन में मोबाइल बेहद सस्ते दाम पर बन जाते हैं, इसीलिए माइक्रोमैक्स और लावा जैसी भारतीय मोबाइल कंपनियां उनसे मुकाबला नहीं कर सकीं.
भारत से चीन को तेजी से बढ़ रहा निर्यात, लेकिन...
भारत की तरफ से 2021 में चीन को करीब 24 अरब डॉलर का निर्यात किया गया. यह 2020 में 19 अरब डॉलर था, जो 2019 में 17.1 अरब डॉलर था. भारत से चीन को निर्यात बढ़ना तो अच्छी खबर है, लेकिन आयात भी बढ़ रहा है. 2021 कैलेंडर ईयर में भारत में चीन से होने वाला आयत बढ़कर करीब 97.52 अरब डॉलर पर पहुंच गया. इनमें स्मार्टफोन, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक गुड्स, मशीनें, फर्टिलाइजर और फार्मा प्रोडक्ट का सबसे अहम योगदान रहा. भारत की रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के अनुसार भारत में मोबाइल फोन बनाए जाने से चीन से मोबाइल का आयात वित्त वर्ष 2021-22 में करीब 37 फीसदी घटा है. वहीं इस दौरान वियतनाम से मोबाइल फोन का आयात करीब 21 फीसदी गिरा है. भारत में स्मार्टफोन बनाने की दिशा में 2022 में करीब 24-26 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिली है.