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बॉलीवुड में जो कभी करता था असिस्टेंट डायरेक्टर और कोरिओग्राफर काम, आज गरीब बच्चों दे रहा है मुफ्त में डांस की ट्रेनिंग

मुंबई से लेकर दिल्ली तक विनय शर्मा की ‘डांस आउट ऑफ पवर्टी’ पहल के तहत 2500 से अधिक बच्चे पा चुके हैं मुफ्त में डांस ट्रेनिंग और कईयों को मिला है रोज़गार...

बॉलीवुड में जो कभी करता था असिस्टेंट डायरेक्टर और कोरिओग्राफर काम, आज गरीब बच्चों दे रहा है मुफ्त में डांस की ट्रेनिंग

Thursday December 19, 2019 , 5 min Read

विनय शर्मा की ‘डांस आउट ऑफ पवर्टी (DOOP)’ पहल के तहत अब तक दिल्ली और मुंबई के स्लम में रहने 2500 से अधिक गरीब बच्चों को डांस की ट्रेनिंग मिल चुकी है। इनमें से कई बच्चों ने अपनी प्रतिभा को निखारते हुए इस क्षेत्र में रोजगार भी अर्जित किया है।

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DOOP ट्रूप के साथ ऋतिक रोशन और विनय शर्मा

20 साल के कौशल का जीवन उथल-पुथल और अराजकता से भरा हुआ था। ड्रग की बुरी लत के चलते कौशल का बुरा हाल था। अपनी इस लत को पूरा करने के लिए कौशल चोरी और जेब काटने जैसे काम में भी संलिप्त थे। फिर साल 2017 में सिंहायना फ़ाउंडेशन की ‘डांस आउट ऑफ पवर्टी (DOOP) पहल से उनका जीवन को बदलना शुरू हो गया।


उन दिनों की याद में कौशल बताते हैं कि ड्रग की लत के चलते वो एक दलदल में फंसते जा रहे थे। वो शुरुआत से ही डांस सीखना चाहते थे, लेकिन परिवार की बुरी आर्थिक स्थिति के चलते ये कभी संभव नहीं हो सका।


कौशल कहते हैं,

“मेरे पिता एक फैक्ट्री में वेल्डर थे, ऐसे में मेरे परिवार के पास इतने पैसे नहीं थे कि मैं डांस की ट्रेनिंग ले सकूँ। मेरी इच्छा न पूरी हो पाने के चलते ही मैं ड्रग्स की तरफ मुड़ गया। मुझे अपनी जिंदगी में बदलाव तब महसूस हुआ जब ‘डांस आउट ऑफ पवर्टी’ पहल की ओर से हमारे इलाके में प्रशिक्षित कोरिओग्राफरों ने आकर हमें डांस के कुछ मूव्स सिखाये और इसके लिए हमें एक भी पैसा नहीं देना पड़ा।”


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DOOP के तहत गरीब बच्चों को डांस सिखा रहे हैं कौशल

डांस के बारे में बात करते हुए कौशल ने बताया कि डांस के जरिये उनके अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ। डांस ने कौशल को मानसिक स्पष्टता और भावनात्मक स्थिरता प्रदान की, जिसकी मदद से ही वो अपनी बुरी आदतों को अच्छे के लिए छोड़ पाये।





DOOP पहल का ही नतीजा है कि कौशल आज दिल्ली के उत्तम नगर की एक डांस एकेडमी में बच्चों को डांस सीखा रहे हैं। पार्ट टाइम डांस टीचर बनकर कौशल आज 5 हज़ार रुपये महीने कमा भी रहे हैं। इसके साथ ही कौशल आज स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग से डिग्री भी कर रहे हैं।


DOOP पहल की शुरुआत साल 2016 में 32 साल के विनय शर्मा द्वारा की गई। सिंहायना फ़ाउंडेशन के फाउंडर विनय शर्मा बॉलीवुड फिल्ममेकर राजकुमार संतोषी के साथ बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर और कोरिओग्राफर काम कर रहे थे। गरीब बच्चों को डांस सीखने की चाह के चलते विनय ने अपनी वह नौकरी छोड़ दी।


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सिंहायना फ़ाउंडेशन के फाउंडर विनय शर्मा

योरस्टोरी से बात करते हुए विनय ने बताया कि,

“हालांकि भारत में डांस हमारे एजुकेशन सिस्टम का हिस्सा नहीं है, लेकिन इस कला में लोगों के भीतर से सर्वश्रेष्ठ निकालने की क्षमता है, जिसके चलते वो अपने सपनों को पंख लगा सकते हैं।”

विनय आगे कहते हैं

“एक बार सीख लेने के बाद इसे शौक या फिर रोजगार के प्रति भी आगे लेकर जाया जा सकता है। आज कई बच्चे ऐसे हैं जो डांस सीखना चाहते हैं, लेकिन उनके पास कोई साधन नहीं है।”

शुरुआत कैसे हुई?

विनय ने साल 2009 में बॉलीवुड में अपना करियर शुरू किया। आगे बढ़ते हुए विनय फिल्मों में असिस्ट भी करने लगे। इंडस्ट्री में आठ साल करने के बाद विनय ने वहाँ से ब्रेक लेने का निर्णय लिया।





यह तब हुआ जब एक बार एक सामाजिक व्यवसायी ने करीब 200 गरीब बच्चों के लिए डांस वर्कशॉप का आयोजन किया। विनय वहाँ पर बच्चों के उत्साह को देखकर काफी प्रभावित हुए, वहीं से विनय ने कुछ इस तरह की पहल करने की ठानी।


अपनी शुरुआत के बारे में बात करते हुए विनय कहते हैं,

“तब कई सारे सामाजिक संगठन ऐसे थे, जो बच्चों को खाना, शिक्षा और स्वास्थ सेवाएँ मुहैया करा रहे थे, लेकिन उनमें से कोई भी ऐसा नहीं था, जो बच्चों को डांस जैसी कला के बारे में सिखा रहा हो। तभी मैंने इन गरीब बच्चों को मुफ्त में डांस की ट्रेनिंग देने के लिए सिंहायना फ़ाउंडेशन की शुरुआत की।”

अच्छी नौकरी छोड़ने और इस तरह से समाजसेवा में जुडने को लेकर विनय को भी लोगों से कई तरह की बातों का सामना करना पड़ा, लेकिन इन सब को लेकर विनय कतई विचलित नहीं हुए। अपनी उम्मीदों को आगे बढ़ाते हुए विनय ने अपनी सारी जमा पूंजी इस पहल में लगा दी।


आगे बढ़ते हुए

DOOP का मुख्य उद्देश्य डांस की मदद से बच्चों के भीतर की सकारात्मक ऊर्जा को बाहर लाते हुए उन्हे इस फील्ड में रोजगार पाने के लिए तैयार करना है।


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इस लक्ष्य को पाने के लिए आज इस पहल से करीब 12 कोरिओग्राफर जुड़े हुए हैं, जो दिल्ली और मुंबई के स्लम में जाकर गरीब बच्चों को मुफ्त में डांस सिखा रहे हैं। ये सभी कोरिओग्राफर इन बच्चों के साथ जुड़कर उन्हे हफ्ते में तीन बार 90 मिनट के सेशन में प्रशिक्षित करते हैं।


विनय बताते हैं,


“बच्चे हमारे साथ जुड़कर डांस के सभी घटकों को सीख रहे हैं। साल में एक बार ये बच्चे एक बड़े मंच पर अपनी प्रतिभा भी दिखाते हैं, जिसमें बॉलीवुड सेलेब्रिटी से लेकर बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं।”


अब तक विनय और उनकी टीम ने 2500 से अधिक बच्चों को प्रशिक्षण दे चुके हैं, जिनमें से 80 ने डांस प्रशिक्षक के तौर पर रोजगार भी पाया है।


विनय अब इस पहल को आगे ले जाते हुए साल 2020 तक 4 और अन्य शहरों में भी शुरूआत करते हुए 10 हज़ार से अधिक बच्चों को प्रशिक्षित करने का प्लान बना रहे हैं।


(Edited by प्रियांशु द्विवेदी)