सोशल मीडिया के लिए 79 फीसदी कंटेंट तैयार कर रहे आम इंटरनेट यूजर
इंटरनेट इंस्टीट्यूट ऑफ ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक ताज़ा सर्वे में पता चला है कि इस समय दुनिया में सोशल मीडिया का 79 प्रतिशत कंटेंट आम इंटरनेट यूजर्स तैयार कर रहे हैं। आज भी 72 प्रतिशत लोग इंटरनेट को निजता के लिए खतरा मानकर ऑनलाइन नहीं आना चाहते हैं, जबिक 69 प्रतिशत को इंटरनेट में कोई रुचि नहीं।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के इंटरनेट इंस्टीट्यूट द्वारा के एक ताज़ा सर्वे में पता चला है कि इस समय दुनिया में सोशल मीडिया का 79 प्रतिशत कंटेंट आम लोग तैयार कर रहे हैं। बाकी कंटेंट संगठित क्षेत्रों, कंपनियों आदि से मिल रहा है। ये कंटेंट उपलब्ध कराने वाले यूजर्स की भागीदारी में पिछले पांच वर्षों में दसगुना इजाफा हुआ है, जो वर्ष 2013 में मात्र आठ प्रतिशत रही है। इस कंटेंट में फोटो और वीडियो जहां बढ़े हैं, वहीं ब्लॉग की संख्या कम हुई है।
अध्ययनकर्ताओं ग्रांट बैलैंड और विलियम एच डूटन के अनुसार 69 प्रतिशत इंटरनेट यूजर्स सोशल मीडिया पर अपने द्वारा ली गई तस्वीरें और वीडियो अपलोड कर रहे हैं लेकिन लिखने का काम 14 प्रतिशत ही कर रहे हैं। इसमें भी एक बड़ा हिस्सा फेसबुक और कुछ हिस्सा ट्विटर पर जा रहा है, ब्लॉग की संख्या आधी से भी कम रह गई है।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की इस ताज़ा स्टडी में बताया गया है कि इंटरनेट इस्तेमाल करने और न करने वालों के बीच में डिजिटल भेदभावपूर्ण समाज का निर्माण होने का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। इसकी वजह से कई प्रकार की सुविधाओं, खासतौर से सरकारी सेवाओं से एक बड़ा वर्ग वंचित रह सकता है। इनमें 40 प्रतिशत की आय सालाना 11 लाख रुपये से कम है।
इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के अनुसार पहले के मुकाबले इंटरनेट उपयोग करने के खतरे घटे हैं। सर्वे में 12 प्रतिशत यूजर्स ने वायरस और मैलवेयर मिलने की बात मानी है, जो 2013 में 30 प्रतिशत रही थी। इसी तरह 52 प्रतिशत यूजर्स के अनुसार वायरस-मैलवेयर आज भी खतरा हैं, जिनकी वजह से 2013 में 69 प्रतिशत लोग चिंतित रहते थे।
इस सर्वे में बताया गया है कि आज भी 69 प्रतिशत आबादी की इंटरनेट में कोई रुचि नहीं है, जबकि 18 प्रतिशत लोग इंटरनेट का उपयोग करना ही नहीं जानते हैं। लगभग 33 प्रतिशत यूजर्स वायरस-मैलवेयर से बचने के लिए उपाय कर रहे हैं। दुनिया में लगभग 83 प्रतिशत इंटरनेट यूजर्स इसका उपयोग आर्थिक लेन-देन और खरीदारी में कर रहे हैं। इससे ये बात स्पष्ट हो चली है कि
लेन-देन के लिए इंटरनेट पर लोगों की निर्भरता बढ़ी है, जो वर्ष 2013 में मात्र 59 प्रतिशत थी। इसी तरह 72 प्रतिशत यूजर्स फिल्में और टीवी सीरीज देखने के लिए इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं, जो कुछ साल पहले तक मातार 40 प्रतिशत रही है। इसके अलावा 76 प्रतिशत यूजर्स ने संगीत सुनने के लिए इंटरनेट को माध्यम बना लिया है, जो पहले 60 प्रतिशत रहा था। तमाम लोग इसलिए ऑनलाइन नहीं आना चाहते क्योंकि इसे वह अपनी निजता के लिए खतरा मानते हैं। सर्वे में ऐसे लोगों की संख्या 72 प्रतिशत बताई गई है।