कोरोना वायरस बना हैकर्स का हथियार, इस तरह लोगों का डेटा हो रहा है चोरी
कोरोना वायरस का डर अब हैकर्स का नया हथियार बन चुका है। ये हैकर ट्रोजन मैलवेयर का इस्तेमाल कर लोगों के डेटा में सेंध मार रहे हैं।
एक ओर विश्वभर में कोरोना वायरस ने लोगों के बीच एक दहशत का माहौल बना दिया है, तो वहीं दूसरी तरह कई शातिर हैकर इस डर का इस्तेमाल कर लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं। गौरतलब है कि कोरोना वायरस की चपेट में आकर अकेले चीन में 22 सौ से अधिक जानें जा चुकी हैं, जबकि 75 हज़ार से अधिक लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं।
हैकर इस महामारी के डर का फायदा उठाकर खासकर एशियाई देशों के लोगों को निशाना बना रहे हैं। इस तरह के मामले सबसे अधिक जापान में नज़र आए हैं। ये हैकर कोरोना वाइरस के संबंध में लोगों को ई-मेल के माध्यम से एमोटेट ट्रोजन वाली फाइल्स भेज रहे हैं।
इन ईमेल्स के साथ जोड़ी गई फाइल्स में कोरोना वायरस से जुड़े हुए तथ्य होने का दावा किया जाता है और जैसे ही कोई व्यक्ति इन फाइल्स को ईमेल के जरिये अपने कंप्यूटर पर डाउनलोड करता है, फाइल्स में छिपा ट्रोजन अपने काम पर लग जाता है।
ट्रोजन के जरिये हैकर संबन्धित व्यक्ति के कंप्यूटर से संवेदनशील डाटा निकालने में कामयाब हो रहे हैं। इसी के साथ वर्तमान में कोरोना वायरस से संबन्धित ऐसी कई वेबसाइट्स हैं, वो लोगों के डेटा में सेंध मारने का काम कर रही हैं।
इस तरह के मेल के साथ भेजी गई फाइलें वास्तविक लगती हैं, उनके भीतर बाकायदा जानकारी और संबन्धित फोन नंबर वगैरह भी दिये गए होते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार इस तरह के ट्रोजन को पकड़ पाना खासा मुश्किल साबित हो रहा है, क्योंकि हैकर इसे काफी शातिर तरीके से तैयार कर रहे हैं। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार एंटीवायरस सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी क्विकहील के अनुसार ये हैकर अपने ईमेल में स्थानीय भाषा का प्रयोग करते हैं।
अगर आप इस तरह के किसी ईमेल को अपने इनबॉक्स में पाते हैं, तो उसे खोलने से पहले कुछ बातों का ध्यान जरूर रखे। ई मेल खोलने से पहले मेल आईडी जरूर देखें और ऐसे ईमेल के साथ भेजी गई किसी भी तरह की फाइल को डाउनलोड न करें।