Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

कोरोना वायरस का कहर, शेयर बाजारों में सबसे बड़ी गिरावट, निवेशकों को लगी 11 लाख करोड़ रुपये की चपत

कोरोना वायरस का कहर, शेयर बाजारों में सबसे बड़ी गिरावट, निवेशकों को लगी 11 लाख करोड़ रुपये की चपत

Friday March 13, 2020 , 4 min Read

मुंबई, कोरोना वायरस के संक्रमण से वैश्विक बाजार हलकान हैं और इसका असर भारतीय शेयर बाजारों पर भी दिख रहा है। इसे वैश्विक महामारी घोषित किये जाने के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को घरेलू शेयर बाजारों में अभी तक की सबसे बड़ी एकदिनी गिरावट देखने को मिली।


क

सांकेतिक चित्र (फोटो क्रेडिट: navodaya news)



बीएसई के 30 शेयरों वाले संवेदी सूचकांक सेंसेक्स एक समय 3,204.30 अंक तक गोता लगा गया था। कारेाबार की समाप्ति पर यह 2,919.26 अंक यानी 8.18 प्रतिशत की गिरावट के साथ 32,778.14 अंक पर बंद हुआ।


एनएसई के निफ्टी में भी भारी गिरावट रही। निफ्टी 868.25 अंक यानी 8.30 प्रतिशत गिरकर 9,590.15 अंक पर बंद हुआ।


यह घरेलू शेयर बाजारों की अंकों के आधार पर इतिहास की सबसे बड़ी एकदिनी गिरावट है। रोचक है कि घरेलू शेयर बाजारों ने अंकों के आधार पर सबसे बड़ी एकदिनी गिरावट का नया रिकॉर्ड इसी सप्ताह सोमवार को बनाया था।


घरेलू शेयर बाजारों में अभी तक हालिया उच्च स्तर की तुलना में 20 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आ चुकी है। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने इसी साल 14 जनवरी को अपने सर्वकालिक उच्च स्तर को छुआ था। बृहस्पतिवार को दोनों सूचकांक ढाई साल से अधिक के निचले स्तर पर बंद हुए।


शेयर बाजारों की इस भारी गिरावट से बीएसई में निवेशकों को एक ही दिन में 11,27,160.65 करोड़ रुपये की चपत लग गयी। बीएसई की कंपनियों का सम्मिलित बाजार पूंजीकरण 1,25,86,398.07 करोड़ रुपये पर आ गया।


मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में बृहस्पतिवार को आठ प्रतिशत से अधिक की बड़ी गिरावट दर्ज हुई।


सेंसेक्स की सभी कंपनियां नुकसान में रहीं। भारतीय स्टेट बैंक को सर्वाधिक 13.23 प्रतिशत का नुकसान हुआ। ओएनजीसी, एक्सिस बैंक, आईटीसी और टीसीएस के शेयरों में भी 10 प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखने को मिली।





विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण को महामारी घोषित करने का वैश्विक शेयर बाजारों पर बहुत बुरा असर पड़ा।


इस बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिटेन समेत यूरोप से आने यात्रियों के प्रवेश पर 30 दिन के लिये प्रतिबंध लगा दिया है। इसका वित्तीय और जिंस बाजारों पर नकारात्मक प्रभाव हुआ है।


विश्लेषकों का कहना है कि कोराना संक्रमण की रोकथाम के लिए देश बाहरी लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगा रहे हैं। इससे वैश्विक आर्थिक मंदी का जोखिम गहराने लगा है।


एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा,

‘‘भारतीय समेत वैश्विक बाजारों में हालिया उच्च स्तर की तुलना में 20 प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखने को मिली है। आर्थिक मंदी का जोखिम बढ़ रहा है और बाजार इसे पूरी तरह से भुनाता नहीं दिख रहा है। ब्रिटेन के सकल घरेलू उत्पाद में जनवरी में लगातार तीसरे महीने वृद्धि दर शून्य रही, यह 2009 के मध्य के बाद का सबसे खराब प्रदर्शन है। इस साल की पहली तिमाही में वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर के नकारात्मक रहने की आशंकाएं हैं और यह एक प्रतिशत की दर से सिकुड़ सकती है।’’
k

सांकेतिक चित्र (फोटो क्रेडिट: prabhasakshi)


बीएसई के सभी समूह लाल निशान में रहे। तेल एवं गैस समूह 9.82 प्रतिशत गिर गया। रियल्टी, धातु, बैंकिंग, वित्त, ऊर्जा और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे समूहों में भी बड़ी गिरावट रही।


बीएसई का मिडकैप और स्मॉलकैप 8.72 प्रतिशत तक गिरा।


आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के बुनियादी शोध प्रमुख नरेंद्र सोलंकी ने कहा कि वैश्विक बाजारों की तर्ज पर भारतीय शेयर बाजार भी गिरावट में खुले और कोरोना वायरस के संक्रमण का बाजार पर असर पड़ने की आशंका से अंत तक हलकान रहे।





उन्होंने कहा कि चुनिंदा क्षेत्रों में बिकवाली के साथ ही व्यापक स्तर पर भी हुई बिकवाली ने निवेशकों की धारणा पर असर डाला।


कारोबारियों ने कहा कि इसके साथ ही वैश्विक बाजारों में बिकवाली, कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट तथा रुपये की कमजोरी से बाजार में उथल-पुथल को बल मिला।


अंतर बैंक विदेशी विनिमय बाजार में कारोबार के दौरान रुपया 49 पैसे गिरकर 74.17 रुपये प्रति डॉलर पर चल रहा था।


ब्रेंट क्रूड का वायदा भाव भी 5.50 प्रतिशत गिरकर 33.82 डॉलर प्रति बैरल पर चल रहा था।


एशियाई बाजारों में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली। जापान का निक्की 4.41 प्रतिशत, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी 3.87 प्रतिशत, हांगकांग का हैंगसेंग 3.66 प्रतिशत और चीन का शंघाई कंपोजिट 1.52 प्रतिशत की गिरावट में रहा।


शुरुआती कारोबार में यूरोपीय बाजार छह प्रतिशत तक की गिरावट में चल रहे थे।


अमेरिका में डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में बुधवार को 5.86 प्रतिशत की बड़ी गिरावट रही। नास्डैक के वायदा कारोबार से इस बात के संकेत मिल रहे थे कि बृहस्पतिवार को भी अमेरिकी शेयर बाजारों में भारी गिरावट जारी रहने वाली है।