देश ने खो दिया एक ‘कोरोना योद्धा’, फर्ज निभाते हुए चली गई जान
डॉ. जेपी यादव का साल 1995 से अपनी सेवाएँ दे रहे थे और इस समय वे कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे थे।
कोरोना वायरस के खिलाफ सबसे आगे आकर लड़ाई का नेतृत्व कर रहे डॉक्टर जेपी यादव को देश ने खो दिया। जेपी यादव पूरी निष्ठा के साथ कर्तव्य पूरा कर रहे थे, लेकिन एक दुखद सड़क हादसे ने कोरोना के खिलाफ युद्ध लड़ रहे इस सैनिक को सभी से छीन लिया।
बिहार के सुपौल जिले के रहने वाले जेपी यादव दक्षिण दिल्ली नगर निगम के पॉलीक्लीनिक में सीएमओ प्रभारी थे और सोमवार की रात कोरोना के मरीजों का इलाज कर लौट रहे थे, तभी उनकी कार खराब हो गई। घरवालों ने भी उनसे कहा कि वे गाड़ी ठीक होने के बाद ही अस्पताल जाएं, लेकिन उन्हे अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मियों को पीपीई किट देनी थी और इस काम में देरी न हो इसीलिए डॉ. जेपी यादव अपने बेटे की साइकिल लेकर ही अस्पताल निकल गए।
अस्पताल से शाम को घर लौटते वक्त रास्ते में एक अज्ञात कार ने उन्हे टक्कर मार दी। इस दौरान पीछे से आ रहे उनके साथी डॉक्टर उन्हे आनन-फानन में अस्पताल ले कर गए, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
डॉ. जेपी यादव का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए उनके त्रिवेणीगंज स्थित उनके पैतृक गाँव ले जाया गया, जहां यूपी-बिहार सीमा पर अधिकारियों ने इस कोरोना योद्धा के पार्थिव शरीर पर फूल बरसाए।
डॉ. जेपी यादव कोरोना मरीजों का बेहतरीन इलाज कर रहे थे। वे दिल्ली में साल 1995 से अपनी सेवाएँ दे रहे थे। घटना के बाद साकेत थाने में मामला दर्ज़ कर पुलिस ने आरोपी कार चालक की तलाश शुरू कर दी है।