Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

कोरोना : हालात सामान्य होने पर दिखाई देंगे ये बड़े और सकारात्मक बदलाव, बदल रही है हर स्तर पर सोच

कोरोना वायरस महामारी के चलते बने हालातों ने लोगों की आदतों पर भी असर डाला है। उम्मीद है स्थिति सामान्य होने पर काफी सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे।

कोरोना वायरस महामारी के बाद काफी कुछ बदल जाएगा।

कोरोना वायरस महामारी के बाद काफी कुछ बदल जाएगा।



कोरोनावायरस महामारी के चलते देश में लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाकर 3 मई तक कर दिया गया है। इस लॉकडाउन के दौरान एक ओर जहां लोग घरों में रहने को मजबूर हैं वहीं दूसरी ओर इस दौरान कई भ्रम टूटे हैं और बहुत से नए अनुभव लोगों के सामने आए हैं।


कोरोना वायरस महामारी से उबरने के बाद दुनिया भर में एक नया रूप दिखाई देने की संभावना है, जिसमें कई चीजें बदली हुई हो सकती हैं। लॉकडाउन की अवधि ने लोगों को जीवनयापन के कई विकल्प दिये हैं, इसी के साथ लोगों को प्राथमिकताओं का भी अंदाजा हो गया है।


उम्मीद है कि इस महामारी के अंत के बाद स्थिति सामान्य होने पर सार्वजनिक स्वच्छता को लेकर लोगों के बीच जागरूकता बढ़ेगी, ऐसे में सार्वजनिक स्थानों पर लोग थूकना बंद कर देंगे। कोरोना वायरस के संचार में लोगों का खुले में थूकना भी एक बड़ा माध्यम बना गया है।


लोगों के बीच साफ-सफाई को लेकर एक नई जागरूकता का संचार हुआ है। लोग इस समय अपने हाथों को साफ रखने के साथ ही मास्क का उपयोग कर रहे हैं, उम्मीद है यह आदत लोगों में हमेशा बनी रहेगी।


इस दौरान सोशल मीडिया को लेकर भी लोगों की सोच में बदलाव देने को मिला है। पहले जहां व्हाट्सऐप और अन्य माध्यमों पर गैर जरूरी खबरें या फेक खबरों का आदान-प्रदान आम था, वहीं अब लोग वैरीफाइड न्यूज़ पर ज्यादा भरोसा जता रहे हैं।





लॉकडाउन के बाद लोग सामाजिक तौर पर लोगों से मिलने में सतर्कता अपनाते हुए जरूरी सावधानियों का पालन करेंगे। अगले कुछ महीनों तक तो लोग बेहद जरूरी होने पर ही मुलाक़ात करेंगे।


लॉकडाउन के इस समय में अधिकांश कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को ‘वर्क फ्रॉम होम’ दिया हुआ है। लॉकडाउन के बाद यह ‘वर्क फ्रॉम होम’ आम हो सकता है। गौरतलब है कि इसके पहले कंपनियाँ अपने कर्मचारियों को ‘वर्क फ्रॉम होम’ देने में कतराती थीं, लेकिन अब इसके फायदे उन कंपनियों को समझ में आ गए हैं। ‘वर्क फ्रॉम होम’ इन सभी कंपनियों की लागत को बड़े स्तर पर कम कर सकता है, इसी के साथ कंपनी के कर्मचारी को भी अपने काम और जीवन में संतुलन बनाने का बेहतर मौका मिलेगा।


इसके बाद लोग समय की अहमियत को समझेंगे। लॉकडाउन के बाद लोग गैरजरूरी या कम जरूरी कामों को लेकर अपने समय को बर्बाद नहीं करेंगे। इसी के साथ लोग गैर जरूरी यात्राओं से भी बचेंगे। मीटिंग को लेकर भी लोग इंटरनेट का अधिक सहारा लेंगे, ऐसे में ट्रैफिक और प्रदूषण दोनों से ही राहत मिलने की संभावना है।


चिकित्सा के क्षेत्र में भी बड़े बदलाव सामने आ सकते हैं। अब दूर दराज के गांवों तक लोगों के पास डॉक्टर की पहुँच बढ़ सकती है और इसमें वीडियो कॉल जैसे माध्यम बड़े काम के साबित होंगे। इसी के साथ लोगों में भी स्वास्थ्य को लेकर अधिक जागरूकता के संचार होने की संभावना है।


कोरोना वायरस महामारी ने लोगों को बताया है कि स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे को मजबूत करना बहद आवश्यक है। इस महामारी के बाद हो सकता है केंद्र के साथ ही सभी राज्य सरकारें अपने स्तर पर इसे बेहद मजबूत करने की ओर बड़े कदम उठाएँ। देश में अस्पतालों में प्रति हज़ार व्यक्ति बेड की संख्या में बढ़ोत्तरी देखने को मिल सकती है, इसी के साथ जरूरी दवाओं के दामों में भी कमी देखने को मिल सकती है।