कोविड-19 लॉकडाउन : ई-लर्निंग प्लेटफार्मों तक लोगों की पहुंच में लगभग पांच गुना वृद्धि
जैसा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कोविड-19 लॉकडाउन के प्रभावों को कम करने और इस अवधि में अध्ययन तक छात्रों की निरंतर पहुंच प्रदान करने के अपने प्रयासों को जारी रखा है, देश में ई-लर्निंग में पिछले दो हफ्तों के दौरान सराहनीय उछाल देखी गई है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री, श्री रमेश पोखरियाल निशंक, वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से, संस्थानों के प्रमुखों के साथ लगातार संपर्क में हैं और आवश्यक मार्गदर्शन और निर्देश दे रहे हैं तथा इस संबंध में फीडबैक भी प्राप्त कर रहे हैं।
स्कूलों और उच्च शिक्षा संस्थानों दोनों ने अपने और छात्रों के पास उपलब्ध संसाधनों के आधार पर ऑनलाइन कक्षाओं के विभिन्न तरीकों को अपनाने और अध्ययन सामग्री को साझा करना शुरू कर दिया है। इनका दायरा स्काइप, जूम, गूगल क्लासरूम, गूगल हैंगआउट, पियाज़ा जैसे प्लेटफार्मों के माध्यम से योजनाबद्ध ऑनलाइन कक्षाओं से लेकर शिक्षकों द्वारा यूट्यूब, व्हाट्सएप के माध्यम से व्याख्यानों और क्लास नोट्स को अपलोड करने, स्वयं, एनपीटीईएल जैसे डिजिटल लर्निंग संसाधनों के लिंक को साझा करने और ऑनलाइन पत्रिकाओं तक पहुंच प्रदान करने तक विस्तृत है।
केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी, आईआईआईटी, एनआईटी, आईआईएसईआर जैसे उच्च शिक्षण संस्थानों में लगभग 50-65 प्रतिशत छात्र, ई-लर्निंग से किसी न किसी रूप में जुड़े हुए हैं। छात्रों के पास इंटरनेट कनेक्टिविटी और अन्य आवश्यक डिजिटल संरचनाओं की कमी के कारण, कई मामलों में ई-लर्निंग में रूकावटें देखी गई हैं।
इस समस्या में कुछ हद तक कमी लाने के लिए, शिक्षकों द्वारा रिकॉर्डिंग किए गए व्याख्यानों और लाइव सत्रों के अलावा स्लाइडों या हाथ से लिखे हुए नोट्स को भी साझा किया जा रहा है, जिससे नेटवर्क की अनिश्चितता वाले छात्रों को भी कम से कम कुछ सामग्रियों की प्राप्ति हो सके। रिकॉर्ड किए गए व्याख्यान यह सुनिश्चित करते हैं कि नेटवर्क उपलब्धता की एक अल्पकालिक समस्या किसी भी छात्र को बाधित नहीं कर सकती है। संकाय सदस्य छात्रों के साथ ऑनलाइन चैट सत्र का आयोजन कर रहे हैं, जिससे उनके पास मौजूद किसी भी प्रश्न का उत्तर दिया जा सके।
23 मार्च 2020 से लेकर अब तक, मानव संसाधन विकास मंत्रालय के विभिन्न ई-लर्निंग प्लेटफार्मों में संयुक्त रूप से 1.4 करोड़ से भी ज्यादा की अभूतपूर्व पहुंच देखने को मिली है। नेशनल ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफॉर्म, ‘स्वयं’ को कल तक लगभग 2.5 लाख बार एक्सेस किया गया है, जो मार्च के अंतिम सप्ताह में 50,000 स्ट्राइक के आंकड़े में पांच गुना वृद्धि दर्शाता है। ये आंकड़े ‘स्वयं’ प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध 574 पाठ्यक्रमों में पहले से नामांकित लगभग 26 लाख शिक्षार्थियों के अलावा हैं। इसी प्रकार, लगभग 59,000 लोग प्रतिदिन ‘स्वयं प्रभा’ डीटीएच टीवी चैनलों के वीडियो देख रहे हैं और लॉकडाउन शुरू होने के बाद से लेकर अबतक 6.8 लाख से ज्यादा लोग इन्हें देख चुके हैं।
मंत्रालय और इसके अंतर्गत आने वाले संस्थानों के अन्य डिजिटल पहलों के साथ भी ऐसा ही उछाल देखा गया है। नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी को कल, केवल एक दिन में, 1,60,804 बार और लॉकडाउन अवधि में लगभग 14,51,886 बार एक्सेस किया गया, जबकि यह पहले लगभग 22,000 बार प्रतिदिन एक्सेस होता था।
एनसीईआरटी के शिक्षा पोर्टल, जैसे दीक्षा, ई-पाठशाला, नेशनल रिपॉजिटरी ऑफ़ ओपन एजुकेशनल रिसोर्सेज, एनआईओएस के उच्च माध्यमिक पाठ्यक्रम, एनपीटीईएल, एनईएटी, एआईसीटीई स्टूडेंट-कॉलेज हेल्पलाइन वेबपोर्टल, एआईसीटीई ट्रेनिंग एंड लर्निंग (अटल), इग्नू कोर्स, यूजीसी एमओओसी कोर्स, शोधगंगा, शोधशुद्धि, विद्वान, ई-पीजी पाठशाला, और अन्य आईसीटी पहलें जैसे रोबोटिक्स एजुकेशन (ई-यंत्र), ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर फॉर एजुकेशन (एफओएसएसईई), वर्चुअल एक्सपेरिमेंट्स (वर्चुअल लैब्स) और लर्निंग प्रोग्रामिंग (स्पोकन ट्यूटोरियल) को भी बहुत बड़ी संख्या में एक्सेस की प्राप्ति हो रही हैं।
पोखरियाल ने कहा कि मंत्रालय द्वारा बड़ी संख्या वाले ऐसे छात्रों के लिए जिनके पास कंप्यूटर और इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है, टेलीविजन के माध्यम से अध्यन को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि ‘स्वयं प्रभा’ समूह के 32 डीटीएच चैनलों का समूह जीसैट-15 उपग्रह का उपयोग करके, 24X7 के आधार पर, उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षिक कार्यक्रमों का प्रसारण कर रहा है और इसकी सामग्री एनपीटीईएल, आईआईटी, यूजीसी, सीईसी, इग्नू, एनसीईआरटी और एनआईओएस के द्वारा प्रदान की जाती है।
इसी प्रकार, इग्नू के ज्ञान वाणी (105.6 एफएम रेडियो) और ज्ञान दर्शन, 24 घंटे के शैक्षिक चैनल, के द्वारा प्री-स्कूल, प्राइमरी, सेकेंडरी और हायर सेकंडरी के छात्रों, कॉलेज/विश्वविद्यालयों के छात्रों, आजीविका के अवसर तलाश रहे छात्रों, गृहिणियों और कार्यरत पेशेवरों के लिए बेहतरीन शैक्षणिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति कर रहे है। मंत्री ने छात्रों से आग्रह किया कि वे अपने अध्यन में बढ़ोत्तरी करने के लिए भी इन चैनलों का अधिकतम उपयोग करें।
(सौजन्य से : PIB_Delhi)
Edited by रविकांत पारीक