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कोरोनावायरस : आपका ब्लड ग्रुप साबित हो सकता है खतरनाक, जानें कौनसे ब्लड ग्रुप वालों को है सबसे अधिक खतरा?

Medrxiv.org पर प्रकाशित नए अध्ययन से पता चलता है कि COVID-19 द्वारा संक्रमित या मारे गए कई रोगियों का ब्लड ग्रुप 'A' था। इस बीच, रिकॉर्ड किए गए संक्रमणों और मौतों में बहुत कम लोग टाइप 'O' ब्लड ग्रुप वाले थे।

कोरोनावायरस : आपका ब्लड ग्रुप साबित हो सकता है खतरनाक, जानें कौनसे ब्लड ग्रुप वालों को है सबसे अधिक खतरा?

Friday April 10, 2020 , 4 min Read

कुछ लोगों को उनके ब्लड ग्रुप (रक्त समूह) के कारण COVID-19 के संक्रमण का अधिक खतरा हो सकता है। चीन के शोधकर्ताओं ने पाया है कि टाइप 'A' ब्लड वाले लोगों में नॉवेल कोरोनावायरस द्वारा संक्रमित होने की संभावना अधिक होती है, जबकि ब्लड टाइप 'O' अधिक प्रतिरोधी हो सकता है।


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आपका ब्लड ग्रुप भी खतरनाक साबित हो सकता है (फोटो क्रेडिट: northwestern medicine)


Medrxiv.org पर प्रकाशित नए अध्ययन से पता चलता है कि COVID-19 द्वारा संक्रमित या मारे गए कई रोगियों का ब्लड ग्रुप 'A' था। इस बीच, रिकॉर्ड किए गए संक्रमणों और मौतों में बहुत कम लोग टाइप 'O' ब्लड ग्रुप वाले थे।


वुहान में सेंटर फॉर एविडेंस-बेस्ड एंड ट्रांसलेशनल मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने रिपोर्ट में कहा,

‘‘रक्त समूह के लोगों को संक्रमण की संभावना को कम करने के लिए विशेष रूप से व्यक्तिगत सुरक्षा की आवश्यकता हो सकती है।’’


चीन के शेन्ज़ेन और वुहान जैसे शहरों से डेटा के विश्लेषण से निष्कर्ष आते हैं, जहां कोरोनावायरस (COVID​​-19) महामारी शुरू हुई। शोधकर्ताओं ने दो शहरों में नोवेल कोरोनावायरस के साथ 2,173 रोगियों के ब्लड ग्रुप पर ध्यान दिया और वुहान क्षेत्र में 3,694 स्वस्थ निवासियों को देखा।


टाइप 'A' ब्लड वाले लोगों ने अध्ययन में कोरोनावायरस के 37.75 प्रतिशत रोगियों को कवर किया, जबकि 25.8 प्रतिशत का ब्लड टाइप 'O' था। COVID-19 से मरने वालों में 41.26 प्रतिशत में टाइप 'A' ब्लड था और लगभग एक चौथाई ब्लड टाइप 'O' था।



शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि अध्ययन से स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों को कोरोनावायरस रोगियों के उपचार में सुधार करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि टाइप 'A' ब्लड वाले लोगों को ‘‘अधिक सतर्क निगरानी और आक्रामक उपचार प्राप्त करना चाहिए।’’


टीम ने यह भी सुझाव दिया कि अस्पताल किसी व्यक्ति के रक्त के प्रकार को पहचानने के लिए COVID-19 के उपचार का एक नियमित हिस्सा मानते हैं। फॉक्स न्यूज ने बताया कि यह अन्य प्रकार के कोरोनावायरस के कारण होने वाली बीमारियों के लिए भी काम कर सकता है।

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सांकेतिक चित्र (फोटो क्रेडिट: phys)

हालांकि, अध्ययन में शामिल नहीं होने वाले दूसरे वैज्ञानिकों ने कहा कि निष्कर्षों के आधार पर परिवर्तनों पर विचार करना जल्दी है। चिकित्सा पद्धतियों में शामिल किए जाने वाले परिणामों के लिए बड़ी संख्या में प्रतिभागियों के साथ अधिक परीक्षणों की आवश्यकता होती है।


तियानजिन (Tianjin) में स्टेटिकल लैबोरेटरी ऑफ़ एक्सपेरिमेंटल हेमाटोलॉजी के एक शोधकर्ता गाओ यिंगडाई (Gao Yingdai) ने साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट को बताया,

“यदि आपका ब्लड ग्रुप 'A' हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है। इसका मतलब यह नहीं है कि आप 100 प्रतिशत संक्रमित होंगे। वहीं यदि आपका ब्लड ग्रुप 'O' हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप बिलकुल सुरक्षित हैं। आपको अभी भी अपने हाथ धोने और अधिकारियों द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करने की आवश्यकता है।”


अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता वांग जिंगहुआन (Wang Xinghuan) ने सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि ठोस निष्कर्ष निकालने के लिए अधिक अध्ययन की आवश्यकता है। हालांकि, टीम को उम्मीद है कि उनके काम से आगे के अध्ययन को बढ़ावा मिलेगा ताकि बढ़ते कोरोनावायरस (COVID-19) महामारी को कंट्रोल किया जा सके।

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मरीज का ब्लड सैंपल लेते हुए डॉक्टर का सांकेतिक चित्र (फोटो क्रेडिट: advent health)

जैसा कि वैज्ञानिक अभी भी यह पता लगाने में लगे हुए हैं कि किस प्रकार के ब्लड ग्रुप वाले लोगों को COVID-19 का खतरा ज्यादा है। हेल्थ एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली (weaker immune system) वाले लोग संक्रमण और गंभीर बीमारी की चपेट में ज्यादा आते हैं।


कोरोनावायरस के ताजा आंकड़ों की ओर देखा जाए तो 16,15,092 पॉजिटिव केस हैं और 96,791 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं जबकि 3,62,538 केस रिकवर हो चुके हैं। इस खतरनाक वायरस ने सबसे अधिक नुकसान इटली (18,279 मौतें), संयुक्त राज्य अमेरिका (16,697 मौतें), स्पेन (15,843 मौतें), फ्रांस (12,210 मौतें) और युनाइटेड किंगडम (7,978 मौतें) को पहुँचाया है।


वहीं अगर बात की जाए भारत के ताजा आंकड़ों की तो अब तक 6,771 संक्रमित केस दर्ज किए गए हैं, वहीं 228 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। रिकवरी के आंकड़े ज्यादा राहत भरे नहीं है यानि कि अब तक केवल 635 केस ही रिकवर हो पाए हैं।


इस लेख के साथ संकट की इस घड़ी में दुनिया भर के लिए हमारी यही प्रार्थना है कि -


सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया।

सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्।।


अर्थात् सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी मंगलमय के साक्षी बनें और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े।



Edited by रविकांत पारीक