लॉकडाउन में सहारा बना हेल्पलाइन नंबर: बाप को बेटे से मिलाया, गर्भवती महिला को पहुंची चिकित्सकीय मदद
नयी दिल्ली, दिल्ली के राजेन्द्र नगर विधानसभा क्षेत्र में एक हेल्पलाइन नंबर लोगों की कोरोना वायरस से संबंधित दिक्कतों को दूर करने में बहुत काम आ रहा है। इसके जरिये एक पिता को अपने बेटे को वापस पाने और एक गर्भवती महिला को चिकित्सा सहायता हासिल करने में मदद मिली है।
राजेन्द्र नगर से विधायक राघव चड्ढा से जुड़ने के लिये शुरू किया गया हेल्पलाइन नंबर 9910944444 बहुत जल्द लॉकडाउन के दौरान इलाके के निवासियों के लिये जीवन रेखा बन गया।
चड्ढा ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा,
'हमारे शिकायत प्रकोष्ठ में हर टीम चौबीसों घंटे, सातों दिन काम करती है। हर जरूरी कॉल का जवाब दिया जाता है। समर्पित पेशेवरों की एक और टीम सोशल मीडिया पर जुटी रहती है, जरूरी सवालों का जवाब देती है और जरूरतों को पूरा करने में लगीं टीमों का सहयोग करती है।'
उन्होंने कहा,
'हम समय पर दिक्कतों का हल सुनिश्चित कर रहे हैं। आरंभ में, शिकायत प्रकोष्ठ के पास रोजाना 25 से 70 कॉल आती थीं। लॉकडाउन के दौरान हर रोज 70 से 600 कॉल आती हैं।'
हेल्पलाइन टीम ने बीते कुछ दिनों में निपटाए गए मामलों की जानकारी दी। ऐसे ही एक मामले में एक व्यक्ति अपने बच्चे के साथ ट्रक में सवार होकर दिल्ली लौट रहा था, लेकिन उसे सीमा पर रोक दिया गया। पुलिस ने उसके बच्चे को ले जाकर बाल आश्रय गृह में छोड़ दिया। उसने इस नंबर पर मदद मांगी।
हेल्पलाइन टीम ने मजिस्ट्रेट कार्यालय से संपर्क कर बच्चे का पता लगाया और उस व्यक्ति को एक आपातकालीन पास जारी किया गया, जिसके जरिये वह नागरिक देखभाल गृह जाकर अपने बच्चे को ले आया।
एक और मामले में, रेड जोन इलाके में रह रही गर्भवती महिला को तेज बुखार आने के कारण तत्काल चिकित्सा सहायता की जरूरत थी। उसने हेल्पलाइन नंबर पर फोन किया, जिसके बाद उसे लेने के लिये तुरंत एक एंबुलेंस भेजी गई।
वहीं, नारायणा गांव के एक व्यक्ति की हाल ही में एम्स में सर्जरी हुई थी, वह अपनी दवाएं लेने के लिए बाहर नहीं जा पा रहा था। उसने हेल्पलाइन टीम से संपर्क किया और व्हाट्सएप के जरिए अपना पर्चा भेजा। एक स्वयंसेवक ने उसके घर पर दवाइयां पहुंचा दीं।
इसके अलावा भी यह हेल्पलाइन नंबर कई तरह से लोगों के काम आ रहा है।
दिल्ली सरकार के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार तक 4,898 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं।
Edited by रविकांत पारीक