कोरोना की दूसरी घातक लहर के बीच जरूरतमंदों तक ऑक्सीजन पहुंचा रहा है मिशन मिलियनएअर
केवीएन फाउंडेशन के मिशन मिलियनएअर (MillionAir) का उद्देश्य जरूरतमंदों को मुफ्त ऑक्सीजन प्रदान करना है ताकि उन्हें अस्पताल के बिस्तर खोजने, डॉक्टरों तक पहुंचने और कोविड-19 से पूरी तरह से उबरने तक महत्वपूर्ण लाइफ सपोर्ट मिल सके।
कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर ने भारत की स्वास्थ्य प्रणाली को बुरी तरह प्रभावित किया है। खचाखच भरे हुए अस्पताल मरीजों को भर्ती करने से मना कर रहे हैं और ऑक्सीजन की कमी से देश भर में सैकड़ों मौतें हुई हैं।
सबसे ज्यादा नुकसान उन वंचितों को हुआ है, जिन्हें तीन बाधाओं ने मारा है: संसाधनों की कमी, कनेक्शन, और चिकित्सा उपकरणों तक पहुंच।
पिछले कुछ दिनों में, कोरोनावायरस के प्रकोप ने ऑक्सीजन की गहरी कमी को उजागर किया है जोकि गंभीर रूप से बीमार कोविड-19 रोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण ट्रीटमेंट है। एक मरीज के लिए 15 दिन के लिए ऑक्सीजन की लागत 50,000 रुपये से 80,000 रुपये के बीच हो सकती है। बहुत से लोग इस वित्तीय बोझ को वहन नहीं कर सकते।
ऑक्सीजन की कमी ने पूरे भारत में स्टार्टअप्स और कॉर्पोरेट्स को आगे आकर काम करने के लिए प्रेरित किया है ताकि जरूरतमंद लोगों को आसानी से जीवनदायी गैस उपलब्ध हो सके।
अपना थोड़ा सा योगदान देते हुए, KVN फाउंडेशन ने मिशन मिलियनएअर शुरू किया है। मिशन का उद्देश्य भारत के आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के घरों में मुफ्त ऑक्सीजन कंसंट्रेटर प्रदान करना है। बेंगलुरु और हैदराबाद में शुरू होने वाला मिशन मिलियनएअर पहले ही बेंगलुरु के कुछ सौ घरों में मुफ्त ऑक्सीजन वितरित कर चुका है।
इस पहल के बारे में बोलते हुए, एक सफल निवेशक, संरक्षक, और उद्यमी और KVN फाउंडेशन के एक प्रमुख सदस्य के गणेश योरस्टोरी को बताते हैं, "FeedMyCity पहल के जरिए, कोविड-19 महामारी की पहली लहर के दौरान हमने लॉकडाउन संकट के जूझ रहे प्रवासी श्रमिकों और दैनिक मजदूरों को 58 लाख से अधिक भोजन परोसने में मदद की। यह नेक काम 400 स्वयंसेवकों और 60 कॉरपोरेट्स, फाउंडेशन और ट्रस्टों सहित 50 हजार से अधिक दानदाताओं के सहयोग से संभव हुआ।"
वह कहते हैं कि इस साल जरूरत पूरी तरह से अलग है। “COVID की दूसरी लहर ने हमारी स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित किया है। इसलिए हमने अब जरूरतमंदों को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स की आपूर्ति करके जीवन बचाने की पहल शुरू कर दी है, ताकि उन्हें अस्पताल के बिस्तर खोजने, डॉक्टरों तक पहुंचने और पूरी तरह से ठीक होने तक महत्वपूर्ण लाइफ सपोर्ट मिल सके।"
KVN फाउंडेशन डोनेशन (यहां) मांग रहा है और 16 शहरों में 32,000 से अधिक लोगों को सपोर्ट करने के लिए पांच महीने की अवधि में 17 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखता है। गणेश कहते हैं, "हर करोड़ हमें 2,000 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की जान बचाने में मदद करेगा।"
फाउंडेशन कई स्वयंसेवकों के साथ स्टार्टअप और कॉर्पोरेट जगत द्वारा समर्थित है। इसकी मुख्य टीम में के गणेश, प्रेस्टीज ग्रुप के सीईओ वेंकट के नारायण; प्रेस्टीज ऑफिस वेंचर्स के सीईओ जुगी मारवाहा; और सह-संस्थापक और अंतुति बोर्ड के अध्यक्ष नीरज भार्गव शामिल हैं।
जगी कहते हैं, "इन ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के डिस्ट्रीब्यूशन की आवश्यकता महत्वपूर्ण है। हालांकि इस संकट की घड़ी में अपने समर्थ से हर कोई एक दूसरे की मदद कर रहा है, लेकिन दुर्भाग्य से, जरूरतमंदों पर फिर से बुरी मार पड़ी है। मिशन मिलियनएअर के साथ, हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि जरूरतमंदों को जल्द स्वास्थ्य सेवा मिले।"
टीम थोक में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की खरीद करना चाहती है और ऐसे लोगों की पहचान करती है जिन्हें मुफ्त मदद की जरूरत है। इन सभी गतिविधियों का समर्थन करने के लिए ऑन-ग्राउंड स्वयंसेवक कार्यान्वयन और धन जुटाने में मदद करते हैं।
जगी बताते हैं, “सर्वोच्च प्राथमिकता शीर्ष ब्रांडों और उच्चतम गुणवत्ता के 1,000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदना है। आवश्यकतानुसार 5 से 10 दिनों तक ये उपलब्ध कराए जाएंगे। फिर उन्हें वापस ले लिया जाएगा, सैनिटाइज किया जाएगा, और जरूरत के मुताबिक अगले मरीज को इस्तेमाल के लिए दे दिया जाएगा।
टीम को वर्तमान में हेल्थकेयर स्टार्टअप पोर्टिया (Portea) और फिनटेक की दिग्गज कंपनी रेजरपे से जमीनी समर्थन मिल रहा है।
Edited by Ranjana Tripathi