चालीस हजार रुपए में कपल और 20 हजार में गर्लफ्रेंड की जासूसी का कारोबार
हमारे देश में इस समय कई डिटेक्टिव एजेंसियां पति-पत्नी, गर्ल फ्रेंड और ब्वॉय फ्रेंड को तीस-चालीस हजार रुपए में अपने जुटाए जासूसी ब्योरों के जरिये एक दूसरे को चरित्र प्रमाण पत्र देने लगी हैं। इस समय भारत में स्टॉकरवेयर (स्पाउसवेयर) के माध्यम से भी कपल और गर्ल फ्रेंड-ब्वॉय फ्रेंड की धड़ल्ले से जासूसियां हो रही हैं।
क्या ज़माना आ गया है। हमारे देश में अब पति-पत्नी और गर्ल फ्रेंड्स की जासूसी के कारोबार चल निकले हैं। और तो और, इस समय भारत में स्टॉकरवेयर (स्पाउसवेयर) के माध्यम से भी कपल और गर्ल फ्रेंड-ब्वॉय फ्रेंड की धड़ल्ले से जासूसियां हो रही हैं। जरूरतमंद युवक अथवा युवती के फिंगरप्रिंट से फोन में स्पाइवेयर 'स्टॉकरवेयर' सॉफ्टवेयर डाउनलोड कर दिया जाता है। स्टॉकरवेयर को स्पाउसवेयर भी कहा जाता है। यह एक शक्तिशाली सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है, जिसके ज़रिए किसी पर निगरानी रखी जा सकती है। इसे इन दिनो इंटरनेट पर बड़ी आसानी से खरीदा जा रहा है। इस सॉफ्टवेयर के ज़रिए किसी डिवाइस के सारे मैसेज पढ़ने के साथ ही स्क्रीन एक्टिविटी रिकॉर्ड की जा रही है। जीपीएस लोकेशन ट्रैक हो रही हैं। इस सॉफ्टवेयर से जासूसी के लिए कैमरों का इस्तेमाल हो रहा है, जिससे पता चल जाता है कि टारगेट व्यक्ति क्या कर रहा है।
साइबर सिक्योरिटी कंपनी कैस्पर्सकी के मुताबिक, पिछले साल इस सॉफ्टवेयर से जासूसी में 35 फ़ीसदी लोगों को सफलता मिली है। प्रोटेक्शन टेक्नोलॉजी ने इस साल अबतक 37,532 उपकरणों में स्टॉकरवेयर होने का पता लगाया है। एक लीड सिक्योरिटी रिसर्चर के मुताबिक, यह कारोबार अब एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। इस वक़्त स्टॉकरवेयर का सबसे ज़्यादा इस्तेमाल रूस, भारत, ब्राज़ील, अमरीका और जर्मनी में किया जा रहा है।
यह बात-बात पर रिश्तों से भरोसा उठने का ऐसा खतरनाक दौर है, जिसने जासूसी का अच्छा-खासा कारोबार खड़ा कर दिया है। अब तो इस तरह के खतरनाक खेल में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट भी सक्रिय हो चुके हैं। जासूसी के एक ऐसे ही मामले में फाजिल्का (पंजाब) के राम कुमार को हाल के दिनों में आईएसआई की महिला एजेंट ने अपने जाल में फंसा लिया। उसने फेसबुक के जरिये मिलिट्री इंजीनियरिंग सविर्सेज में कार्यरत रामकुमार से दोस्ती करने बाद अपनी चिकनी-चुपड़ी बातों से कई खुफिया सूचनाएं शेयर कर लीं। रामकुमार का एक वर्ष पूर्व सोशल मीडिया के माध्यम से आईएसआई की महिला एजेंट से संपंर्क हुआ था। उसके बाद से रामकुमार के मोबाइल फोन पर आने वाला ओटीपी उस महिला एजेंट के फोन पर आने लगा, जिसके जरिये आईएसआई ने कई खुफिया जानकारियां हासिल कर लीं। राम कुमार का रिश्ता फाजिल्का जिले के ही एक गांव में तय हुआ था, किंतु पाक महिला एजेंट ने उसको रिश्ता तोड़ने के लिए मजबूर कर दिया।
इस समय हमारे देश में इस तरह की कई डिटेक्टिव एजेंसियां सक्रिय हो चुकी हैं। ये एजेंसियां पति-पत्नी, गर्ल फ्रेंड और ब्वॉय फ्रेंड को तीस-चालीस हजार रुपए में अपने जुटाए जासूसी ब्योरों के जरिये एक दूसरे को चरित्र प्रमाण पत्र देने लगी हैं। ये डिटेक्टिव एजेंसिया अलग-अलग तरह के रिश्तों की जासूसी के लिए अलग-अलग तरह की कीमत वसूल रही हैं। एजेंसी कई तरह से जासूसी करवा रही हैं। मसलन, जिसकी जासूसी करनी होती है, उसके पीछे किसी को लगाकर, मोबाइल फोन स्पाई करके, कार में डिवाइस लगवाकर सारा सुराग जुटा ले रही हैं। कार में लगा इलेक्ट्रॉनिक स्पाई डिवाइस लगवाने का खर्च 20-25 हजार रुपए आता है। इससे कार की लोकेशन और कार के अंदर की बात भी सुनी जा सकती है। एजेंसी वाले पति-पत्नी की जासूसी के लिए 40 हजार रुपए और गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड की जासूसी के लिए 20 हजार रुपए ले रही हैं।
रिश्ते ऊपर वाला बनाता है, यह कहावत अब दूर की कौड़ी बन चुकी है। मोबाइल कंपनियों के दफ्तर में ध्यान से झांकने पर पता चल रहा है कि गृह मंत्रालय के आदेशों से बेपरवाह महानगरों में बैठे ऐसे प्राइवेट जासूस अपनी-अपनी कंपनियों की ओर से वर-वधू के बारे में पड़ताल करने लगे हैं। महिलाओं में रजनी पंडित मशहूर जासूस हैं। कुछ कंपनियां तो ऐसी हैं, जिनके देश के तमाम शहरों में ऑफिस खुल चुके हैं। ये जासूस खासतौर से मोबाइल कंपनियों के तृतीय-चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों, पति अथवा पत्नियों, गर्ल्स फ्रेंड्स अथवा ब्वॉय फ्रेंड्स को पटाकर यह खेल कर रहे हैं। इसके शुरुआती सूत्र उन्हे सरकारी दफ़्तरों में लंबित उन अप्लीकेशंस से मिल जाते हैं, जिनमें ऐसे पीड़ित पति अथवा पत्नियों, गर्ल्स फ्रेंड्स अथवा ब्वॉय फ्रेंड्स की जांच के लिए कॉल डिटेल उपलब्ध होता है। सोशल मीडिया और विवाह कराने वालों की संस्थाओं की वजह से ऐसे प्राइवेट जासूसों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। ये प्राइवेट जासूस 30 से 40 हजार रुपये में आसानी से किसी भी जरूरतमंद को अपेक्षित विवरण उपलब्ध करा दे रहे हैं। हाल ही में बनारस के दो परिवार इस तरह की जासूसी के शिकार हो चुके हैं।
हाल ही का एक वाकया है। देहरादून (उत्तराखंड) में एक युवती ने शादी से इंकार कर दिया, तो दिल्ली निवासी युवक ने उसके घर जासूस भेज दिया लेकिन जानकारी जुटाने से पहले ही जासूस की पोल खुल गई। जासूसी के दौरान देहरादून की कोतवाली पुलिस ने शहर के चुक्खूवाला मोहल्ले से एक महिला को पकड़ा था। वह पत्रकार के रूप में एक घर में घुसकर वहां की विडियो और फोटो खींचने के साथ ही घरवालों के बारे में संदिग्ध जानकारियां जुटा रही थी। पूछताछ में उसने पुलिस को बताया कि उसे दिल्ली से उस परिवार की गर्ल फ्रेंड लड़की की जासूसी के लिए भेजा गया था। लड़की ने अपने ब्वॉय फ्रेंड के रिश्ते को ठुकरा दिया था। दरअसल, आहत युवक को शक था कि लड़की का किसी दूसरे लड़के से अफेयर हो चुका है। वह लड़की को सबक भी सिखाना चाहता था। इसलिए वह दिल्ली की एक प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसी में तैनात उस कथित महिला पत्रकार के माध्यम से जासूसी करा रहा था।
रिश्तों में बढ़ती धोखाधड़ी के कारण अब रिश्तों में इस तरह की जासूसी का ट्रेंड चल पड़ा है। इसी साल मई, 2019 में बेंगलुरु (कर्नाटक) का एक व्यक्ति अपने घर में ही 22 हिडन कैमरे लगवाकर कर प्राइवेट डिडेक्टिव और एक स्वायवेयर सेलफोन के माध्यम से अपनी पत्नी की जासूसी करवाते पकड़ा गया। दोनों की उम्र में 11 साल के फासले के बावजूद, वर्ष 2007 में दोनों की फ्रेंड्शिप तीन साल बाद 2010 में शादी की परवान चढ़ गई थी। जासूसी के दौरान उसे हिडन कैमरों और स्वायवेयर सेलफोन से पत्नी की हर गतिविधि पर नजर रखने लगा। किसी तरह से पति की हरकतों का पत्नी को पता लग गया। उसने पति को बैट मारकर सिर फोड़ दिया।
नोएडा में एक महिला की जासूसी करते फरीदाबाद के एक प्राइवेट जासूस को हिरासत में ले लिया गया। बाद में पता चला कि महिला के पति ने ही कुछ जानकारियां इकट्ठा करने के लिए जासूस को पत्नी के पीछे लगा रखा था। अकेले फरीदाबाद शहर में ही इस समय करीब 22 प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसियां सक्रिय हैं। उनके ज्यादातर महिला अथवा पुरुष ग्राहक रिश्तों की पड़ताल कराने वाले होते हैं। ज्यादातर ग्राहक ऐसे पति होते हैं, जिनकी पत्नियां ऑफिसों में नौकरी कर रही हैं।
ऐसे ही, एनएच-5 के एक एजेंसी संचालक के मुताबिक, उसके पास पिछले दो महीनों में चार ऐसी महिलाएं आई हैं, जो किसी भी कीमत पर अपने पतियों के बाहरी संबधों को जानकारी चाहती थीं। इसके अलावा उन एजेंसियों के पास कालेज गोइंग लड़के, लड़कियां भी जासूसी कराने के लिए पहुंच रहे हैं। ये एजेंसियां एक केस में कम से कम 10 हजार से एक लाख रुपए प्रति केस ले रही हैं।
पति के देहांत के बाद एक 62 वर्षीया बुजुर्ग महिला की सोशल मीडिया के माध्यम से एक विदेशी पुरुष से संपर्क हो गया। दोनों की जिंदगी में अकेलापन था। महिला के बच्चे विदेश में रहते थे। दोनों ने एक साथ रहने का फैसला ले लिया। महिला अपने पुरुष दोस्त के लिए महंगे गिफ्ट भेजने लगी। बदले में उसे गिफ्ट नहीं मिला तो उसे शक हुआ। उसी दौरान कथित विदेशी दोस्त ने महिला से एक बड़ा अमाउंट मांगा तो महिला का शक और गहरा गया कि इतना बड़ा बिजनेस मैन पैसा क्यों मांग रहा है। उसने एक डिटेक्टिव महिला से संपर्क किया। जासूसी में वह तीस साल का युवक निकला। पैसे कमाने के लिए उसने अपनी सोशल साइट पर नकली फोटो लगा रखी थी।