गूगल और यूट्यूब की मदद से IAS टॉपर बने अनुदीप दुरिशेट्टी
इस बार यूपीएससी की परीक्षा में प्रथम स्थान हासिल करने वाले अनुदीप दुरिशेट्टी ने अपनी सफलता का श्रेय यूट्यूब और गूगल को दिया है। बिट्स पिलानी हैदराबाद से इंजीनियरिंग में ग्रैजुएट हुए अनुदीप का सफर मुश्किलों भरा रहा है। उन्होंने अपने पांचवे प्रयास में यह सफलता हासिल की।
अनुदीप ने इस परीक्षा की तैयारी करने वाले युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि कोचिंग सेंटर्स में समय और पैसा बर्बाद करना किसी भी तरह से सही नहीं है। अनुदीप ने बताया कि उन्होंने किसी कोचिंग की बजाय इंटरनेट के सहारे अपनी तैयारी की।
एक वक्त था जब परीक्षा में सफलता हासिल करने वाले अभ्यर्थी सारा श्रेय अपने माता-पिता और गुरुजनों को देते थे। लेकिन वक्त बदला और गुरू की जगह इंटरनेट यानी गूगल और यूट्यूब ने ले ली। यही वजह है कि इस बार यूपीएससी की परीक्षा में प्रथम स्थान हासिल करने वाले अनुदीप दुरिशेट्टी ने अपनी सफलता का श्रेय यूट्यूब और गूगल को दिया है। बिट्स पिलानी हैदराबाद से इंजीनियरिंग में ग्रैजुएट हुए अनुदीप का सफर मुश्किलों भरा रहा है। उन्होंने अपने पांचवे प्रयास में यह सफलता हासिल की। उन्होंने इससे पहले 2015 और 2016 की यूपीएससी परीक्षाओं में भी सफलता हासिल की थी, लेकिन तब उन्हें मनमुताबिक रैंक नहीं मिली थी।
अनुदीप ने इस परीक्षा की तैयारी करने वाले युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि कोचिंग सेंटर्स में समय और पैसा फूंकना किसी भी तरह से सही नहीं है। अनुदीप ने बताया कि उन्होंने किसी कोचिंग की बजाय इंटरनेट के सहारे अपनी तैयारी की। अनुदीप को इससे पहले प्रयास में इंडियन रेवेन्यू सर्विस अलॉट हुई थी। लेकिन उन्होंने बताया कि वह आईएएस बनना चाहते थे, इसलिए अपना प्रयास जारी रखा। वे बताते हैं, 'मैं नियमित तौर पर नौकरी कर रहा था इसलिए पढ़ने के लिए पूरा टाइम नहीं मिल पाता था। इसलिए मैं वीकेंड पर पढ़ाई करता था।'
अनुदीप ने इंजीनियरिंग करने के बाद कुछ दिनों तक गूगल में भी काम किया था। आईआरएस की ट्रेनिंग के दौरान उन्हें सर्वश्रेष्ठ ट्रेनी ऑफिसर का पुरस्कार भी मिल चुका है। उन्होंने कहा, 'आज के वक्त में किसी को भी कोचिंग सेंटर में पैसे फूंकने की जरूरत नहं है। सब कुछ ऑनलाइन उपलब्ध है। आपको इस परीक्षा को पास करने के लिए सिर्फ और सिर्फ मोटिवेशन की जरूरत है। इतनी सारी वेबसाइट और सोर्सेस उपलब्ध हैं जहां से परीक्षा की तैयारी की जा सकती है। इंटनेट के पास हर शंका का समाधान है।'
आईआरएस छोड़कर आईएएस बनने के बारे में बताते हुए अनुदीप ने कहा कि रेवेन्यू डिपार्टमेंट में काम का दायरा काफी सीमित है। इसलिए उन्होंने आईएएस बनने के लिए अपना संघर्ष जारी रखा। सफलता को अपना सौभाग्य मानते हुए अनुदीप ने बताया कि वे अपने गृहराज्य तेलंगाना के लिए काम करना चाहते हैं। वे राज्य में हेल्थ और एजुकेशन को बेहतर करना चाहते हैं।
यह भी पढ़ें: काफी कुछ कहते हैं इस बार के सिविल सर्विसेज परीक्षा के परिणाम