होली में एसिडिटी होने पर क्या घरेलू उपाय ही एकमात्र समाधान हैं?
एसिडिटी से बहुत कष्ट हो सकता है, अगर इस पर ध्यान न दिया जाए. अच्छी बात यह है कि इसके लक्षणों को दूर करने के लिये आसान उपाय हैं. घरेलू इलाज, एंटासिड सॉल्यूशंस और अपनी जीवनशैली तथा डाइट में बदलाव से तुरंत और लंबे वक्त की राहत संभव है.
रंगों का त्यौहार होली आने ही वाला है. यह परिवार और दोस्तों के साथ जश्न मनाने और तली-भुनी और मीठी चीजें (जैसे कि गुझिया जैसी मिठाइयाँ) खाने और तरह-तरह के ड्रिंक्स का आनंद उठाने का वक्त होता है. लेकिन खासकर इस वक्त ललचाने वाली चीजें ज्यादा खा लेने से आपके पाचन तंत्र पर बोझ पड़ सकता है.
थोड़े समय में बहुत ज्यादा खाने या तली हुई चीजों या मिठाइयों पर टूट पड़ने से अपच (इनडाइजेशन) की समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि पेट में एसिडिटी. इसे एसिड रिफ्लक्स भी कहा जाता है और यह तब होता है, जब पेट में बहुत ज्यादा एसिड बन जाता है और आपकी आहारनली, जिसे इसोफैगस कहते हैं, में ऊपर की ओर आने लगता है.
इससे हार्टबर्न हो सकता है, जिसमें छाती में पीड़ा देने वाली जलन का अनुभव होता है और साथ ही गले में पीछे की ओर कड़वा स्वाद महसूस हो सकता है. अपच, उबकाई आना और कब्ज, ये सभी एसिड रिफ्लक्स के दूसरे आम लक्षण हैं.
डॉ. श्री राम अग्रवाल, एम.डी. (ए.आई.आई.एम.एस.), डी.एम. (जीबी पंत हॉस्पिटल), लिवर में सीनियर कंसल्टेन्ट गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट एवं स्पेशलिस्ट, दिल्ली, ने कहा, “लगभग 30% भारतीय अक्सर हार्टबर्न, ब्लॉटिंग और उबकाई जैसे लक्षणों का अनुभव करते हैं. यह विशेषत: एसिड रिफ्लक्स या गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिसीज, जिसे जीईआरडी कहा जाता है, के संकेत हैं, जिसमें बहुत कष्ट हो सकता है. अच्छी बात यह है कि कई सॉल्यूशंस हैं, जो तात्कालिक या लंबे समय की राहत दे सकते हैं, जैसे कि जीवनशैली और आहार में बदलाव और एंटासिड्स जैसी दवाएं.”
डॉ. जेजॉय करनकुमार, एबॅट इंडिया के मेडिकल अफेयर्स डायरेक्टर, ने कहा, “खान-पान और जीवनशैली की अस्वास्थ्यकर आदतों के कारण भारत में ऐसे लोगों की संख्या बढ़ रही है, जिन्हें पेट में एसिडिटी का अनुभव होता है. संतुलित आहार से इस स्थिति में सुधार किया जा सकता है. इसके अलावा, तुरंत राहत देने वाले एंटासिड्स भी तेज और प्रभावी आराम पाने का एक विकल्प हो सकते हैं. पेट की एसिडिटी से होने वाले कष्ट को कम करने से बाकी बचा दिन अच्छी तरह बिताया जा सकता है और स्वस्थ तथा भरपूर जीवन जीने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आनंद लिया जा सकता है.”
इस होली अपनी एसिडिटी को मैनेज करने के लिये आप यह सुझाव अपना सकते हैं:
तुरंत राहत के लिये घरेलू उपाय
एसिड रिफ्लक्स के लक्षणों के लिये कई प्राकृतिक घरेलू उपाय हैं, जिनमें से कई तो आपके रसोईघर में मिल सकते हैं. इनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- तुलसी - पत्तियों को धोकर चबाएं या एक कप पानी उबालें और उसमें पत्तियाँ डालकर गर्म चाय की तरह सेवन करें.
- सौंफ - थोड़ी सी सौंफ को कुछ घंटों के लिये पानी में भिगोएं और खाने के बाद खाएं या सीधे चबाकर खाएं.
- गुड़ - ठंडे पानी में थोड़ा गुड़ गलाएं और पी जाएं, या खाने के बाद गुड़ का एक छोटा-सा टुकड़ा खाएं.
- बादाम - अपने साथ पूरे दिन एक मुट्ठी बिना भीगी बादाम और कुछ केले रखें.
लंबे समय की राहत के लिये
एसिडिटी से ज्यादा लंबे समय की राहत के लिये आप एंटासिड्स भी ले सकते हैं, जो दुकानों पर उपलब्ध हैं. यह पेट के एसिड को उदासीन कर एसिडिटी के लक्षणों से तुरंत राहत देने में मदद करते हैं, चाहे आप घर पर हों, कार्यस्थल पर हों या सफर कर रहे हों. आज यह खाने में आसान विभिन्न रूपों में उपलब्ध हैं, जैसे कि चबाने की गोलियाँ, तरल-आधारित जेल सिरप, जो कि ओरेंज, मिंट और मिक्स्ड फ्रूट जैसे फ्लेवर्स के साथ स्वादिष्ट भी होते हैं.
बार-बार होने वाली एसिडिटी से बचने के लिये रोकथाम के उपाय
पेट की एसिडिटी पर नियंत्रण की जानकारी महत्वपूर्ण है, लेकिन इसकी रोकथाम को समझना, खासकर यदि यह बार-बार होती है, भी महत्वपूर्ण है. जीवनशैली और आहार के लिये कुछ सुझाव हैं, जिन्हें आप हर समय अपनाकर इस स्थिति को नियंत्रण में रख सकते हैं.
- ऐसे खाद्य पदार्थों से बचें, जो खासकर एसिड रिफ्लक्स का कारण बन सकते हैं, जैसे कि तली हुई चीजें और ज्यादा वसा वाली मिठाइयाँ और मसालेदार भोजन (तरह-तरह की चाट, सब्जी या गरम मसाला डालकर बनाई गई सब्जियाँ). इनमें होली के खास पकवान भी शामिल हैं, जैसे कि फिरनी और दही वड़ा.
- उत्प्ररेकों को समझें, ताकि लक्षणों से बचने में मदद मिल सकें.
- अपने खाने के समय का ध्यान रखें, त्यौहार में यह समय आगे बढ़ सकता है. खाने और फिर सोने के बीच कम से कम एक घंटे का अंतराल रखें.
- खाने के बाद चुस्त कपड़े पहनने से बचें.
- पर्याप्त पानी पियें, नींद का समय स्थायी रखें और रोजाना व्यायाम करें.
एसिडिटी से बहुत कष्ट हो सकता है, अगर इस पर ध्यान न दिया जाए. अच्छी बात यह है कि इसके लक्षणों को दूर करने के लिये आसान उपाय हैं. घरेलू इलाज, एंटासिड सॉल्यूशंस और अपनी जीवनशैली तथा डाइट में बदलाव से तुरंत और लंबे वक्त की राहत संभव है.
अगर आपके लक्षण बने रहते हैं या आपको बार-बार एसिडिटी होती है, तो डॉक्टर को दिखाएं.
Edited by रविकांत पारीक