संकटग्रस्त GoMechanic को दिल्ली की ऑटो पार्ट्स निर्माता कंपनी ने खरीदा
दिल्ली की कंपनी ने बयान में कहा कि सर्विजी गठजोड़ में सबसे बड़े शेयरधारक लाइफलॉन्ग ग्रुप ने गोमैकेनिक कारोबार को खरीदा है. लाइफलॉन्ग ग्रुप की स्थापना 1985 में हुई थी. कंपनी वाहन सेवा और मरम्मत उद्योग में अपने परिचालन का विस्तार करना चाहती है.
वाहन कलपुर्जा कंपनी लाइफलॉन्ग ग्रुप
ने संकटग्रस्त कार मरम्मत स्टार्टअप गोमैकेनिक का बुधवार को अधिग्रहण करने की घोषणा की। हालांकि, इस सौदे की राशि का खुलासा नहीं किया गया है.दिल्ली की कंपनी ने बयान में कहा कि सर्विजी गठजोड़ में सबसे बड़े शेयरधारक लाइफलॉन्ग ग्रुप ने गोमैकेनिक कारोबार को खरीदा है.
लाइफलॉन्ग ग्रुप की स्थापना 1985 में हुई थी. कंपनी वाहन सेवा और मरम्मत उद्योग में अपने परिचालन का विस्तार करना चाहती है.
बयान में कहा गया है कि वाहन कलपुर्जों, चिकित्सा उपकरण और ई-कॉमर्स क्षेत्र की दिग्गज कंपनी लाइफलॉन्ग ग्रुप के साथ यह अधिग्रहण और नया स्वामित्व गोमैकेनिक कारोबार के लिए एक नए चरण की शुरुआत है.
गोमैकेनिक के कारोबार के अधिग्रहण के लिए लाइफलॉन्ग ग्रुप के नेतृत्व वाला सर्विजी गठजोड़ सबसे मजबूत बोलीदाता के रूप में उभरा है.
गुड़गांव स्थित कंपनी की स्थापना 2016 में कुशाल करवा और अमित भसीन सहित चार दोस्तों ने की थी. बीते जनवरी महीने में, GoMechanic के फाउंडर अमित भसीन ने एक लिंक्डइन पोस्ट में बिना किसी बारीकियों में जाए फाइनेंशियल रिपोर्ट्स के साथ की गई छेड़छाड़ को स्वीकार किया था.
अमित ने अपने लिंक्डइन पोस्ट में लिखा था, "हमने जजमेंट में गलतियां कीं क्योंकि हमने हर कीमत पर ग्रोथ हासिल की, जिसमें फाइनेंशियल रिपोर्टिंग भी शामिल है, जिसका हमें गहरा अफसोस है. हम इस मौजूदा स्थिति के लिए पूरी जिम्मेदारी लेते हैं और सर्वसम्मति से फंडिंग की तलाश करते हुए बिजनेस का पुनर्गठन करने का फैसला किया है."
GoMechanic ने कथित तौर पर अपने 70% कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. प्रभावित कर्मचारियों में से एक ने YourStory को बताया कि उसे "निकाला" नहीं गया था, बल्कि "इस्तीफ़ा देने के लिए कहा गया" था. उन्होंने कहा कि उनके मैनेजर ने मंगलवार को फोन कॉल पर उन्हें यह खबर दी. उन्होंने बताया कि "हम अब आपको सैलरी नहीं दे सकते क्योंकि हमारे पास पैसा नहीं है."
एक EY रिपोर्ट के अनुसार, 1,000 से अधिक GoMechanic सर्विस सेंटर में से लगभग 60 ने राजस्व को बढ़ाने और फंड्स को डायवर्ट करने के लिए अकाउंटिंग मानदंडों का उल्लंघन किया. ब्लूमबर्ग ने उन लोगों का हवाला देते हुए बताया, जिन्होंने पहचान उजागर न करने के लिए कहा था.
Edited by Vishal Jaiswal