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छोटे स्टोर के साथ साझेदारी करके ई-रिक्शा के लिए चार्जिंग की समस्या को हल कर रहा है दिल्ली का यह स्टार्टअप

ई-रिक्शा कम्युनिटी के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करते हुए, बैटरी स्मार्ट (Battery Smart) एक रेट्रोफिटेबल ली-आयन बैटरी-एज-ए-सर्विस समाधान प्रदान करता है। यह ड्राइवर-पार्टनर्स को 'दो मिनट में बैटरी बदलने की सुविधा' प्रदान करता है।

छोटे स्टोर के साथ साझेदारी करके ई-रिक्शा के लिए चार्जिंग की समस्या को हल कर रहा है दिल्ली का यह स्टार्टअप

Monday April 05, 2021 , 6 min Read

भारत में आज सभी इलेक्ट्रिक वाहनों के लगभग 80 प्रतिशत ई-रिक्शा हैं, क्योंकि रिक्शा चालकों की बढ़ती संख्या स्वच्छ परिवहन के किफायती और सस्ते साधनों की ओर बढ़ रही है।


हालांकि, ई-रिक्शा को लेकर अपनी अलग चुनौतियां होती हैं, जिसमें बैटरी चार्ज करने का समय 10 घंटे, सीमित रेवेन्यू और महंगी नई बैटरी में निवेश शामिल है। प्रति बैटरी रिप्लेसमेंट लागत 25,000 से लेकर 28,000 रुपये तक है। लीड-एसिड बैटरी आमतौर पर 80 किलोग्राम के करीब होती है, जिससे वाहन का माइलेज कम हो जाता है।


जैसा कि बैटरी को रिफर्बिश नहीं किया जा सकता है, इसलिए एक ई-रिक्शा मालिक आम तौर पर बैटरी की लाइफ फत्म होने पर इसे वेंडर को वापस दे देता है।


ई-रिक्शा कम्युनिटी की आजीविका को प्रभावित करने के लिए एक विजन के साथ 2020 में स्थापित दिल्ली स्थित इलेक्ट्रिक मोबिलिटी स्टार्टअप बैटरी स्मार्ट का उद्देश्य भारत के ईवी-बैटरी स्वैपिंग स्टेशनों के सबसे बड़े नेटवर्क का निर्माण करना है।

क्या हल करता है?

जब स्टार्टअप में कंसल्टिंग की बात आती है तो आईआईटी कानपुर के बैचमेट्स और आठ वर्षों से दोस्त, पुलकित खुराना और सिद्धार्थ सिक्का के पास व्यापक अनुभव है। उन्होंने पहले कई मोबिलिटी पहल पर काम किया था। उन्होंने गुरुग्राम में ऐप-आधारित इंट्रा-सिटी बस पूलिंग सर्विस के रूप में 2015 में पॉड्स (Pods) नामक एक मोबिलिटी स्टार्टअप की सह-स्थापना की थी।


हालांकि, यह एक ऐसे बाजार में ऑपरेट कर रहा था जिसमें शटल जैसे बड़े खिलाड़ी थे, और उनसे प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते थे। इसके बाद, पुलकित उस फील्ड में अपनी रुचि को आगे बढ़ाने के लिए शटल में शामिल हो गए और कंपनी में चार साल तक काम किया। वे वहां सप्लाई हेड बने और फिर अक्टूबर 2019 में बैटरी स्मार्ट शुरू करने के लिए उन्होंने वो पोस्ट छोड़ दी।


बैटरी स्मार्ट के साथ, ई-रिक्शा चालकों के पास एक रेट्रोफिटेबल ली-आयन बैटरी-एज-ए-सर्विस समाधान है, जो उन्हें 'दो मिनट में बैटरी-स्वैपिंग सर्विस' यानी बैटरी बदलने की सुविधा प्रदान करता है। नौ सदस्यों की टीम के साथ, बैटरी स्मार्ट सदस्यता के आधार पर ई-रिक्शा को एडवांस ली-आयन बैटरी प्रदान करता है।


ड्राइवर कंपनी के किसी भी पार्टनर स्वैपिंग स्टेशन पर रुक सकता है और एक डिस्चार्ज बैटरी के बदले पूरी तरह से चार्ज बैटरी प्राप्त कर सकता है। इसके पार्टनर स्वैपिंग स्टेशन वर्तमान में दक्षिण पश्चिम दिल्ली के 26 स्थानों पर उपलब्ध हैं।


बैटरी स्मार्ट में, पुलकित बैटरी डेवलपमेंट, सप्लाई और कॉर्पोरेट रिलेशन्स का ध्यान रखते हैं जबकि सिद्धार्थ ग्रोथ, संचालन और टेक्नोलॉजी का जिम्मा संभालते हैं।

Battery Smart के फाउंडर्स (L: R) सिद्धार्थ सिक्का, पुलकित खुराना

Battery Smart के फाउंडर्स (L: R) सिद्धार्थ सिक्का, पुलकित खुराना

यह काम कैसे करता है?

पार्टनर्स बैटरी स्मार्ट के मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से अपने स्टेशनों को मैनेज करते हैं। ड्राइवरों को पार्टनर ऐप के माध्यम से प्रमाणित किया जाता है और इस्तेमाल के आधार पर, ड्राइवर लोग पार्टनर्स को सर्विस अमाउंट का भुगतान करते हैं।


पार्टनर्स बैटरी स्मार्ट के साथ एक रेवेन्यू शेयर मॉडल पर काम करते हैं, और उसी ऐप का उपयोग करके लेनदेन करते हैं। पार्टनर खर्च के बाद हर महीने 5,000-10,000 रुपये कमाते हैं।


पुलकित कहते हैं, "बैटरी स्मार्ट पर जाकर ड्राइवर अपनी आय दोगुनी कर सकते हैं। वे इस्तेमाल के आधार पर, बैटरी स्मार्ट को प्रति दिन 100-200 रुपये का भुगतान करते हैं।"

खासियत और विकास

कंपनी दिल्ली-एनसीआर में वर्ष के अंत तक 300 बैटरी स्वैपिंग स्टेशन खोलने और अगले 10 महीनों में 5,000 ई-रिक्शा चालकों को अपने प्लेटफॉर्म पर स्थापित करने की योजना बना रही है।


इसकी खासियत और स्टार्टअप इस स्पेस में दूसरों से ऐसे अलग है कि यह स्‍पेस स्‍टेशन पार्टनर के रूप में स्‍थानीय व्‍यवसायों के साथ साझेदारी करके एसेट-लाइट तरीके से संचालित होता है। पुलकित कहते हैं कि अपने स्वयं के चार्जिंग स्टेशन खोलने के बजाय, जिसमें अतिरिक्त लागत और समय का निवेश शामिल होगा, उन्होंने उच्च यातायात मार्गों के साथ उच्च घनत्व वाले पड़ोस में स्थानीय छोटे स्टोरों के साथ साझेदारी करने का निर्णय लिया।

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पुलकित कहते हैं, "हमारी कम लागत वाली, कॉम्पैक्ट और कम रखरखाव वाली बैटरी स्वैपिंग इकाइयां छोटी दुकानों पर और व्यक्तियों द्वारा स्थापित की जा सकती हैं, जो दुकान मालिकों को बिना किसी अतिरिक्त श्रम या अचल संपत्ति लागत के अतिरिक्त आय अर्जित करने में सक्षम बनाती हैं।"


स्टार्टअप के पास वर्तमान में दिल्ली में 26 परिचालन बैटरी स्वैप स्टेशन हैं, जो अपने नेटवर्क पर हर हफ्ते 1,000 से अधिक बैटरी स्वैप का संचालन करते हैं। स्टार्टअप लॉन्च के बाद से 15,000 से अधिक बैटरी स्वैप पूरा करने का दावा करता है, और ड्राइवर-पार्टनर्स ने बैटरी स्मार्ट के साथ एक मिलियन किमी से अधिक स्वैप पूरा किया है।

व्यापार मॉडल और गहरी रणनीति

बैटरी स्मार्ट स्वैप स्टेशन पार्टनर्स के रूप में स्थानीय व्यवसायों के साथ साझेदारी करके एक एसेट-लाइट तरीके से काम करता है। ड्राइवर सदस्यता या भुगतान-प्रति-उपयोग के आधार पर बैटरी स्मार्ट प्लेटफॉर्म पर साइन अप करते हैं। स्टेशन पार्टनर बैटरी चार्जिंग और स्वैप ऑपरेशन्स के लिए जिम्मेदार होते हैं। बैटरी स्मार्ट के पास अपने स्टेशन पार्टनर्स के साथ रेवेन्यू-शेयरिंग की व्यवस्था है।


पुलकित कहते हैं, “बैटरी स्मार्ट तेजी से अपने टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म पर स्वैप स्टेशन पार्टनर्स को ऑनबोर्ड करके और आय की एक अतिरिक्त स्थिर धारा प्रदान करके अपने पदचिह्न का विस्तार कर रहा है। हमारे ऑपरेटिंग मॉडल में निहित नेटवर्क प्रभाव हैं क्योंकि बैटरी स्मार्ट प्रस्ताव ड्राइवरों के लिए अधिक से अधिक मूल्यवान है। हमारे स्वैप टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म पर अधिक स्टेशन पार्टनर्स साइन अप कर रहे हैं।”


एवेंडस कैपिटल की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2025 तक ईवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल) बाजार लगभग 50,000 करोड़ रुपये का हो सकता है, जिसमें दो और तीन पहिया वाहनों को मध्यम अवधि में COVID-19 व्यवधान के कारण तेजी से इलेक्ट्रीफाइड किया जा रहा है। इसमें यह भी कहा गया है कि ई-रिक्शा बाजार का 40 प्रतिशत तक लिथियम-आयन बैटरी में शिफ्ट होने की उम्मीद है।


बैटरी स्मार्ट इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर भी अपनी बैटरी स्वैपिंग टेक्नोलॉजी को आजमा रहा है। पुलकित के अनुसार, भारत में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की ली-आयन बैटरी स्वैपिंग का अनुमानित बाजार अवसर 6 बिलियन डॉलर (2024 तक) है।


स्टार्टअप अपने कुछ प्रतियोगियों के रूप में सन मोबिलिटी, बाउंस (बाउंस के दोपहिया वाहनों के लिए), और ओये रिक्शा (ओए के तीन पहिया वाहन) को मानता है। हालांकि, स्थानीय स्टेशन मालिकों को स्वैप स्टेशन पार्टनर्स के रूप में ऑनबोर्ड करने की इसकी रणनीति उन्हें उनसे अलग खड़ा करती है।


स्टार्टअप ने अर्ली-स्टेज वेंचर कैपिटल फंड ओरिओस वेंचर पार्टनर्स (Orios Venture Partners) के नेतृत्व में एक अज्ञात सीड राउंड जुटाया है। एंजेल इन्वेस्ट प्लेटफॉर्म फाड नेटवर्क (Faad Network) ने भी फंडिंग राउंड में भाग लिया।