Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

दिल्ली सहारनपुर हाइवे के लिए काटे जायेंगे 5 हज़ार से अधिक पेड़

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा छह लेन वाले दिल्ली- सहारनपुर राजमार्ग के निर्माण का खाका तैयार कर लिया गया है जिसके निर्माण कार्य के लिए 5,100 से अधिक पेड़ काटे जाने की अनुमति मिल चुकी है.

दिल्ली सहारनपुर हाइवे के लिए काटे जायेंगे 5 हज़ार से अधिक पेड़

Wednesday August 31, 2022 , 3 min Read

देश में हाईवे बन रहे हैं. देश में भीषण गर्मी पड़ रही है, लू चल रही है, बेतरतीब बारिश हो रही है, बाढ़ की खबरें आ रही हैं और हाईवे बनाने के क्रम में रास्ते में आये सारे पेड़ों को काटा जा रहा है.


एक सूचना के अधिकार (RTI) आवेदन के तहत आई जानकारी के अनुसार भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (National Highways Authrity of India) ने श्रीनगर रिंग रोड के निर्माण के लिए 1.10 लाख से अधिक निजी पेड़ काट दिए हैं. जो पेड़ काटे गए हैं वे सेब, चिनार, अखरोट और शहतूत समेत अन्य प्रकार के थे और इनका मूल्य 13.76 करोड़ रुपये है.

मुंबई में आरे (Aare forest) मेट्रो प्रोजेक्ट कार शेड में पेड़ काटने का मामला हमारे सामने है ही.


दिल्ली सहारनपुर हाईवे निर्माण कार्य शुरू हो जाने की घोषणा हो चुकी है. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा छह लेन वाले दिल्ली- सहारनपुर राजमार्ग के निर्माण का खाका तैयार कर लिया गया है. आधिकारिक दस्तावेजों से खबर आई है कि विकास कार्य के नाम पर एक बार फिर पर्यावरण को झटका लगने जा रहा है. क्यूंकि इस निर्माण कार्य के लिए 5,100 से अधिक पेड़ काटे जाने की अनुमति वन विभाग से मिल चुकी है.


बता दें कि दिल्ली-सहारनपुर राजमार्ग का काफी हिस्सा अक्षरधाम दिल्ली एनएच-9 जंक्शन और यूपी के शहरों की सीमा को स्पर्श करता है. अक्षरधाम एनएच-9 जंक्शन और दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा के बीच खिंचाव पर स्थित इन पेड़ों की प्रजातियों में शीशम, सहतुत, पीपल, चंपा, अशोक, सुबाबुल, नीम, नीलगिरी, कीकर, बेर, जामुन और गूलर शामिल हैं. इस 6 लेने सड़क से जहां लोगों को रफ्तार मिलेगी वहीं इसके जरिए इन हरे पेड़ों पर चोट भी होगी. हालांकि, उप वन संरक्षक की स्थल निरीक्षण रिपोर्ट के अनुसार वन संरक्षण अधिनियम 1980 के उल्लंघन की कोई सूचना नहीं मिली है.


पेड़ों को काटने के बाद 8.66 करोड़ रुपये की लागत से एनटीपीसी इको पार्क, बदरपुर में प्रतिपूरक वनरोपण किया जाएगा ताकि इन पेडों के काटे जाने से पर्यावरण को जो नुकसान होगा उसकी भरपाई हो सके. 


गौरतलब है कि दिल्ली में बन रहे सेन्ट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के लिए वहां से पेड़ों की कटाई की गई थी. दिल्ली शहर की ग्रीन कवर में कोई क्षति न आये इसलिए पेड़ ट्रांसप्लांट करने और नये पौधे लगाने की योजना के तहत बदरपुर के एनटीपीसी इको पार्क में पौधे लगाये गए थे. हाल ही में, हाई कोर्ट के समक्ष पौधों के प्रत्यारोपण को लेकर वन विभाग द्वारा प्रस्तुत किये गए हलफ़नामे से यह बात सामने आई है कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत वर्तमान संसद भवन के रेस्टोरेशन की साइट पर लगाये गए 404 पौधों में सिर्फ़ 121 पेड़ ही जीवित रह पाए हैं.

इन आंकड़ों को देख पर्यावरणविद अपनी चिंता जताते हुए इस तरह के प्रोजेक्ट्स को पर्यावरण और ग्रीन कवर के लिए बड़ा खतरा मानते हैं.