जितने EV पूरे 2020 में नहीं हुए रजिस्टर, उसके दोगुने से ज्यादा पिछले ढाई माह में हो गए; ये हैं आंकड़े
साल 2020 में देश में कुल 1,23,092 इलेक्ट्रिक व्हीकल्स रजिस्टर हुए, वहीं 2023 में 15 मार्च तक हुए रजिस्ट्रेशंस का आंकड़ा 2,56,980 है.
देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल (Electric Vehicles) के प्रति लोगों का आकर्षण तेजी से बढ़ रहा है. इसका सबूत इनकी खरीद के आंकड़ों से पता चलता है. हाल ही में केंद्रीय भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर (Krishan Pal Gurjar) ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कुछ डिटेल्स साझा कीं. इन डिटेल्स के अनुसार, भारत में साल 2023 में 15 मार्च तक रजिस्टर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) की संख्या, पूरे साल 2020 में रजिस्टर हुए इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की संख्या के दोगुने से भी अधिक है.
साल 2020 में देश में कुल 1,23,092 इलेक्ट्रिक व्हीकल्स रजिस्टर हुए, वहीं 2023 में 15 मार्च तक हुए रजिस्ट्रेशंस का आंकड़ा 2,56,980 है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के ई-वाहन पोर्टल के मुताबिक, देश में साल 2020 से 2023 तक (15 मार्च तक) रजिस्टर्ड ई-व्हीकल्स की संख्या इस तरह है...
भारी उद्योग मंत्रालय (Ministry of Heavy Industries) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि मंत्रालय ने इन 3 योजनाओं के माध्यम से इलेक्ट्रिक वाहनों के खरीदारों और निर्माताओं को प्रोत्साहन दिया है:
- फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स इन इंडिया (फेम इंडिया): सरकार ने फेम इंडिया स्कीम के दूसरे चरण को शुरू में 1 अप्रैल, 2019 से शुरू होने वाली पांच साल की अवधि के लिए नोटिफाई किया है. इसके लिए कुल बजटीय सहायता 10,000 करोड़ रुपये है. फेम-इंडिया स्कीम फेज-II के तहत, इलेक्ट्रिक वाहनों के खरीदारों को इलेक्ट्रिक वाहनों के खरीद मूल्य में अग्रिम कटौती के रूप में प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है.
प्रोत्साहन, बैटरी क्षमता से जुड़ा है यानी वाहन की लागत के 20% कैप के साथ इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर और इलेक्ट्रिक फोरव्हीलर के लिए 10,000 रुपये/KWh. इसके अलावा, इलेक्ट्रिक टूव्हीलर के लिए 11 जून 2021 से प्रोत्साहन/सब्सिडी को 10,000 रुपये/KWh से बढ़ाकर 15,000 रुपये/KWh कर दिया गया है और वाहन की लागत के कैप को 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया गया है.
- ऑटोमोटिव सेक्टर के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना: सरकार ने 15 सितंबर, 2021 को ऑटोमोटिव क्षेत्र के लिए 25,938 करोड़ रुपये के बजटरी आउटले के साथ पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी. इसका मकसद वाहनों की घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को सपोर्ट करना है. इस पीएलआई योजना के अंतर्गत इलेक्ट्रिक वाहन आते हैं.
- एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) के लिए PLI योजना: सरकार ने 12 मई, 2021 को देश में एसीसी के निर्माण के लिए 18,100 करोड़ रुपये के बजटरी आउटले के साथ PLI योजना को मंजूरी दी थी. इस योजना में 50 GWh के लिए देश में एक प्रतिस्पर्धी एसीसी बैटरी मैन्युफैक्चरिंग सेटअप लगाने की परिकल्पना की गई है. इसके अतिरिक्त, 5GWh की आला ACC टेक्नोलॉजीस भी इस योजना के अंतर्गत आती हैं.
Edited by Ritika Singh