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सपनों के रास्ते आड़े नहीं आ सकी दिव्यांगता, आज बतौर म्यूजिशियन सफलता के शिखर पर हैं वृतम

साल 2005 में वृतम ने अपने पहले एल्बम ‘Writam’s Jyoti’ को लॉन्च किया था, हालांकि इसके बाद शुरू हुआ सफर लगातार जारी है।

सपनों के रास्ते आड़े नहीं आ सकी दिव्यांगता, आज बतौर म्यूजिशियन सफलता के शिखर पर हैं वृतम

Monday August 02, 2021 , 3 min Read

"बचपन में वृतम के लिए समय काटने के लिए संगीत सबसे अहम साधन बन गया था। वृतम तब अपने गानों के लिए संगीत घर के बर्तनों के जरिये बजाया करते थे। संगीत के प्रति वृतम के इस लगाव को देखते हुए उनके माता-पिता ने गंभीरता से लिया और इसी के साथ संगीत के साथ वृतम की यह यात्रा असल मायने में शुरू हो गई।"

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वृतम चंगकाकोटी एक नेत्रहीन गीतकर-संगीतकार हैं, जो कई वाद्ययंत्र बजा सकते हैं। दृष्टिहीनता कई मामलों में उनके लिए कठिनाई जरूर लाती रही, लेकिन उनके मजबूत सपनों के आगे कोई भी बाधा टिक नहीं सकी।


असम में जन्मे और पले-बढ़े वृतम हमेशा से एक होनहार छात्र रहे हैं, लेकिन संगीत को लेकर उनकी रुचि भी शुरुआत से ही लगातार उनके भीतर घर करती रही है। वृतम के अनुसार संगीत उनके घर में उनके जन्म से पहले ही मौजूद था और इस तरह उन्हें संगीत अपने परिवार से विरासत में मिला।


वृतम के माता-पिता दोनों ही संगीत से जुड़े हुए हैं। वृतम की माँ जहां गायिका हैं, वहीं वृतम के पिता तमाम वाद्य यंत्र बजाते हैं। यहीं से वृतम के लिए संगीत के प्रति उनका जुड़ाव शुरू हुआ और बहुत शुरुआती उम्र में ही उन्होने गानों को समझना और गुनगुनाना शुरू कर दिया गया था।

बर्तनों से निकालते थे संगीत

बचपन में वृतम के लिए समय काटने के लिए संगीत सबसे अहम साधन बन गया था। वृतम तब अपने गानों के लिए संगीत घर के बर्तनों के जरिये बजाया करते थे। संगीत के प्रति वृतम के इस लगाव को देखते हुए उनके माता-पिता ने गंभीरता से लिया और इसी के साथ संगीत के साथ वृतम की यह यात्रा असल मायने में शुरू हो गई।


वृतम ने संगीत गुरुओं से तबला सीखने से अपनी शुरुआत की और इसी के साथ जल्द ही उन्होने कीबोर्ड, गिटार और पियानो सीखना भी शुरू कर दिया। वृतम के अनुसार जब वे महज 5 साल के थे तब उन्होने औपचारिक रूप से स्कूल जाना शुरू किया था और इसी दौरान ही उन्होने संगीत सीखना भी शुरू कर दिया था।


शिक्षा के मामले में भी वृतम ने खुद को सबसे आगे खड़ा किया है। 10वीं की परीक्षा में 83 प्रतिशत और 12वीं की परीक्षा ने वृतम ने 81 प्रतिशत अंक अर्जित किए थे। वृतम ने परास्नातक की डिग्री भी हासिल की है।

लॉन्च किया अपना पहला एल्बम

साल 2005 में वृतम ने अपने पहले एल्बम ‘Writam’s Jyoti’ को लॉन्च किया था, हालांकि इसके बाद शुरू हुआ सफर लगातार जारी है। वृतम अब तक कई सोलो एल्बम व जाने-माने संगीतकारों के साथ भी अपने एल्बम रिलीज कर चुके हैं। म्यूजिक कम्पोज़ करने के लिए वृतम की प्रोसेस भी अन्य संगीतकारों की तरह ही है, जहां वे लिरिक्स और सिचुएशन के हिसाब से अपने गानों को कम्पोज़ करते हैं।


वृतम के अनुसार उनके इस काम को देखते हुए बड़ी संख्या में लोग उनकी तारीफ करते हैं, लेकिन कई बार उन्हें आलोचना का भी सामना करना पड़ता है। वृतम के अनुसार वह इस यात्रा में हर रोज़ सीखते हुए खुद को बेहतर करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं और उनकी यह कोशिश लगातार जारी है।


इतना ही नहीं, वृतम इसी के साथ म्यूजिक के अपने ज्ञान को म्यूजिक सीखने की चाहत रखने वाले लोगों के साथ साझा भी करते रहते हैं, वे इसके लिए ऑनलाइन ट्यूटोरियल जारी करते हैं। वृतम ने अपनी लगन के साथ यह साबित करने का काम किया है कि अगर कोई भी अपने लक्ष्य की तरफ निरंतरता से बढ़ें तो कुछ भी हासिल करना असंभव नहीं है।


Edited by Ranjana Tripathi