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50 की उम्र में सबसे ऊंचे पर्वत शिखर को फतह करने वाली भारतीय महिला प्रेमलता अग्रवाल

50 की उम्र में सबसे ऊंचे पर्वत शिखर को फतह करने वाली भारतीय महिला प्रेमलता अग्रवाल

Thursday March 14, 2019 , 3 min Read

प्रेमलता अग्रवाल

हम अक्सर लोगों से सुनते रहते हैं कि उन्हें जिंदगी में बहुत कुछ करना था लेकिन वे नहीं कर पाए। इस न कर पाने के पीछे कई वजहें गिनाई जाती हैं, जैसे वक्त का न होना, जिम्मेदारियों को संभालना इत्यादि। लेकिन हम सभी जानते हैं कि अगर कोई इंसान असल में कुछ करने को ठान ले तो सारी मुश्किलें छोटी पड़ जाती हैं। कुछ ऐसी ही दास्तां है 56 वर्षीय प्रेमलता अग्रवाल की, जिन्होंने विश्व की सभी सात सबसे ऊंची चोटियों को फतह किया। इस उपलब्धि की वजह से ही उन्हें 2013 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया।


प्रेमलता दो बच्चों की मां हैं जिनमें से एक की तो शादी भी हो चुकी है। वह पहली भारतीय महिला हैं जिसके नाम सातों शीर्ष चोटियों को फतह करने का खिताब दर्ज है। प्रेमलता के नाम 48 वर्ष की उम्र में माउंट एवरेस्ट को फतह करने का रिकॉर्ड है। उन्हें 2017 में तेनजिंग नॉर्गे नेशनल एडवेंचर अवॉर्ड मिला। पर्वतारोहण के अलावा प्रेमलता ने थार रेगिस्तान में ऊंट पर बैठकर 2,000 किलोमीटर का सफर करने का कारनामा दर्ज है। इसके लिए उन्हें लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था।


अपनी कहानी के बारे में बताते हुए प्रेमलता कहती हैं कि उनका जन्म तो दार्जिलिंग में हुआ था। लेकिन शादी के बाद बच्चों के साथ वे झारखंड के जमशेदपुर में रह रही थीं। एक दिन वे अपनी छोटी बेटी को लेकर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स गईं तो वहां उन्हें टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन द्वारा आयोजित किए जाने वाले एक ट्रेकिंग कार्यक्रम के बारे में पता चला। उस पोस्टर को देखकर प्रेमलता के मन में भी उसमें हिस्सा लेने का ख्याल आया। उन्होंने इसमें हिस्सा लिया और 500 लोगों में तीसरा स्थान प्राप्त किया।


इसके बाद वे मशहूर पर्वतारोही बछेंद्री पाल के संपर्क में आईं जिन्होंने उन्हें मार्गदर्शित किया और उनके सपने को एक नई उड़ान दी। उस वक्त वे 37 वर्ष की थीं। वे पर्वत की चोटियों को फतह करना चाहती थीं, लेकिन इसके लिए शारीरिक और मानसिक दोनों स्तरों पर उन्हें कई तरह की चुनौतियों का भी सामना करना था। लेकिन प्रेमलता ने ठान लिया था कि चाहे जो हो जाए वे अपने सपने को जरूर पूरा करेंगी। और उन्होंने ऐसा कर भी दिखाया। एक के बाद एक पर्वत शिखरों पर चढ़ते हुए प्रेमलता ने कई रिकॉर्ड बनाए और न जाने कितनी महिलाओं और लड़कियों को उनके सपनों को पूरा करने का जज्बा भी दे दिया।


50 वर्ष की उम्र में 23 मई 2013 को उत्तरी अमेरिका के अलास्का के माउंट मैकेनले को फतह करके उन्होने नई उपलब्धि हासिल की। इस पर्वत शिखर पर चढ़ने वाली वे पहली भारतीय महिला हैं। सातों महाद्वीपों के शिखर पर चढ़ने वाली प्रेमलता एक कुशल गृहिणी हैं। प्रेमलता अग्रवाल नेपाल की एशियन ट्रेकिंग कंपनी की देख रेख में मार्च के अंत में शुरू हुए इको एवरेस्ट अभियान 2011 के 22 सदस्यीय अंतर्राष्ट्रीय दल का हिस्सा थीं। उन्होंने दार्जिलिंग से पर्वतारोहण की शिक्षा प्राप्त की है।


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