वृद्धाश्रम के निर्माण के लिए डॉक्टर ने दान कर दी 5 करोड़ की जमीन, पूरी की पत्नी की आखिरी इच्छा
देश में भले कामों के लिए दान करने वाले नेकदिल इंसानों की कमी नहीं है और ऐसे ही एक शख्स हैं राजेंद्र कंवर। पेशे से डॉक्टर रहे राजेंद्र कंवर ने अपनी पत्नी की आखिरी इच्छा को पूरा करते हुए वृद्धाश्रम के संचालन के लिए 5 करोड़ रुपये कीमत की संपत्ति दान कर दी है।
72 वर्षीय राजेंद्र कंवर रिटायर्ड डॉक्टर हैं और उनकी पत्नी कृष्णा कंवर का देहांत करीब एक साल पहले हो गया था। राजेंद्र कंवर और कृष्णा कंवर की कोई संतान नहीं है और कृष्णा कंवर ने यह फैसला लिया था कि वे अपनी सारी संपत्ति को सरकार के नाम कर देंगे।
पूरी की पत्नी की अंतिम इच्छा
हिमाचल प्रदेश के निवासी राजेंद्र कंवर ने अपनी पत्नी की आखिरी इच्छा को पूरा करते हुए अपनी पूरी संपत्ति को सरकार को दान कर दिया है, जिसकी कीमत करीब पांच करोड़ रुपये बताई जा रही है। इसमें उनकी चल और अचल दोनों ही संपत्तियाँ शामिल हैं।
अपने इस वसीयतनामे के बाद अब हमीरपुर निवासी राजेंद्र कंवर चर्चा में आ गए हैं। डॉक्टर राजेंद्र कंवर जहां स्वास्थ्य विभाग से रिटायर हुए हैं, वहीं उनकी पत्नी कृष्णा कंवर शिक्षा विभाग से रिटायर हुईं थीं।
अपने इस फैसले को आगे ले जाते हुए उन्होने अपने खास रिशरेदारों से भी परामर्श लिया था और फिर अंतिम निर्णय लेते हुए उन्होने अपनी पूरी संपत्ति को सरकार के नाम कर दिया है।
डॉक्टर राजेंद्र कंवर ने जो संपत्ति सरकार के नाम की है उसमें उनके आलीशान घर के अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे स्थित भूमि और उनकी गाड़ी भी शामिल है। मालूम हो कि यह वसीयतनामा बीते साल 12 जुलाई को करवाया गया था।
शुरू होगा वृद्धाश्रम!
मीडिया से बात करते हुए डॉक्टर राजेंद्र कंवर ने बताया है कि ऐसे तमाम लोग होते हैं जिनको उनके बुढ़ापे में घर से बेदखल कर दिया जाता है या अन्य वजहों से भी उनके पास आसरे के लिए छत नहीं होती है। ऐसे में वे चाहते हैं कि अब सरकार को दे दिये गए उनके आलीशान घर में एक वृद्धाश्रम का संचालन हो।
इसके लिए अपने वसीयतनामे में भी डॉक्टर राजेंद्र कंवर बकायदा सरकार के सामने वृद्धाश्रम के संचालन की यह शर्त भी रखी है। डॉक्टर राजेंद्र कंवर ने मीडिया के जरिये लोगों से भी यह अपील की है कि सभी को वृद्धजनों के आदर के साथ ही उनसे लगाव रखना चाहिए।
गौरतलब है कि राजेंद्र कंवर ने साल 1974 में शिमला के स्नोडेन अस्पताल से अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की थी और साल 1977 में उन्होने भोरंज स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से अपने मेडिकल करियर की शुरुआत की थी। फिलहाल राजेंद्र कंवर जोलसप्प्ड स्थित अपने घर पर ही मरीजों का इलाज करते हैं।
डॉक्टर राजेंद्र कंवर और कृष्णा कंवर के इस निर्णय और राजेंद्र कंवर द्वारा द्वारा उठाए गए इस कदम की सराहना आज सोशल मीडिया पर भी बड़ी तेजी से हो रही है।
Edited by Ranjana Tripathi