ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में संस्कृत पढ़ने जा रही है असम की यह लड़की
देववाणी कही जाने वाली भाषा संस्कृत के प्रति आज अंग्रेजी व अन्य भाषाओं की तुलना में कम संख्या में ही युवाओं का रुझान देखने को मिलता है, हालांकि अब असम की एक बेटी जल्द ही दुनिया की प्रतिष्ठित ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में संस्कृत पढ़ने जा रही है।
असम के गुवाहाटी की रहने वाली अरानी एस हजारिका को लंदन स्थित ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में ओरिएंटल स्टडी के एक कोर्स के लिए चुना गया है। अरानी का चुनाव ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के बैलिओल कॉलेज में हुआ है, जहां वे दुनिया की प्राचीनतम भाषाओं में शुमार संस्कृत भाषा का अध्ययन करेंगी।
1263 में हुई थी इस कॉलेज की स्थापना
अरानी असम के गुवाहाटी के नूनमती इलाके में स्थित आनंद नगर की रहने वाली हैं और उन्होने गुवाहाटी के कृष्णा नगर स्थित होली चाइल्ड स्कूल से अपनी उच्च माध्यमिक की पढ़ाई पूरी की है। गौरतलब है कि बैलिओल कॉलेज प्रतिष्ठित ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से जुड़े सबसे पुराने कॉलेजों में से एक है। बैलिओल कॉलेज की स्थापना साल 1263 में हुई थी।
मीडिया के अनुसार, अरानी के पिता पार्थ प्रतिम हजारिका एक अनुभवी पत्रकार हैं और उन्होंने गुवाहाटी से प्रकाशित एक अंग्रेजी दैनिक असम ट्रिब्यून अखबार के सहायक संपादक के रूप में भी काम किया है, जबकि उनकी मां सुदक्षिणा भुयान एक प्रसिद्ध फेंगशुई वास्तु ज्योतिष सलाहकार हैं।
सपना हुआ पूरा
मीडिया से बात करते हुए अरानी ने अपनी भावनाओं को साझा किया है और इसी के साथ उन्होने ऑक्सफोर्ड के प्रसिद्ध कॉलेजों में से एक में संस्कृत का अध्ययन करने के लिए चुने जाने पर खुशी भी व्यक्त की है।
अरानी के अनुसार बचपन से ही ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ना उनका सपना था और अब अपने उस सपने को हकीकत में बदलने की इस पूरी प्रक्रिया के दौरान वे काफी खुश हैं। अरानी अब इसी के साथ आगे बढ़ते हुए हिन्दू धर्म को भी समझने में रुचि विकसित कर रही हैं।
ऐसे हुआ चयन
अरानी ने बताया है कि उन्हें इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के प्राच्य और धर्म अध्ययन के पाठ्यक्रम के बारे में पता चला था और वे इसके साथ आगे बढ़ना चाहती थीं। इसी के साथ अरानी ने यह भी साझा किया है कि कैसे वह ऑक्सफोर्ड में पाठ्यक्रम के लिए चयनित होने में सफल रही हैं। उहोने मीडिया को बताया है कि इस पाठ्यक्रम के लिए आवेदन करने के बाद उन्हें एक विषय पर एक निबंध लिखने के लिए कहा गया था। यह विषय 'क्या धर्म का अध्ययन एक धर्मनिरपेक्ष विश्वविद्यालय में किया जाना चाहिए' था।
विश्वविद्यालय को यह निबंध जमा करने के बाद अरानी को विभिन्न दौर के इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था और बाद में बॉलिओल कॉलेज के अधिकारियों ने उन्हें संस्कृत भाषा में अध्ययन करने पेशकश की थी। अपने भविष्य पर बात करते हुए अरानी ने बताया है कि उनका सपना एक रिसर्च स्कॉलर और एक उल्लेखनीय लेखक बनना है।
Edited by Ranjana Tripathi