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भारत को वैश्विक बायोमैन्युफैक्चरिंग हब में तब्दील किया जाएगा: केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि देश को बायोकेमिकल मैन्युफैक्चरिंग के बारे में वैश्विक दृष्टिकोण रखना चाहिए और इसके लिए वैश्विक रणनीति तैयार की जानी चाहिए.

केंद्रीय विज्ञान डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत को विज्ञान और टेक्नोलॉजी के वैश्विक बायोमैन्युफैक्चरिंग हब में तब्दील किया जाएगा.

उन्होंने यह भी कहा कि देश को बायोकेमिकल मैन्युफैक्चरिंग के बारे में वैश्विक दृष्टिकोण रखना चाहिए और इसके लिए वैश्विक रणनीति तैयार की जानी चाहिए.

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार की सभी पहलों में स्थिरता और ई-कचरा प्रबंधन एक मजबूत नियम रहा है, उन्होंने स्वयं संचालित इनडोर वायु गुणवत्ता मॉनिटर का उदाहरण दिया.

डॉ. सिंह ने आगे कहा कि केंद्र सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में स्टार्टअप्स और इनक्यूबेटर्स के माध्यम से नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा देना है.

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार सार्वजनिक निजी भागीदारी को बढ़ावा दे रही है और उन्होंने CSIR-NIIST से इस कदम को अपनाने का आग्रह किया. केंद्रीय मंत्री ने संस्थान से ऐसे नए नवाचार लाने का भी आह्वान किया जो गैर-वैज्ञानिक समुदाय के लिए भी उपयोगी हों.

CSIR-NIIST के निदेशक डॉ. सी. आनंदधर्मकृष्णन ने पिछले पचास वर्षों के दौरान CSIR-NIIST द्वारा हासिल की गई उपलब्धियों के बारे में केंद्रीय मंत्री के समक्ष एक प्रस्तुति दी. केंद्रीय मंत्री ने NIIST और देश भर के विभिन्न तकनीकी संस्थानों के बीच समझौता ज्ञापन और टेक्नोलॉजी हस्तांतरण के आदान-प्रदान की भी सुविधा प्रदान की. कार्यक्रम के दौरान डॉ. जितेंद्र सिंह ने NIIST परिसर में प्रदर्शनी क्षेत्र (NIIST शोकेस), स्वर्ण परीक्षण और हॉलमार्क सुविधा और स्टार्टअप एक्सपो का उद्घाटन किया.

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