कमीशन और बढ़ती कीमतों से मिलेगी निजात: Ola, Uber को टक्कर देने आ गया है Drife
फिरदोश शेख, सूर्य रंजीत और मुदित मर्दा द्वारा शुरू किया गया Drife स्टार्टअप Ola, Uber को कड़ी टक्कर दे सकता है. यह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर काम करता है. स्टार्टअप का दावा है कि यह ड्राइवरों से कोई कमीशन नहीं लेता है और बढ़ती कीमतों से निजात दिलाएगा.
रविकांत पारीक
Saturday June 25, 2022 , 7 min Read
सड़कों पर कैब की कमी, राइड कैंसिलेशन, और कीमतों में बढ़ोतरी के कारण भारतीय महानगरों में टैक्सी में सफर करना मुश्किल होता जा रहा है.
और के ड्राइवरों को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जैसे — फ्यूल की बढ़ती कीमतें, पेमेंट्स पर पार्टनर ऐप्स के कमीशन, EMI का पेमेंट करने में परेशानी आदि.
आंत्रप्रेन्योर फिरदोश शेख का मानना है कि मौजूदा चुनौतियों से निपटने के लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (blockchain technology) का फायदा उठाना सबसे शानदार तरीका है.
बेंगलुरू स्थित ब्लॉकचैन प्रोजेक्ट
(2021 में शुरू) के साथ, फिरदोश और को-फाउंडर सूर्य रंजीत और मुदित मर्दा ड्राइवरों से बगैर कमीशन लिए, बढ़ती कीमतों से निजात दिलाने, ओपन गवर्नेंस और ट्रांसपेरेंशी के साथ राइड का बेहतरीन अनुभव दिलाने में लगे हैं.YourStory के साथ इंटरव्यू में, फिरदोश शेख बताती हैं, "अरबों डॉलर वैल्यू वाली कैब कंपनियों के ड्राइवर अभी भी अपना घर चलाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. सबसे बड़ी चिंताजनक बात यह है कि कुछ बड़ी कपनियां अपना अस्तित्व बनाए रखने और मुनाफा कमाने के लिए सिस्टम में हेरफेर कर रही हैं. इससे पता चलता है कि सिस्टम कितना बिखरा हुआ है. यही वह जगह है जहां Drife काम करता है."
बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Kempegowda International Airport) पर अपनी नीली और सफेद कैब के साथ Drife ने पायलट प्रोजेक्ट चलाया है.
फिरदोश का दावा है कि स्टार्टअप प्रति सप्ताह लगभग 1,000 राइड पूरी करता है. इसके एंड्रॉइड और iOS ऐप पर राइड बुक की जा सकती है.
कैसे काम करता है Drife
दूसरी ऐप्स की तरह, Drife पर कस्टमर को निकटतम ड्राइवरों को खोजने के लिए पिकअप और ड्रॉप लोकेशन दर्ज करनी होगी. लेकिन इसके आगे, Uber और Ola की तुलना में Drife कस्टमर और ड्राइवर को बहुत अधिक स्वतंत्रता देता है.
फिरदोश बताती हैं, “दूसरी कंपनियों के पास एक डिस्पैच सर्विस होती है, जहां वे चुनते हैं कि कस्टमर को कौन सा ड्राइवर एलोकेट करना है. हम ऐसा नहीं करते. हमारे पास एक यूनिक मैचिंग एल्गोरिथ्म (रेटिंग के आधार पर) और एक सर्च रेडियस कैटेगरी है. यह कस्टमर के पास के सभी ड्राइवरों के लिए स्कैन करती है. यह उन्हें यूजर रिक्वेस्ट दिखाती है. राइड के लिए एलोकेटेड मूल वेतन (base pay) के अलावा, राइड को स्वीकार करने के इच्छुक प्रत्येक ड्राइवर के पास इसके लिए ज्यादा या कम राशि ऑफर करने का विकल्प होता है."
यूजर्स को तब ड्राइवरों द्वारा दी गई सभी बोलियों को देखने और अपनी पसंद के ड्राइवर को चुनने का विकल्प दिया जाता है. एक बार सबमिट करने के बाद ड्राइवर बोली में बदलाव नहीं कर सकते हैं.
फिरदोश कहती हैं, यह कदम यूजर्स को डेस्टिनेशन के बारे में पूछने के लिए कॉल करने वाले ड्राइवरों से बचाता हैं. इससे राइड कैंसिलेशन को रोकने में भी मदद मिलती है.
वह कहती हैं, “ड्राइवर को किसी राइड को स्वीकार करने और उसकी कीमत बताने से पहले उसके बारे में सभी डिटेल्स मिल जाती हैं. हम यूजर्स और ड्राइवरों, दोनों के लिए निष्पक्ष होने की कोशिश कर रहे हैं. उन्हें यात्रा के लिए कीमत चुनने की आजादी मिलती है, बजाय इसके कि हम उनके लिए यह तय करें.”
यात्रा के किराए में पारदर्शिता
मूल वेतन की गणना स्थानीय सरकार द्वारा निर्धारित टैरिफ दर और इसमें शामिल समय और दूरी के आधार पर की जाती है. राशि किसी भी समय मौजूदा सप्लाई-डिमांड की शर्तों पर निर्भर नहीं है.
फिरदोश कहती हैं, "इसमें किसी तरह के हिडन चार्जेज नहीं हैं जो अलग-अलग समय पर यात्राओं की कीमतों में इजाफा करते हैं."
फिरदोश Uber की 2,000 रुपये की कैब राइड का उदाहरण देते हुए बताती हैं... मान लीजिए कि कमीशन कानूनों का पालन किया जाता है, तो वह कहती हैं कि ड्राइवर को किराए का 80 प्रतिशत (1,600 रुपये) मिलेगा, जबकि बाकी Uber को मिलेगा.
हालांकि, कई ड्राइवर बताते हैं कि कंपनियां 30-40 प्रतिशत तक का कमीशन काटती हैं. वास्तव में, ड्राइवरों को उनकी अपेक्षा से बहुत कम कीमत मिलती है. इस तरह की शिकायतों के मद्देनजर, राइड देने वाली ऐप्स पर मूल्य निर्धारण और कमीशन की गणना के लिए उपयोग किए जाने वाले एल्गोरिदम और पारदर्शिता की कमी को लेकर अधिकारियों की पैनी नजर है.
वह बताती हैं, “जब Drife दूरी और समय के आधार पर मूल वेतन की गणना करता है, तो हम लगभग 1,000 रुपये की कीमत पर पहुंचते हैं. एक ड्राइवर जो यात्रा करना चाहता है, वह 1,600 रुपये की बोली लगा सकता है, और कस्टमर इसे स्वीकार करता है.”
फिरदोश दावा करती है कि Drife किसी भी तरह का कमीशन नहीं लेता है. ट्रिप से आने वाला पूरा पैसा ड्राइवर को ही मिलता है. फिरदोश का मानना है कि बड़े पैमाने पर, ड्राइवरों की प्रति दिन कई ट्रिप्स करने से, इस मॉडल के परिणामस्वरूप ड्राइवरों को दूसरे प्लेटफार्म्स की तुलना में अधिक (और पारदर्शी तरीके से) कमाई हो सकती है.
Drife का रेवेन्यू मॉडल
जैसा कि ड्राइवरों से किसी भी तरह का कोई कमीशन नहीं लिया जाता है. स्टार्टअप दूसरे तरीकों से रेवेन्यू हासिल करता है. यह अपने ड्राइवर-पार्टनर्स से 2,500 रुपये का मामूली मासिक सदस्यता शुल्क लेता है. यह उन्हें राइड स्वीकार करने, बोली लगाने और राइड एग्जीक्यूट करने के लिए प्लेटफॉर्म देता है.
फिरदोश बताती हैं, “इसके अलावा, हम एक फ्रैंचाइज़ी मॉडल पर काम कर रहे हैं जहाँ दूसरे शहरों के लोग संभावित रूप से Drife से जुड़ सकते हैं. नए शहरों में राइड शुरू करना आकर्षक लेकिन थकाऊ है. इसलिए हम उन बेस्ट पार्टियों का चयन करते हैं जो कहीं भी ऑपरेशंस शुरू कर सकती हैं. हमारा एक रेवेन्यू-शेयरिंग मॉडल है जहां हम सदस्यता शुल्क का एक हिस्सा लेते हैं जो ड्राइवर फ्रैंचाइज़ी मालिकों को पेमेंट करते हैं.”
दूसरी ब्लॉकचेन ऐप्स के विपरीत, Drife किसी प्रॉब्लम को सॉल्व करने वाला Web3 सॉल्यूशन नहीं है. राइड इंडस्ट्री की चुनौतियों को अच्छी तरह से समझा गया है. फिरदोश स्वीकार करती हैं कि ब्लॉकचेन के जरिए उन्हें सॉल्व करने का कोई भी पिछला प्रयास उतना सीधा या सहज नहीं है जितना लगता है.
फिरदोश कहती हैं, "लोगों ने ब्लॉकचेन पर Uber बनाने की कोशिश की है. लेकिन पहले दिन से डिसेंट्रलाइजेशन जादुई रूप से किसी भी प्रॉब्लम को सॉल्व नहीं करेगा. डिसेंट्रलाइजेशन स्टेप्स में होना चाहिए. सबसे पहले, एप्लिकेशन में कैलकुलेशन और एल्गोरिदम सही राइड एलोकेशन के लिए फुल ट्रांसपेरेंसी हासिल करने के लिए स्मार्ट कॉन्ट्रेक्ट्स का फायदा उठाती हैं. फिर, फ्रैंचाइज़ी मॉडल के जरिए ऑपरेशन डिसेंट्रलाइज हो जाता है.”
सेंट्रलाइजेशन को धीरे-धीरे खत्म करने की दिशा में इस अप्रोच को अक्सर 'प्रोग्रेशिव डिसेंट्रलाइजेशन' के रूप में जाना जाता है. इसके प्रमुख समर्थकों में से एक एथेरियम (Ethereum) स्केलिंग प्रोजेक्ट पॉलीगॉन (Polygon) है, जो वास्तव में, वह नेटवर्क है जिस पर स्टार्टअप शुरू किया गया है.
Drife इकोसिस्टम और आगे की राह
Drife इकोसिस्टम में DRF टोकन है, जिसे न केवल यूजर्स द्वारा एक्सचेंजों पर ट्रेड किया जा सकता है, बल्कि प्लेटफॉर्म पर अलग-अलग एक्टिविटीज़ को पूरा करके ड्राइवरों द्वारा कमाया जा सकता है. सदस्यता शुल्क पर छूट के लिए रिडीम किया जा सकता है. यह प्रोजेक्ट ड्राइवरों को माइक्रो लोन लेने के लिए अपने कमाए हुए DRF टोकन को गिरवी रखने देता है.
फिरदोश समझाती हैं, “हमारे बेंगलुरु और भारत के ऑपरेशन में DRF टोकन शामिल नहीं है. हमारे ऑपरेशन इसके बिना मूल रूप से काम करते हैं. हम एक सख्ती से फ़िएट-बेस्ड मॉडल का पालन करते हैं जहां राइडर और ड्राइवर केवल INR में लेन-देन करते हैं.”
वह बताती है, "चूंकि यह अभी भी शुरुआती प्रोजेक्ट है, Drife के लिए बड़ी चुनौती डिमांड और सप्लाई को पूरा करना है. तीन किलोमीटर के दायरे में ड्राइवरों, यूजर्स और प्लॉटिंग ड्राइवरों को प्राप्त करना, जब कोई कस्टमर राइड रिक्वेस्ट सबमिट करता है, तो यह उतना आसान नहीं है जितना कि मल्टीबिलियन-डॉलर वैल्यू वाली राइड-शेयरिंग कंपनियों द्वारा देखा जाता है."
P&S Market Research की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंडियन शेयर्ड मोबिलिटी मार्केट की साइज साल 2019 में 1 बिलियन डॉलर थी. साल 2025 तक इसके बढ़कर 3.95 बिलियन डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है.
डिसेंट्रलाइज राइड को बेहतर बनाने लिए साल 2021 में Drife ने सीड (प्राइवेट टोकन) राउंड में 2.7 मिलियन डॉलर जुटाए थे.
फिरदोश कहती हैं, "हम जानते हैं कि Arcade City और DAV Protocol जैसे कुछ ग्लोबल प्रोजेक्ट्स हैं, जो डिसेंट्रलाइज्ड राइड अनुभवों का निर्माण करना चाहते हैं. लेकिन जमीन पर कुछ भी नहीं बनाया गया है. Web3 की दुनिया में कभी-कभी मेटावर्स (Metaverse) और गैमिफिकेशन प्रोजेक्ट्स द्वारा इतनी खपत होती है कि शायद ही कोई वास्तविक दुनिया के प्रोजेक्ट्स बना रहा हो."