ATM इस्तेमाल किया..कैश तो नहीं निकला लेकिन अकाउंट से पैसे कट गए, तो क्या करें
अकाउंट से पैसे कटने लेकिन कैश हाथ में नहीं आने की घटनाओं में आमतौर पर पैसे 7 कामकाजी दिनों के अंदर बैंक अकाउंट में लौट आते हैं. लेकिन अगर तय अवधि में ऐसा न हो तो ग्राहक को क्या करना चाहिए?
ATM जाकर कैश निकालना (Cash Withdrawal at ATM) आज के टाइम में कोई नई या बड़ी बात नहीं है. मेट्रो शहरों में तो कई लोग ऐसे हैं, जिन्हें कैश निकालने के अलावा अगर बैंक से जुड़ा कोई और काम नहीं है तो वह कभी बैंक ब्रांच भी नहीं गए हैं. कैश ATM से ही निकल आता है. बैंक में जाकर कैश ज्यादातर वही लोग निकाल रहे हैं, जिन्हें या तो ATM से कैश विदड्रॉ करना नहीं आता या फिर जिन्हें बहुत मोटे अमाउंट की जरूरत है. ATM से पैसे निकालने के दौरान कई लोगों को अक्सर ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ता है, जब बैंक अकाउंट से पैसे कटने का मैसेज तो आ जाता है लेकिन ATM से कैश बाहर नहीं आता।
इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे- आपकी ओर से ट्रांजेक्शन डिटेल डालने में कोई गलती होना या ATM के सॉफ्टवेयर का सही तरीके से काम नहीं करना या ATM में कैश न होना या किसी जालसाज का ATM में कार्ड स्किमिंग मशीन लगाना आदि. अकाउंट से पैसे कटने लेकिन कैश हाथ में नहीं आने की घटनाओं में आमतौर पर पैसे 7 कामकाजी दिनों के अंदर बैंक अकाउंट में लौट आते हैं. लेकिन अगर तय अवधि में ऐसा न हो तो ग्राहक को क्या करना चाहिए?
सबसे पहले बैंक के कस्टमर केयर नंबर पर कॉल करें
ऐसी घटना होने पर आपको सबसे पहले बैंक की हेल्पलाइन या कस्टमर केयर नंबर पर कॉल करना चाहिए और मामले की जानकारी देनी चाहिए. कोशिश करें कि आप ऐसा घटना के 24 घंटों के अंदर कर लें. कस्टमर केयर नंबर पर कॉल करने पर कोई एग्जीक्यूटिव शिकायत को रजिस्टर करेगा और फिर मामले में आगे की जांच बैंक करेगा.
अगर न हो कॉन्टैक्ट तो ब्रांच जाकर करें शिकायत
बैंक के कस्टमर केयर नंबर पर आप कॉन्टैक्ट नहीं कर पा रहे हैं तो फिर आपको शिकायत दर्ज करने के लिए अपने खाते वाले बैंक में जाना होगा. आप उस मामले में भी बैंक जा सकते हैं, अगर कस्टमर केयर नंबर पर एग्जीक्यूटिव आपकी समस्या पर संतोषजनक उत्तर न दे पाया हो. बैंक में शिकायत के लिए नियुक्त अधिकारी या हेल्पडेस्क अगर मदद नहीं कर पा रहे हैं या आप उनके व्यवहार से संतुष्ट नहीं हैं तो ब्रांच मैनेजर से कॉन्टैक्ट करें.
नियमों के तहत बैंक की क्या है जिम्मेदारी?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियम कहते हैं कि अगर ATM से कैश विदड्रॉअल के दौरान ग्राहक के बैंक खाते से पैसे कटे लेकिन उसे कैश नहीं मिला तो बैंक को ट्रांजेक्शन वाला दिन+ 5 दिन मैक्सिमम (T+5) के अंदर ट्रांजेक्शन को ऑटो रिवर्स करना होगा। अगर ऐसा T+5 की अवधि में नहीं हुआ तो बैंक 100 रु/दिन के हिसाब से कस्टमर को मुआवजा देगा.
अगर बैंक भी नहीं सुलझा सका समस्या तो...
अगर बैंक आपकी समस्या नहीं सुलझा रहा है या फिर तय अवधि के अंदर समाधान नहीं हुआ है तो फिर आप बैंकिंग ओम्बड्समैन का दरवाजा खटखटा सकते हैं. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अपनी एकीकृत लोकपाल योजना (Integrated Ombudsman Scheme) को 12 नवंबर 2021 से प्रभावी कर चुका है. योजना के अंतर्गत एक पोर्टल, एक ई-मेल और एक पता रहेगा, जहां ग्राहक बैंक, NBFCs आदि के खिलाफ शिकायतें फाइल कर सकता है.
लेकिन ध्यान रहे कि ग्राहक एकीकृत लोकपाल योजना में शिकायत तभी कर सकता है, जब उसने पहले बैंक, एनबीएफसी आदि को लिखित में शिकायत दी हो. उस शिकायत को आंशिक या पूर्ण रूप से खारिज कर दिए जाने या फिर संतोषजनक उत्तर न मिलने या फिर 30 दिन के अंदर उत्तर न मिलने की स्थिति में एकीकृत लोकपाल योजना को एक्सेस कर सकते हैं. रेगुलेटेड एंटिटी की ओर से उत्तर प्राप्त होने के 1 साल के अंदर ग्राहक एकीकृत लोकपाल योजना के तहत शिकायत कर सकता है. रेगुलेटेड एंटिटी की ओर से उत्तर प्राप्त न होने वाले मामले में शिकायत किए जाने के 1 साल 30 दिन के अंदर लोकपाल को शिकायत कर सकते हैं.