मां-बाप ने एक दिन की बच्ची को फेंका लावारिस, पुलिस ने बचाया
बीते सप्ताह बुधवार को ट्रैफिक पुलिस ने ड्यूटी के दौरान एक नवजात बच्ची के चीखने की आवाज सुनी। जब वे वहां पहुंचे तो उन्होंने देखा कि वहां एक लावारिस बच्ची पड़ी है।
बच्ची को तुरंत सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने तुरंत उसकी देखभाल शुरू कर दी। पुलिस कॉन्स्टेबल अनिल, अमर सिंह और प्रवीण ने बताया कि शाम पांच बजे के दौरान आर के खन्ना टेनिस स्टेडियम के पास बच्ची मिली थी।
हमारे समाज में बेटियों की हालत क्या है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नवजात बच्चियां लावारिस हालत में झाड़ियों और कूड़ेदान में पाई जाती हैं। ऐसा ही कुछ हुआ दिल्ली के अफ्रीका अवेन्यू रोड पर। हालांकि दिल्ली ट्रैफिक पुलिस कॉन्स्टेबल की बहादुरी से बच्ची की जान बच गई। दरअसल बीते सप्ताह बुधवार को ट्रैफिक पुलिस ने ड्यूटी के दौरान एक नवजात बच्ची के चीखने की आवाज सुनी। जब वे वहां पहुंचे तो उन्होंने देखा कि वहां एक लावारिस बच्ची पड़ी है।
इसके बाद उन्होंने कंट्रोल रूम में इसकी सूचना दी और मौके पर पुलिस पहुंची। बच्ची को तुरंत सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने तुरंत उसकी देखभाल शुरू कर दी। पुलिस कॉन्स्टेबल अनिल, अमर सिंह और प्रवीण ने बताया कि शाम पांच बजे के दौरान आर के खन्ना टेनिस स्टेडियम के पास बच्ची मिली थी। उन्होंने बताया कि उस वक्त वे रेड लाइट के पास खड़े होकर चालान काट रहे थे।
तभी एक बच्ची के रोने की आवाज आई। आसपास देखा कि फुटपाथ के पास झाड़ियों में एक दिन का नवजात पड़ा था। आसपास कुत्ते भी घूम रहे थे। तुरंत बच्ची को कचरे से उठाया और सौ नंबर पर कॉल करके पुलिस को सूचना दी। सूचना पाते ही तुरंत पीसीआर आई और बच्ची को अस्पताल लेकर गई। अच्छी बात ये रही कि बच्ची उस वक्त जिंदा थी। डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची सिर्फ एक दिन की है। पुलिस ने अपना फर्ज तो अदा कर दिया, लेकिन अभी भी उन माता-पिता की तलाश हो रही है जिन्होंने इस नवजात को मरने के लिए सड़क किनारे फेंक दिया। आरकेपुरम थाना पुलिस मामला दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी है।
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