बैटरी से चलने वाली 2.90 करोड़ की कार पहुंची इंडिया, मुंबई में हुआ रजिस्ट्रेशन
बैट्री से चलने की वजह से इस गाड़ी को आरटीओ टैक्स और से छूट हासिल है। लेकिन एक करोड़ से ज्यादा कीमत की होने की वजह से इस पर इंपोर्ट ड्यूटी के रूप में 20 लाख रुपये टैक्स लिए गए हैं...
हाल ही में बृहन्मुंबी इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (BEST) ने अपने फ्लीट में पांच इलेक्ट्रिक बसें शामिल की थीं जो कि मुंबई की सड़कों पर सफलतापूर्वक दौड़ रही हैं।
अभी मुंबई में टेस्ला के जिस मॉडल को लाया गया है वह नीले कलर की 'एक्स' मॉडल है। इसमें दाहिने साइड ही स्टीयरिंग दी गई है। टेस्ला ने भारतीयों को मॉडल-3 बुक करने का विकल्प दे रखा है, लेकिन अभी किसी को नहीं पता है कि वह मॉडल भारत में कब आएगी।
दुनियाभर में अपनी खास टेक्नॉलजी से हैरत में डाल देने वाली इलेक्ट्रिक कार टेस्ला आखिरकार भारत में पहुंच ही गई है। बीते शुक्रवार को मुंबई के ताड़देव क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में इस गाड़ी का रजिस्ट्रेशन हुआ। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एस्सार ग्रुप के सीईओ प्रशांत रुईया के नाम पर इस गाड़ी का रजिस्ट्रेशन हुआ है। बैट्री से चलने की वजह से इस गाड़ी को आरटीओ टैक्स और सेस से छूट हासिल है। लेकिन एक करोड़ से ज्यादा कीमत की होने की वजह से इस पर इंपोर्ट ड्यूटी के रूप में 20 लाख रुपये टैक्स लिए गए हैं। हालांकि इससे पहले भी कई इलेक्ट्रिक गाड़ियां मुंबई में रजिस्टडर्ड हुई हैं। इसमें से 9 तो सिर्फ ताड़देव में ही रजिस्टर्ड हुई हैं।
बाकी तीन-तीन गाड़ियां अंधेरी आरटीओ और बोरिवली आरटीओ ऑफिस में रजिस्टर्ड हुई हैं। एक और इलेक्ट्रिक गाड़ी वडाला आरटीओ ऑफिस में रजिस्टर्ड हुई है। हाल ही में बृहन्मुंबी इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (BEST) ने अपने फ्लीट में पांच इलेक्ट्रिक बसें शामिल की थीं जो कि मुंबई की सड़कों पर सफलतापूर्वक दौड़ रही हैं। मोदी सरकार ने भी देशभर में सभी वाहनों को 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहन में परिवर्तित करने का लक्ष्य रखा है। भारत के वाहनों का इलेक्ट्रिक वाहनों में परिवर्तन होने से देशभर में करीब 100 बिलियन डॉलर सालाना जीवाश्म ईंधन की बचत होगी। सरकार द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, भारत वर्ष 2030 तक अपने सभी वाहनों को राजस्थान की केवल एक फीसदी भूमि का इस्तेमाल कर सृजित की जाने वाली सौर ऊर्जा से ही चला सकता है।
अभी मुंबई में टेस्ला के जिस मॉडल को लाया गया है वह नीले कलर की 'एक्स' मॉडल है। इसमें दाहिने साइड ही स्टीयरिंग दी गई है। टेस्ला ने भारतीयों को मॉडल-3 बुक करने का विकल्प दे रखा है, लेकिन अभी किसी को नहीं पता है कि वह मॉडल भारत में कब आएगा। मुंबई में मॉडल एक्स को ग्रीनविच मेरिडियन लॉजिस्टिक के जरिए आयात किया गया है। यह 75D वैरियंट की तरह दिखती है जिसमें 75kWh की बैट्री लगी है। इस लग्जरी कार में दो मोटर लगी हैं। टेस्ला की गाड़ियां बिना ड्राइवर के भी चल सकती हैं, लेकिन भारत सरकार ने अभी बिना ड्राइवर के गाड़ी चलाने की इजाजत नहीं दी है।
हालांकि टेस्ला ने 75D मॉडल के पावर और टॉर्क के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है, लेकिन कुछ ऑनलाइन वेबसाइटों पर मौजूद जानकारी के मुताबिक इसमें 333ps की पावर और 525nm का टॉर्क पैदा होता है। अमेरिका की पर्यावरण रक्षण एजेंसी के मुताबिक यह एसयूवी एक बार चार्ज होने पर 381 किलोमीटर का सफर कर सकती है। यह कार जीरो से 100 की स्पीड पकड़ने में सिर्फ 5 सेकंड का समय लेती है। टेस्ला की गाड़ियों में एक अलग प्रकार की सेलनुमा बैट्रियां इस्तेमाल की जाती हैं। यूनाइटेड किंगडम में मॉडल एक्स की कीमत सिर्फ 61 लाख रुपये ही है, लेकिन भारत में इसे पूरी तरह से सड़क पर आने में दोगुना पैसा लग जाता है।
परंपरागत ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम करने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है। बिजली के बोझ को कम करने के लिए सभी लाइटों को एलईडी लाइट्स से बदला जा रहा है, सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना कॉर्बन उत्सर्जन को करीब 80 मिलियन टन की दर से सालाना कम करेगा और आर्थिक रूप से बेहतर यह परियोजना लोगों के बिजली के बिलों में सालाना करीब 4000 करोड़ रुपये की बचत करेगी। भारत थर्मल पॉवर पर निर्भरता वाली अर्थव्यवस्था से नवीकरणीय ऊर्जा वाली अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है। सौर ऊर्जा कार्यक्रम को 20 गीगावॉट से बढ़ाकर, वर्ष 2022 तक 100 गीगावॉट करने का लक्ष्य रखा गया है।
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