हर साल 24 करोड़ रुपये छोड़ देते हैं मुकेश अंबानी
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी का वार्षिक वेतन लगातार आठवें साल भी 15 करोड़ रुपये रखा गया है जबकि कंपनी निदेशक मंडल के अन्य सभी कार्यकारी निदेशकों का पारिश्रमिक बढ़ा है।
सबसे अमीर भारतीय मुकेश अंबानी वर्ष 2008-09 से वेतन, भत्ते और कमीशन मिलाकर 15 करोड़ रुपये वाषिर्क लेते हैं। इस लिहाज से वह हर साल करीब 24 करोड़ रुपये छोड़ देते हैं।
कंपनी ने अपनी 2015-16 की वाषिर्क रपट में कहा है कि अंबानी के लिए 38.75 करोड़ रपये के वेतन की मंजूरी के बावजूद उनका वेतन 15 करोड़ रुपये ही रखा गया है। ऐसा कर वह प्रबंधन के स्तर पर वेतन कम रखने के लिए व्यक्तिगत उदाहरण पेश करना चाहते हैं।
वित्त वर्ष 2015-16 के लिए मिलने वाले उनके पारिश्रमिक में 4.16 करोड़ रुपये वेतन और 60 लाख रपये दूसरे लाभ एवं भत्ते तथा 71 लाख रुपये सेवानिवृत्ति लाभ के तौर पर दिये गये। इसके अलावा 9.53 करोड़ रपये मुनाफे पर कमीशन के तौर पर उन्हें दिया गया। इस दौरान उनका मूल वेतन तो एक साल पहले के बराबर ही रहा लेकिन कमीशन 2014-15 के 9.41 करोड़ रपये से मामूली बढ़ गया।
अंबानी ने अक्तूबर 2009 से अपने वेतन को 15 करोड़ रुपये पर सीमित रखा हुआ है। सीईओ वेतन को सही स्तर पर रखने को लेकर छिड़ी बहस के बीच यह किया गया। उनकी यह वेतन सीमा तब भी बनी रही जब अन्य सभी कार्यकारी निदेशकों के वेतन में वृद्धि हुई है।
अंबानी के रिश्तेदार निखिल आर. मेसवानी और हितल आर. मेसवानी का वेतन इस दौरान बढ़कर क्रमश 14.42 करोड़ और 14.41 रपये हो गया, जबकि एक साल पहले इनका वेतन 12.03 करोड़ रुपये के आसपास था। यहां तक कि पी एम एस प्रसाद सहित कंपनी के प्रमुख कार्यकारियों का वेतन 6.03 करोड़ रुपये से बढ़कर 7.23 करोड़ रुपये हो गया।
रिफाइनरी प्रमुख पवन कुमार कपिल का वेतन इस दौरान 2.41 करोड़ से बढ़कर 2.94 करोड़ रुपये हो गया। नीता अंबानी सहित रिलायंस के गैर-कार्यकारी निदेशकों को 1.2 करोड़ रुपये का कमीशन मिला।