अपने वीडियो के दम पर लोगों की जान बचा रही है केरल की महिला बाइकर
केरल के अलाप्पुझा की एक पूर्व सॉफ्टवेयर इंजीनियर जिनशा बशीर ने जब बाइक की सवारी करने का फैसला किया तो ये किसी के लिए कोई खास बात नहीं थी क्योंकि महिलाएं अब मोटर वाहनों की सवारी आमतौर पर कर रही हैं। लेकिन जिनशा के लिए खास ये था कि वह बाइकर के अलावा एक वीडियो ब्लॉगर भी हैं।
जिनशा शब्दों का बहुत ही अच्छी तरह से इस्तेमाल करती हैं। उन्होंने लोगों पर काफी प्रभाव छोड़ा है। यही नहीं वह रोजमर्रा की समस्याओं का सामना कर रहे आम लोगों की मदद भी करती है। लोगों से जरूरतमंदों को दान करने के लिए प्रेरित करती हैं।
भारत में महिला बाइकर्स की कहानियों इन दिनों चर्चा में हैं। अभी कुछ समय पहले हैदराबाद की रहने वाली बाइकर सना इकबाल ने बाइक पर 38 हजार किमी का सफर तय किया था। इसके अलावा 129 घंटों में कन्याकुमारी से लेह तक यात्रा कर रिकॉर्ड बनाने वाली महिला बाइकर्स की कहानी भी सभी की जुबां पर रही। लेकिन इन दिनों एक ऐसी महिला बाइकर चर्चा में है जो अपने वीडियो के दम पर लोगों की जान बचा रही है।
ये महिला बाइकर हैं जिनशा बशीर। केरल के अलाप्पुझा की एक पूर्व सॉफ्टवेयर इंजीनियर जिनशा बशीर ने जब बाइक की सवारी करने का फैसला किया तो ये किसी के लिए कोई खास बात नहीं थी क्योंकि महिलाएं अब मोटर वाहनों की सवारी आमतौर पर कर रही हैं। लेकिन जिनशा के लिए खास ये था कि वह बाइकर के अलावा एक वीडियो ब्लॉगर भी हैं। जिनशा शब्दों का बहुत ही अच्छी तरह से इस्तेमाल करती हैं। उन्होंने लोगों पर काफी प्रभाव छोड़ा है। यही नहीं वह रोजमर्रा की समस्याओं का सामना कर रहे आम लोगों की मदद भी करती है। लोगों से जरूरतमंदों को दान करने के लिए प्रेरित करती हैं। इसके अलावा वह रोजगार के अवसरों के बारे में जानकारी देती हैं। ये वो काम हैं जो समाज में लोगों को बड़े पैमाने पर लाभ देते हैं।
इस तरह का काम करने के लिए जिनशा को प्रेरणा कहां से मिली? इसके बारे में वे कहती हैं कि एक बार जब वह पेट्रोल पंप पर थीं तो उन्होंने देखा कि एक कर्मचारी गाड़ी में पेट्रोल गलत तरह से भर रहा है। उन्होंने पाया कि वह कर्मचारी पेट्रोल की क्वांटिटी से छेड़छाड़ कर रहा है। जिनशा कहती हैं, "जब मैंने उसके सामने जाकर बात करने का फैसला किया, तो वह मुझसे बोला कि झगड़ा न करें ये एक आम बात है। उस कर्मचारी ने कहा कि यह वर्षों से हो रहा है, और जनता ऐसी गतिविधियों से अवगत है।" और तभी से जिनशा ने वीडियो बनाने का फैसला किया।
यहां उन्होंने पब्लिक से पूछा कि वे ऐसे मुद्दों को देखते हुए भी चुप क्यों रहते हैं। उन्हें प्रतिक्रिया देनी चाहिए। पेट्रोल-पंप एपिसोड के वीडियो को फेसबुक पर 5000 लोगों ने लाइक किया। जल्द ही, जिनशा द्वारा पोस्ट किए गए कुछ अन्य वीडियो तेजी से वायरल हो गए और देखते-देखते एक महीने में करीब एक लाख से ज्यादा फॉलोअर्स मिले। जिनशा इस समय रॉयल एनफील्ड बुलेट की सवारी करती हैं। इसके अलावा वह अब फुल टाइम Vlogger हैं। जिनशा हर दिन को एक उद्देश्य के साथ जीती हैं। वह ऐसे मुद्दों को उठाती हैं जिन्हें उन्हें लगता है कि इन पर ध्यान देने की जरूरत है।
शुरुआत से ही जिनशा ने अपने मजबूत इरादों से लोगों की नकारात्मकता का सामना किया है। लोगों ने जिनशा पर सेलिब्रिटी स्टेटस पाने की लालसा रखने का आरोप लगाया। कईयों ने जिनशा की निंदा की, सवाल खड़े किए और जज किया। जिनशा को बुलेट चलाने के चलते भी लोगों ने टार्गेट किया। यहां तक जिनशा के वीडियो किसी को कोई हानि नहीं पहुंचाते हैं फिर भी लोग उन्हें जहर बोने वाला बताते रहे। दरअसल इस सबके पीछे कारण ये है कि लोग स्वीकार नहीं करना चाहते हैं कि जिनशा एक औरत होने के बावजूद बंदिशों को तोड़ रही है।
यहां तक कि जिनशा के परिवार में भी, उनकी बहनें और मां शुरुआत में उनकी इस पहल के खिलाफ थीं। हालांकि, उनके पिता और पति दोनों ने उन्हें फुल सपोर्ट किया। पूर्व सैनिक, जिनशा के पिता उनसे कहते हैं कि उन्हें जीवन में जो कुछ भी करना है या वह आगे जो कुछ भी करें उस पर हमेशा विश्वास बनाए रखें। उनके सॉफ्टवेयर इंजीनियर पति फैजल ने अपनी पत्नी के महान प्रयासों के प्रति बिना शर्त समर्थन किया है। जिनशा कहती हैं कि उन्हें शुरू से ही निडर रहना सिखाया गया है। जिनशा खुश हैं क्योंकि उनके वीडियोज ने आज तक लाखों लोगों की जान बचाई है। जब लोग उम्मीद छोड़ देते हैं तो जिनशा के वीडियो उन्हें राह दिखाने का काम करते हैं।
स्वर्गीय शान शाहुल का ही मामला ले लीजिए, जिनकी गल्फ देश जाने के 25 दिन बाद ही मृत्यू हो गई। इसके बाद जिनशा ने गम में डूबे शान शाहुल के परिवार का वीडियो रिकॉर्ड किया और यूट्यूब पर डाल दिया। जब इस वीडियो पर सऊदी स्थित अल खसीम एनआरआई ग्रुप की नजर गई तो उन्होंने उस परिवार को 11 लाख रुपये डोनेट किए।
एक दूसरे वीडियो में, जिनशा ने मलप्पुरम की एक वर्षीय आयशा की दर्द भरी कहानी रिकॉर्ड की। आयशा को बोन मैरो ट्रांसप्लांट कराने के लिए पैसों की जरूरत थी। इस वीडियो के वायरल होने के एक महीने के भीतर, आयशा के परिवार को 30 लाख रुपये का दान में मिला!
केरल के कोझिकोड में रहने वाले व्यक्ति मुनीर मुश्किल समय से गुजर रहे थे। जिनशा ने उसकी मदद करने का फैसला किया। उसके सिर पर छत नहीं थी न ही कोई आय। वह हमेशा चिंतित रहता था कि उसके और उसकी तीन बेटियों के साथ क्या होगा। जिनशा ने मुनीर के लिए एक घर बनवाने के लिए लोगों से अपील की और दयालु लोगों से आह्वान किया कि वे दहेज के बारे में सोचे बिना उसकी लड़कियों से शादी करें। इस वीडियो का असर ये हुआ कि आज मनीर की एक बेटी की शादी हो चुकी है और दूसरी बेटी की इंगेजमेंट। वीडियो वायरल होने के बाद मुनीर को एक छोटा सा घर बनाने के लिए करीब 4 लाख रुपये भी मिले।
सभी अच्छे कामों के बावजूद, जिनशा को विशेष रूप से अपने समुदाय के सदस्यों से आलोचना का शिकार होना पड़ रहा है। हालांकि, जिनशा का रुख स्पष्ट है। "मैं उन चीजों को आंख बंद कर स्वीकार नहीं करती हूं जो एक समुदाय अपने लोगों पर थोपता है। किसी भी धर्म में नहीं लिखा है कि महिलाओं को समाज में बाधाओं के खिलाफ अपनी आवाज नहीं उठानी चाहिए।" फिलहाल सोशल मीडिया पेज पर 2.8 लाख फॉलोअर्स के साथ, केरल की जिनशा को अब किसी प्रचार की आवश्यकता नहीं है। और यही कारण है कि वह राजनीति और धर्म को बिल्कुल स्पष्ट रखती हैं। वे कहती हैं "मेरे फॉलोअर्स आंख झपकते बढ़ जाएंगे। लेकिन मेरे लिए, नैतिकताएं पहले आती हैं।"
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