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Earth Day: 'प्री-लव्ड' फैशन ब्रांड Dolce Vee के लिए अपने वार्डरोब क्यों खोल रही हैं अभिनेत्री भूमि पेडनेकर

Dolce Vee, सामाजिक मुद्दों पर काम करने वाली कंपनी साल्टस्काउट का एक नया 'प्री-ओन्ड' या 'प्री-लव्ड' ब्रांड है। एक्टर भूमि पेडनेकर इस साल Earth Day (पृथ्वी दिवस) के मौके पर इस ब्रांड और इसके खास एनवायरमेंटल फूटप्रिंट कैलकुलेटर को लॉन्च कर रही हैं।

Earth Day: 'प्री-लव्ड' फैशन ब्रांड Dolce Vee के लिए अपने वार्डरोब क्यों खोल रही हैं अभिनेत्री भूमि पेडनेकर

Thursday April 22, 2021 , 10 min Read

2018 में कॉर्नेल में अपनी मास्टर डिग्री की पढ़ाई पूरी कर रही कोमल हीरानंदानी ने 2018 में निरंतरता और सतत प्रयासों को आगे लाए जाने की जरूरत महसूस की। अगले तीन सालों में उन्होंने अपने पति सिद्धार्थ शाह के साथ मिलकर 'SaltScout' नाम की एक कंपनी बनाई, जिसका मकसद लोगों के लिए पर्यावरण के अनुकूल चीजों को अधिक सुलभ और आकर्षक बनाना है।


उन्होंने बताया, “मैंने महसूस किया कि आज हमारा उपभोग करने का जो तरीका है, वो धरती पर सबसे बड़े कार्बन फुटप्रिंट्स छोड़ने वालों में से एक है। साथ ही उन विकल्पों को खोजना मुश्किल था, जो सामाजिक रूप से सचेत होने के साथ ही पर्यावरण के अनुकूल भी हों।”

भूमि पेडनेकर

भूमि पेडनेकर

आज तीन साल बाद, इस अर्थ डे' पर SaltScout एक्ट्रेस भूमि पेडनेकर के साथ मिलकर 'डोल्से वी' (Dolce Vee) नाम से एक ब्रांड लॉन्च कर रही है। यह ब्रांड 'प्री-ओन्ड' या इनकी टीम के कहने के मुताबिक 'प्री-लव्ड' फैशन पर फोकस करती है। प्री-ओन्ड उन चीजों को कहते हैं, जो नई नहीं है या जिनका एक बार इस्तेमाल हो चुका हैं। आमतौर पर लोग इन्हें सेकेंड-हैंड चीजें भी कहते हैं।


एक्टर और पर्यावरण के मुद्दों पर हमेशा आवाज उठाने वाली भूमि ने आज डोल्से वी पर्यावरण फुटप्रिंट कैलकुलेटर भी लॉन्च किया। इसके जरिए आप पहली बार देख पाएंगे कि आपने एक कोई 'प्री-लव्ड' कपड़ा खरीदने पर कितना अनुमानित पानी और कार्बन बचाया है।


कोमल कहती हैं, ''हम ब्रांड को फुटप्रिंट कैलकुलेटर के साथ लॉन्च करना चाहते थे, क्योंकि पर्यावरण पर फोकस करना और वहनीयता महत्वपूर्ण है।''


कंपनी द्वारा प्रॉसेस की गई जीन्स की सबसे हालिया जोड़ी अनुमानित रूप से 1,826 लीटर पानी की बचत होती है, यह किसी एक व्यक्ति द्वारा एक साल में पिए गए कुल पानी के बराबर है। इसके साथ इससे 4 किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड या इसके समकक्ष ग्रीनहाउस गैसों की बचत होती है, जो लगभग 23 किलोमीटर तक कार को चलाने के बराबर है।


ये सारी बचत किसी नई जींस के मुकाबले सिर्फ एक सेकेंड-हैंड जींस खरीदने से होती है।


डोल्से वी पर्यावरण फुटप्रिंट कैलकुलेटर को सेंटर फॉर एनवायरनमेंटल रिसर्च एंड एजुकेशन (CERE) के साथ साझेदारी में बनाया गया है।


आने वाले हफ्तों में, भूमि अपनी खुद की अलमारी से कुछ कपड़ों को चैरिटी सेल्स के लिए शेयर करेंगी, जिसे फैंस खरीद सकेंगे। वह 22 अप्रैल को इंस्टाग्राम पर एक लाइव इंटरैक्टिव सेशन करेंगी, इसमें वह फैंस को लाइव बताएंगी कि कैलकुलेटर कैसे काम करता है। साथ ही फैंस 'रियल-टाइम आकलन' के लिए अपने कपड़ों की जानकारी भी भेज सकते हैं।

पर्यावरण के अनुकूल - सुलभ तरीका

डोल्से वी के साथ अपने जुड़ाव पर बात करते हुए, भूमि कहती हैं,

"मैं अपनी अलमारी के कुछ कपड़ों को नया जीवन देने में बहुत खुश हूं। साथ ही इस कैलकुलेटर को लॉन्च करने में भी, ताकि आप प्री-लव्ड कपड़े चुनने के अपने फैसला का वास्तविक प्रभाव देख सकें।"


क्लाइमेट पर काम करने वाली सभी योद्धाओं को आह्वान करते वह कहती हैं, “जलवायु योद्धाओं, अब यह आपकी बारी है। यदि आपके पास अच्छी स्थिति के कपड़े और सामान हैं, जिन्हें आप साझा करना चाहते हैं, तो आप उन्हें एक चैरिटी सेल्स के लिए भी दान कर सकते हैं। आपको बस इंस्टाग्राम पर डोल्से वी को मैसेज करना है, फिर आप पूरे भारत में जहां भी होंगे, हम वहां पहुंच कर आपके घर से पिकअप कर सकते हैं। इसके साथ ही आपको अपने योगदान से पानी और कार्बन की हुई बचत का अनुमान भी दिया जाएगा। ”


पिछले तीन वर्षों में, कोमल और सिद्धार्थ ने कई सेलिब्रिटी के वार्डरोब की चैरिटी बिक्री, और अन्य परियोजनाओं पर काम किया है। खासतौर से ऐसे प्रोडक्ट लाइन पर, जिनके पीछे लोगों को इस स्पेस के प्रति उत्साहित करने के लिए मजबूर कर देने वाली कहानियां हों।

Dolce Vee के फाउंडर्स - कोमल और सिद्धार्थ

Dolce Vee के फाउंडर्स - कोमल और सिद्धार्थ

कोमल कहती हैं, "भूमि के साथ साझेदारी बहुत ही सहज तरीके से हुई थी। हम बेशक, पिछले कुछ समय से उनकी सामाजिक पहल को देख रहे थे और इस काम के लिए उसकी सच्ची प्रतिबद्धता की सराहना भी की। उनका फोकस खासतौर से इको-फ्रेंडली जीवन को समझने और भरोसेमंद बनाने पर है और हम भी असल में इसी पर काम कर रहे हैं। लोगों के व्यवहार में छोटे-छोटे परिवर्तन लाना और उन्हें दिखाना कि कैसे वह एक बड़ा सकारात्मक असर डाल सकते हैं। ऐसे में हमारा तालमेल एकदम सही था।"


साल्टस्काउट ने इससे पहले ने 'जय वकील' नाम के एनजीओ के साथ काम किया है, जो बौद्धिक विकास अक्षमता से जूझने वाले व्यक्तियों को सपोर्ट करता है, और अपने काम के प्रति जागरूकता बढ़ाने और फंड जुटाने के लिए परिष्कृत "इन्क्लूजन बैंड्स" बेचता है।


जब सॉल्टस्काउट लॉन्च किया गया, तो इसके मुख्य वर्टिकल में से एक सेलिब्रिटी वार्डरोब के प्री-लव्ड कपड़ों की चैरिटी बिक्री था। हालांकि संस्थापकों ने दूसरे परियोजनाओं पर भी काम किया, जैसे लोगों को मजबूर कर देने वाली कहानियों वाली विशेष प्रोडक्ट लाइन, जिससे लोग इस स्पेस को लेकर उत्साहित हो सकें।


इसके अन्य उत्पादों में फेस मास्क भी शामिल है, जिससे हासिल की गई आय से 'चाइल्ड राइट्स एंड यू' के कोविड-19 के खिलाफ जारी प्रयासों को समर्थन दिया जाता है। साथ ही कंपनी फूटवियर के उत्पादन के दौरान पैदा होने वाली कचरे से परिष्कृत सजावट उत्पाद भी बनाती है।


प्री-लव्ड फैशन में जब इस जोड़ी का काम बढ़ता गया, तो इन्हें सेलेब्रिटी फैशन से जुड़ा एक और सब-ब्रांड बनाने की जरूरत महसूस की। ताकि ग्राहक प्री-लव्ड उत्पादों और दूसरे उत्पादों के बीच एक स्पष्ट अंतर देख सकें। साथ ही कुछ ऐसा बनाया जा सके, जो एक काफी हद तक एक फैशन ब्रांड की तरह दिखे और महसूस हो।

नया नहीं, लेकिन एकदम अलग

पूर्व-लव्ड उत्पादों का फैशन नया नहीं है, लेकिन डोल्से वी किसी सस्ते स्टोर्स या हमारे बुजुर्गों से खास चीजों को विरासत में लेने की रस्म के बारे में बात नहीं कर रही है।


कोमल बताती हैं, “कम से कम, सेलिब्रिटी वार्डरोब से ऐसा नहीं लगता है। लोग शायद भूमि पेडनेकर से पूर्व-लव्ड वस्तुओं को खरीद सकते हैं। प्री-लव्ड वस्तुओं की खरीदारी को हर घर तक पहुंचाने के लिए, हमें एक लंबा सफर तय करना होगा। साथ ही हमारे प्रयास बहु-प्रचारित होने चाहिए। चूंकि भारतीय सिनेमा के अग्रणी लोग ने इस काम को करने का बीड़ा उठाया है, ऐसे में इससे स्वीकार्यता ने एक एक लंबा छलांग लगा लिया है। हमें उन्हें इस जरूरी व्यवहार परिवर्तन के लिए अपनी आवाज उठाते हुए देखकर काफी खुश हैं।"


एक अन्य महत्वपूर्ण चीज पर्यावरण जागरूकता और ग्राहकों को अच्छे सामाजिक कार्य करने के प्रभाव को महसूस करने में मदद करना है। खासतौर से जब वे अपने पूर्वाग्रहों को छोड़ प्री-लव्ड को अपनाने के लिए तैयार हों। ऐसा इसलिए क्योंकि वह सचमुच सामाजिक भलाई का काम कर रहे हैं।


कोमल बताती हैं, “हमारे पर्यावरण पदचिह्न कैलकुलेटर ग्राहकों को दिखाते हैं कि वे प्री-लव्ड कपड़ों के लिए अपने दिलों और अपनी अलमारी के दरवाजों खोलकर कितना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। उनके द्वारा खरीदे गए कपड़ों के हर टुकड़े के साथ, उनके तथ्यात्मक जानकारी दी जाती है कि उन्होंने फैक्ट्री में बने एक नए कपड़े की जगह एक प्री-लव्ड कपड़े को खरीद- कितने लीटर पानी और कितने ग्राम कार्बन बचाई है।"

कोमल

कोमल

प्रत्येक बिक्री से हासिल होने वाली अधिकांश आय एक चैरिटी का समर्थन करती है, और यह कई लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जब उनका पहली बार इससे परिचय कराया जाता है।


कोमल बताती हैं कि अलग-अलग लोग अलग-अलग चीजों से आकर्षित होंगे। कुछ प्रभावशाली लोगों चीजों से रोमांचित होते हैं, कुछ हमारे कपड़ों के सबसे कम कीमत वाले टैग से, कुछ पर्यावरणीय लाभ से, तो कुछ अपनी खरीद के जरिए दान का समर्थन करने के लिए। ऐसे में एक फैशन प्लेटफॉर्म की आवश्यकता थी।


वह कहती हैं कि उनका कंज्यूमर बेस कई काफी विविधता वाला है। इसमें छात्र, युवा व्यवसायी, उम्रदराज गृहणियां, कामकाजी महिलाएं और यहां तक कि विदेशी ग्राहक भी शामिल हैं।


वह कहती हैं “हमारी सोच थी कि हमारा ग्राहक एक टीयर -1 या टियर -2 शहर में 18-28 साल की महिला होगी, लेकिन यह तो हमारे कंज्यूमर बेस का आज बस एक हिस्सा है। ग्राहकों के आधार की विविधता उन संकेतों में से एक है, जिसे ध्यान में रखकर हम कोई फैसला लेता है और प्री-लव्ड उत्पादों की बिक्री को बढ़ाने के लिए कोई अगला कदम उठाते हैं।"

स्वच्छ और प्री-लव्ड

यह सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण था कि ग्राहकों को साफ और सुरक्षित कपड़े प्राप्त हों। हालांकि, मशीन ड्रायर की तरह सफाई प्रक्रियाओं का इस्तेमाल खर्चीला होने के साथ भारी पर्यावरणीय पदचिह्न छोड़ सकती हैं। ऐसे में, सफाई प्रक्रिया को पर्यावरण के अनुकूल बनाना महत्वपूर्ण था।


कोमल बताती हैं कि उन्होंने कपड़े साफ रखने के लिए प्राकृतिक सफाई सामग्री और एयर ड्राइंग का इस्तेमाल करती हैं। वह बतातीं है, “हम यह सुनिश्चित करते हैं कि हमारे पास पहुंचने पर सब कुछ एकदम साफ और स्वच्छ हो। बेशक, कपड़ों में इस्तेमाल होने वाले फैब्रिक और उसकी स्थिति के आधार पर, हमें प्रत्येक कपड़े को अलग-अलग तरीके से प्रॉसेस करना होता है।


साल्टस्काउट अपने स्वयं के कार्बन पदचिह्न को न्यूनतम रखने की कोशिश करता है।


संस्थापक बताती है, "उदाहरण के लिए, हमने औद्योगिक कचरे से बने स्याही से रिसाइकिल हुए कागज पर अपने टैग छपवाए। हम लगातार चीजों को करने के बेहतर तरीके खोजने की कोशिश कर रहे हैं और हमारी सभी प्रक्रियाओं सावधानी बरत रहे हैं। ”


एक वस्तु की उम्र से अधिक, टीम उसकी स्थिति पर ध्यान केंद्रित करती है। यहां तक कि अगर यह एक गैर-ब्रांडेड उत्पाद है, तो भी उत्पाद में बचा हुआ जीवन ही अंत में मायने रखता है।


वह आगे कहती हैं, “अगर यह अच्छी स्थिति में है, तो हमें किसी भी उम्र के कपड़े स्वीकार करने में बहुत खुश हैं। वास्तव में, हमारे पास कुछ सबसे टुकड़े सर्दियों में पहने जाने वाले कपड़े के हैं जो 30 साल से अधिक पुराने हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि तब परिधान बनाने की गुणवत्ता इतनी अच्छी थी कि वे इतना लंबी चल रही हैं।"

बाजार और भविष्य

कोमल बताते हैं कि यह सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण था कि उत्पादों की कीमत सही हो। जहां बेस प्राइस 1,500 रुपये से शुरू होती हैं, वहीं कुछ आइटम की कीमत 25,000 रुपये तक भी जाती है। जैसे अनुष्का शर्मा द्वारा तय की गई एक 'अनारकली' सेट की कीमत।


वह कहती हैं, ''इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचने के लिए यह जरूरी है कि कीमतें बहुत अधिक ना हों।" संयुक्त राष्ट्र कॉमट्रेड के आंकड़ों के अनुसार, भारत में इस्तेमाल किए गए कपड़ों का आयात 182 मिलियन डॉलर का है, जो भारत को इस श्रेणी में दुनिया का शीर्ष आयातक बनाता है।


इस सेगमेंट के अन्य स्टार्टअप में एलानिक, रिवैंप माई क्लोजेट, वंस अगेन और एताशी शामिल हैं। हालांकि इनमें से कुछ कंपनियां या तो बंद हो गईं या फिर जूझ रही हैं। असल में, एलानिक का हाल ही में ट्विटर ने अधिग्रहण किया है। इस सेगमेंट में बिजनेस करना थोड़ा कठिन काम है क्योंकि सेकेंड-हैंड कपड़ों को लेकर लोगों एक तरह से पूर्वाग्रह के शिकार हैं।


कोमल इसे स्वीकार करते हुए कहती हैं कि सेलिब्रिटी फैशन को इसमें मिलाने से चीजों को सही दिशा में मोड़ने में मदद मिल रही है।


उन्होंने बताया “शुरुआती दिन कठिन थे। लोगों को प्री-लव्ड फैशन का का आइडिया समझ नहीं आता था। इसके पीछे सांस्कृतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक कारण हैं। इसलिए, हमें कुछ ऐसी चीजों से शुरुआत करनी होगी जो लोगों की मानसिकता को बदल दे। भारत में, फिल्मी सितारे ट्रेंडसेटर हैं, और वे जो करते हैं वह महत्वपूर्ण है। इसलिए, उनके साथ टीम बनाने से मदद मिली है।”