ईडी ने बेंगलुरु में चीनी नागरिकों की एडटेक कंपनी की तलाशी ली
एजेंसी ने दावा किया, "कंपनी के पूरे मामलों को चीन के Liu Can द्वारा नियंत्रित किया जाता है और भारतीय निदेशक का कंपनी के मामलों पर कोई नियंत्रण या पहुंच नहीं है और वह चीनी लोगों के सभी निर्देशों का पालन करते हैं."
प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate - ED) ने गुरुवार को कहा कि उसने विदेशी मुद्रा कानून का कथित रूप से उल्लंघन करने और चीन को 'अवैध' रूप से 82 करोड़ रुपये भेजने के लिए बेंगलुरु स्थित एक एडटेक कंपनी के ठिकानों की तलाशी ली. यह कंपनी पूरी तरह से चीनी नागरिकों के स्वामित्व और नियंत्रण में है. ईडी की टीम ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के प्रावधानों के तहत पिजन एजुकेशन टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Pigeon Education Technology India Pvt Ltd) के दो स्थानों की तलाशी ली. कंपनी 'ओडा क्लास' (Oda Class) नाम से ऑनलाइन क्लासेज चलाती है.
TOI की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ईडी ने एक बयान में कहा, "कंपनी का 100 फीसदी स्वामित्व चीनी नागरिकों के पास है और यह एक ऐसे समूह का हिस्सा है, जिसमें केमैन आइलैंड्स में नियंत्रण करने वाली कंपनी है."
ईडी ने कहा, कंपनी के वर्तमान निदेशकों के नाम - Liu Can - एक चीनी नागरिक और वेदांत हमीरवासिया (Vedant Hamirwasia) हैं.
एजेंसी ने दावा किया, "कंपनी के पूरे मामलों को चीन के Liu Can द्वारा नियंत्रित किया जाता है और भारतीय निदेशक का कंपनी के मामलों पर कोई नियंत्रण या पहुंच नहीं है और वह चीनी लोगों के सभी निर्देशों का पालन करते हैं."
चीनी निदेशक भारत में बनाए गए कंपनी के सभी बैंक खातों में अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता हैं और इसे चीन के माध्यम से ऑनलाइन संचालित किया जा रहा है.
कंपनी ने लाभार्थी इकाई से किसी भी सेवा का लाभ उठाने के प्रमाण के बिना चीनी व्यक्तियों के निर्देश पर मार्केटिंग खर्च के नाम पर लगभग 82 करोड़ रुपये चीन को भेजे.
ईडी ने कहा कि तलाशी के दौरान, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज से आपत्तिजनक दस्तावेज और फॉरेंसिक डेटा जब्त किए गए हैं और कंपनी के पूर्व निदेशकों, सुशांत श्रीवास्तव, प्रियंका खंडेलवाल और हिमांशु गर्ग (जिन्होंने पिछले साल इस्तीफा दे दिया है) की भूमिका की भी जांच की जा रही है.
बता दें कि इससे पहले ईडी ने बीते साल नवंबर महीने में पार्ट-टाइम जॉब घोटाले के सिलसिले में बेंगलुरू में 16 ठिकानों पर छापेमारी की और कुल एक करोड़ रुपये की राशि वाले 80 बैंक खातों को सील कर दिया. यह एक महीने में बेंगलुरु में एजेंसी द्वारा की गई यह दूसरी ऐसी छापेमारी थी.
ईडी ने मैसर्स सुपर लाइक ऑनलाइन अर्निंग एप्लिकेशन (M/s Super Like Online Earning Application) और अन्य आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ साउथ सीईएन पुलिस स्टेशन द्वारा 3 मार्च, 2021 को दर्ज एक प्राथमिकी (FIR) के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी. कंपनी ने अपने ऐप 'सुपर लाइक' (Super Like) के जरिए पार्ट टाइम जॉब का ऑफर दिया. साइन अप करने के बाद, एक व्यक्ति को पहले सदस्यता शुल्क के रूप में कुछ पैसे देने पड़ते थे. पेमेंट हो जाने के बाद, व्यक्ति को अपने ग्राहकों द्वारा बनाए गए कंटेंट को लाइक और शेयर करने के लिए कहा गया. कंपनी ने लाइक और कंटेंट शेयर करने के लिए पैसे देने का वादा किया था.