स्टॉक मार्केट की दुनिया में बनाना चाहते हैं करियर, तो यह फाइनेंशियल लिटरेसी स्टार्टअप करेगा आपकी भरपूर मदद
लोगों को स्टॉक मार्केट में करियर बनाने का मौका दे रहा है यह फाइनेंशियल लिटरेसी स्टार्टअप।
"विवेक बजाज, विनीत पटवारी और विनय पगारी ने मिलकर ऑनलाइन लर्निंग स्टार्टअप 'ईलर्नमार्केट्स' शुरु किया है, जिसका लक्ष्य वित्तीय साक्षरता को बढ़ाना है। पिछले साल कोरोना महामारी के वाबजूद इस स्टार्टअप्स के यूजर्स की संख्या में पिछले साल बढ़ोतरी देखी गई।"
स्टार्टअप्स ईलर्नमार्केट्स (Elearnmarkets) देश में वित्तीय साक्षरता की एक नई परिकल्पना के साथ शुरू हुई थी। हालांकि इस परिकल्पना की असली परीक्षा तब हुई, जब बीते साल कोरोना के चलते देशभर मे 3 महीने लंबा लॉकडाउन लगा रहा। इस स्टार्टअप को चार्टर्ड अकाउंटेंट विवेक बजाज, विनीत पटावरी, और विनय पगारिया ने 2015 में इस विश्वास के साथ शुरू किया कि भारतीय अब काफी संख्या में स्टॉक मार्केट का रुख करने वाले हैं, इसलिए लोगों की वित्तीय साक्षरता में भी रुचि बढ़ेगी। हालांकि 2020 में इस रास्ते पर काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला।
सबसे पहले स्टॉक मार्केट में भारी गिरावट आई। जो बीएसई सेंसेक्स 16 जनवरी 2020 को 41,932 के उच्च शिखर पर था, वो 23 मार्च को धड़ाम होकर 5,981 अंक पर आ गया। लेकिन फिर वही सेंसेंक्स 16 फरवरी 2021 को 52,104 अंक के अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। ईलर्नमार्केट्स का ऐप इस्तेमाल करने वाले नए यूजर्स की संख्या में कोरोना के पहले के स्तर के मुकाबले 3 गुना की उछाल आई। कंपनी का यह ऐप B2C मॉडल पर आधारित है।
स्टार्टअप के टारगेट कस्टमर में शेयर बाजारों में निवेश और ट्रेड करने वालों के साथ फंड मैनेजर्स और वेल्थ मैनेजमेंट फर्म्स भी शामिल हैं। ईलर्नमार्केट्स ऐप को 3,29,000 बार डाउनलोड किया गया है और इसके 730,000 रजिस्टर्ड यूजर्स हैं।
विवेक कहते हैं, 'भारत का वित्तीय मार्केट अभी भी एक बहुत बड़ी आबादी तक नहीं पहुंचा पाया है।' विवेक जिस परिवार से आते हैं, उसके पास पूर्वी भारत के सबसे बड़े ट्रेडिंग फर्म में से एक का मालिकाना हक है। वह खुद एक सीए, कंपनी सेक्रेटरी और आईआईएम इंदौर से एमबीए ग्रेजुएट हैं।
विवेक ने बताया, "सिर्फ पिछले कुछ सालों से और खासकर कोरोना के दौरान हमें इस ईकोसिस्टम में आने वाले नए यूजर्स की भारी संख्या देखने को मिली है।" एक 'ग्लोबल फाइनेंशियल लिटरेसी एक्सीलेंस सेंटर' की स्टडी के मुताबिक केवल 24 प्रतिशत भारतीय वयस्क ही आर्थिक रूप से साक्षर हैं।
विनीत कहते हैं, ''हमारी कंपनी नए निवेशकों के लिए एक जरिया बना रही है, जहां वे इस वित्तीय साक्षरता की चुनौती को तोड़कर बाजारों के पीछे के 'आर्ट एंड साइंस' को सीख सकते हैं और आर्थिक रूप से शिक्षित हो सकते है। विनीत भी सीए हैं और उन्होंने भी आईआईएम इंदौर से एमबीए की हुई है।
ईलर्नमार्केट्स की आमदनी 15 करोड़ रुपये है। इसके 730,000 रजिस्टर्ड यूजर्स में से करीब 41,000 यूजर्स वित्तीय शिक्षाओं से जुड़ी सेवाओं के बदले भुगतान करते हैं। प्रत्येक यूजर्स पर इसकी औसतम आमदनी करीब 5,000 रुपये है। कंपनी का मुकाबला फिनटैप, रेआई और जीरोधा वैरसिटी जैसी कंपनियों से है।
इंडस्ट्री की जरूरत
विनीत के अंदर इंटरनेट आधारित एक बड़ा बिजनेस खड़ा करने की चाहत थी। उन्होंने अपने आईआईएम इंदौर में मिले कैंपस जॉब ऑफर को ठुकरा दिया और एमबीए प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने वाले यूजर्स के लिए एक ई-लर्निंग वेंचर शुरू किया। 2015 में, उन्होंने विवेक के साथ मिलाया और दोनों ने वित्तीय साक्षरता पर अपना ध्यान केंद्रित किया। इनके तीसरे साथी विनय भी चार्टर्ड अकाउंटेंट होने के साथ एक तकनीकी विशेषज्ञ थे और उनके सॉफ्टवेयर डिवेलपमेंट का 15 वर्षों का अनुभव था।
इन तीनों के पास कुल मिलाकर वित्तीय बाजारों की समझ, मैनेजमेंट सिस्टम की समझ और लर्निंग टूल्स के विज़ुअलाइजेशन की अनुभव और विशेषज्ञता थी। सबसे अहम बात यह है कि इन तीनों में ही भारत में वित्तीय साक्षरता को बढ़ाने का जुनून है। इसी जुनून के साथ 2015 में उन्होंने ईलर्नमार्केट्स की स्थापना की।
विनय कहते हैं, ''भारत में वित्तीय मार्केट्स से जुड़ा शिक्षा उद्योग बहुत ही अव्यवस्थित और बंटा हुआ है।' वे कहते हैं, "इस ईकोसिस्टम में हमारे पास बहुत से ऐसे ट्रेडर्स और निवेशक हैं, जिनके पास इस क्षेत्र का व्यापक अनुभव हैं और वे अपने खुद के ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाते हैं। इसके अलावा फाइनेंस, टैक्स और ऑडिट जैसे विषयों पर प्रतिष्ठित पाठ्यक्रम भी मौजूद हैं, जैसे सीए, सीएफए और सीएस। हालांकि, इसके बावजूद फाइनेंशियल मार्केट्स में करियर बनाने का कोई व्यवस्थित तरीका नहीं था।"
ऐसे में ईलेर्नमार्केट्स उन व्यक्तियों के लिए सफर को आसान और व्यवस्थित बनाना चाहती थी, जो फाइनेंशियल मार्केट्स में अपना करियर बनाना चाहते हैं। इसके जो भी कोर्सेज हैं, वे सभी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई), मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) और नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) से प्रमाणित हैं। यह विश्वसनीयता देने के साथ लोगों को अपने करियर के लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करता है।
इसके अलावा, ईलर्नमार्केट्स के संस्थापक मार्केट एक्सपर्ट्स को भी एक मंच मुहैया कराना चाहते थे, जिससे वे शिक्षार्थियों के साथ व्यावहारिक अनुभवों को साझा कर सकें। इससे कुशल शिक्षार्थियों का एक बड़ी फौज बनेगी, जो ना सिर्फ अच्छी तरह से प्रशिक्षित होगी, बल्कि इंडस्ट्री की जरूरतों को भी पूरा कर सकती हैं।
नए तरीके से लर्निंग
एक ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म के रूप में ईलर्नमार्केट्स निवेश से जुड़े ज्ञान का प्रसार करने के लिए टेक्नोलॉजी और एक इंटरएक्टिव लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम का इस्तेमाल करती है। यह एक फ्रीमियम मॉडल पर काम करती है, जिसके कोर्सेज एनएसई, एमसीएक्स और एनसीडीईएक्स से प्रमाणित हैं।
कंपनी के पास 100 से अधिक मार्केट एक्सपर्ट्स हैं जो इसके ऐप पर कोर्सेज और वेबिनार को होस्ट करते हैं। इसके लिए कंपनी उन्हें पूरा बुनियादी ढांचा मुहैया देती है। (ऐसी सेवाएं मुहैया कराने के लिए वह एक प्लेटफॉर्म फीस भी लेती है।) इसके कोर्सेज में फाइनेंशियल मार्केट्स की फंडामेंटल्स और टेकनिकल एनालिसिस से लेकर डेरिवेटिव ट्रेडिंग, फाइनेंशियर मॉडलिंग, करेंसी और कमोडिटी मार्केट्स से जुड़े विषय शामिल हैं।
तीनों संस्थापकों ने अभी तक ईलर्नमार्केट्स में 4.5 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इसे कोलकाता के एक वित्तीय सेवा फर्म और 2018 में प्री-सीरीज ए राउंड में मार्केट रमेश दमानी, अजय शर्मा और इंडियामॉर्टडॉटकॉम के फाउंडर और सीईओ दिनेश अग्रवाल जैसे मार्केट एक्सपर्ट्स से सीड कैपिटल भी मिला है। बाहरी निवेश करीब 3.5 करोड़ रुपये है।
कंपनी का रेवेन्यू वित्त वर्ष 2020 में 7 करोड़ रुपया था, जो वित्त वर्ष 2020-21 में दोगुने से भी अधिक बढ़कर 15 करोड़ रुपये हो गया।
संस्थापकों के मुताबिक वित्तीय साक्षरता को देशव्यपी बनाने में सबसे बड़ी चुनौती उन टियर -2 शहरों में है, जहां लोगों में संवाद का प्राथमिक जरिया क्षेत्रीय भाषा है और जहां अच्छे लर्निंग कंटेंट के लिए भुगतान करने की आदत कम है।
इसी के चलते ईलर्नमार्केट्स ने सात क्षेत्रीय भाषाओं में कोर्सेज और वेबिनार जोड़े हैं, ताकि इस ट्रांजिशन को आसान बनाया जा सके। साथ ही कंपनी ने पैसे को लेकर सजग रहने वाले कस्टमरबेस को ध्यान में रखते हुए कीमतों को किफायती रखा है। यह इस इंटरनेट आधारित कंपनी की अहम पॉलिस साबिक होगी क्योंकि इसने अपने यूजर्स बेस को मौजूदा 7 लाख से बढ़ाकर 30 लाख मिलियन तक बढ़ा कक ले जाने का लक्ष्य रखा है।