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स्विट्जरलैंड में बैन हो सकती है इलेक्ट्रिक व्हीकल्स से यात्रा! किस डर से देश उठा सकता है ऐसा कदम

हालांकि स्विट्जरलैंड ने इस विंटर सीजन में संभावित एनर्जी संकट को लेकर तैयारी के तौर पर अभी इमरजेन्सी प्रपोजल को केवल ड्राफ्ट ही किया है.

स्विट्जरलैंड में बैन हो सकती है इलेक्ट्रिक व्हीकल्स से यात्रा! किस डर से देश उठा सकता है ऐसा कदम

Thursday December 08, 2022 , 3 min Read

स्विट्जरलैंड कथित तौर पर देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) पर प्रतिबंध लगाने की योजना बना रहा है. द टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में अधिकारियों ने एक प्रस्ताव तैयार किया है, जो ब्लैकआउट और बिजली कटौती को रोकने के लिए बिजली के उपयोग को प्रतिबंधित करेगा. अगर ऐसा होता है तो स्विट्जरलैंड ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा.

हालांकि स्विट्जरलैंड ने इस विंटर सीजन में संभावित एनर्जी संकट को लेकर तैयारी के तौर पर अभी इमरजेन्सी प्रपोजल को केवल ड्राफ्ट ही किया है. ड्राफ्ट में एनर्जी संकट पैदा होने की स्थिति में चार चरणों के तहत इसे मैनेज करने की तैयारी की गई है. इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर प्रतिबंध का कदम इस तैयारी के तीसरे चरण के तहत है. ड्राफ्ट में कहा गया है कि जरूरत पड़ने पर इलेक्ट्रिक कारों के निजी इस्तेमाल को केवल बेहद जरूरी यात्राओं तक सीमित किया जाएगा. यह भी संभव है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर पूर्णतया प्रतिबंध की जगह केवल आंशिक तौर पर प्रतिबंध लगाया जाए.

कौन से हैं चार चरण

ड्राफ्ट में उल्लिखित चार चरणों में से पहले के तहत स्विट्जरलैंड सरकार, पब्लिक बिल्डिंग्स की हीटिंग को 20 डिग्री सेल्सियस तक सीमित कर सकती है. इसके अलावा नागरिकों को अपनी वॉशिंग मशीन्स मैक्सिमम 40 डिग्री सेल्सियस तक लिमिट करने को कहा जा सकता है.

दूसरे चरण के तहत टेंपरेचर्स के लिए मैक्सिमम लिमिट 19 डिग्री सेल्सियस करना और स्ट्रीमिंग सर्विसेज का रिजॉल्यूशन कम करके एचडी से स्टैंडर्ड पर लाने को कहा जाएगा.

अगर स्थिति और बिगड़ती है तो तीसरे चरण में दुकानों को दो घंटे पहले बंद करने और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की यात्राओं को बेहद जरूरी यात्राओं तक सीमित करने को कहा जाएगा. इसके अलावा पब्लिक बाथरूम्स में गर्म पानी प्रतिबंधित करने और इलेक्ट्रिक लीफ ब्लोअर्स का इस्तेमाल रोकने के उपाय भी उठाए जा सकते हैं. इसके बाद एस्केलेटर्स पर रोक और आउटडोर क्रिसमस लाइटिंग पर रोक जैसे कदम भी उठाए जाएंगे.

अगर पावर सप्लाई में गिरावट जारी रहती है तो क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग को बैन किया जाएगा, स्विमिंग पूल्स को बंद किया जाएगा, स्पोर्ट्स स्टेडियम्स की लाइट्स को बंद किया जाएगा. अगर एनर्जी संकट और बुरी स्थिति तक गहराता है तो स्पोर्ट्स मैच, कॉन्सर्ट्स और थिएटर परफॉरमेंसेज को कैंसिल किया जाएगा.

60% बिजली हाइड्रोपावर से

स्विट्जरलैंड अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हाइड्रोपावर पर बहुत अधिक निर्भर है. इस देश की लगभग 60 प्रतिशत बिजली हाइड्रोपावर से आती है. वहीं न्यूक्लियर पावर से एक तिहाई का योगदान होता है और बाकी का योगदान फॉसिल फ्यूल प्लांट्स और सोलर या विंड पावर से होता है. हालांकि, सर्दियों के महीनों के दौरान उत्पादन धीमा हो जाता है. इस वजह से स्विट्जरलैंड पड़ोसी मुल्कों फ्रांस और जर्मनी से भी बिजली का आयात करता है. लेकिन ये दोनों देश रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण यूरोप के बाकी हिस्सों की तरह ऊर्जा संकट का सामना कर रहे हैं.

प्रमुख तेल और गैस निर्यातक रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण ने ऊर्जा संकट पैदा कर दिया है और यूरोप के देश इससे प्रभावित हुए हैं. स्विट्जरलैंड इस प्रकार संभावित ब्लैकआउट की तैयारी कर रहा है.


Edited by Ritika Singh