इलेक्ट्रिक कार खरीदें या पेट्रोल कार? ये 10 बातें जान लीजिए, आपका सारा कनफ्यूजन दूर हो जाएगा
सरकार तेजी से इलेक्ट्रिक व्हीकल को प्रमोट कर रही है. ऐसे में लोग सोचते हैं कि इलेक्ट्रिक कार खरीदें, लेकिन वह महंगी पड़ती है. वहीं इंफ्रास्ट्रक्चर भी नहीं है. ये 10 बातें आपको फाइनल डिसीजन लेने में मदद करेंगी.
पिछले कुछ सालों में भारत सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल को खूब बढ़ावा दिया है. टैक्स में भी सरकार तगड़ी छूट देती है, ताकि अधिक से अधिक लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल (Electric Vehicle) पर शिफ्ट हों. सरकार ऐसा इसलिए कर रही है, क्योंकि इलेक्ट्रिक कारों के इस्तेमाल से प्रदूषण पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी. हां तक कि सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल को लेकर एक वेबसाइट https://e-amrit.niti.gov.in/home भी बनाई हुई है. इसी बीच ऑटो एक्सपो 2023 (Auto Expo 2023) की भी शुरुआत हो चुकी है. यह करीब 3 साल बाद आयोजित हो रहा है, क्योंकि बीच में कोरोना की वजह से इसका आयोजन बंद था. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इस बार के ऑटो एक्सपो में ढेर सारे इलेक्ट्रिक व्हीकल देखने को मिलेंगे. तमाम कंपनियां भी एक के बाद एक कई इलेक्ट्रिक कारें (Electric Cars) लॉन्च कर चुकी हैं. ऐसे में एक बड़ा सवाल ये है कि जो लोग अभी कार खरीदना चाहते हैं उन्हें इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदना चाहिए या फिर पेट्रोल कार (Electric Car vs Petrol Car)?
इलेक्ट्रिक कार खरीदें या पेट्रोल कार?
आज के वक्त में पेट्रोल बहुत ही महंगा हो चुका है. ऐसे में अक्सर ही आपको लोग ये सुझाव देते होंगे कि इलेक्ट्रिक कार खरीद लो, फायदे में रहोगे. हालांकि, यहां एक बात ध्यान देने की है कि इलेक्ट्रिक कार के लिए आपको पेट्रोल कार की तुलना में काफी अधिक पैसे चुकाने होंगे. बेशक पेट्रोल कार में आपकी रनिंग कॉस्ट कम पड़ेगी, लेकिन उसे खरीदने में अधिक पैसे चुकाने होंगे. आइए समझते हैं पेट्रोल कार की तुलना में इलेक्ट्रिक कार के फायदे-नुकसान.
पहले जानते हैं इलेक्ट्रिक कार खरीदने के फायदे
अगर आप पेट्रोल कार की तुलना में इलेक्ट्रिक कार के फायदे जान जाएंगे तो आपको कार खरीदने वक्त डिसीजन लेने में आसानी होगी. आइए जानते हैं इसके फायदे.
1- रनिंग कॉस्ट हो जाएगी कम
इलेक्ट्रिक कार में आपकी रनिंग कॉस्ट बहुत कम हो जाएगी. इलेक्ट्रिक व्हीकल में अगर चार्जिंग पर बिजली की कॉस्ट आपको 100 रुपये पड़ती है तो उसकी तुलना में पेट्रोल कार में कम से कम 1000 रुपये का पेट्रोल खर्च करना पड़ेगा. दिल्ली जैसी जगह में रोजाना एक कार आसानी से 30 किलोमीटर तो चल ही जाती है. पेट्रोल पर आपका खर्च करीब 5500 रुपये होगा. यानी प्रति किलोमीटर करीब 6 रुपये खर्च होंगे. वहीं अगर आप 30 किलोवाट की बैटरी वाली इलेक्ट्रिक कार चलाते हैं, तो वह एक चार्ज में करीब 300 किलोमीटर का माइलेज देगी. बैटरी चार्ज करने पर आपका करीब 700 रुपये का खर्च प्रति माह आएगा. यहां आपका प्रति किलोटर खर्च करीब 50 पैसे आता है.
2- मेंटेनेंस पर भी बचेंगे पैसे
पेट्रोल कार में तमाम तरह के ऑयल बदलने की जरूरत होती है, क्योंकि इसमें एक पूरा इंजन होता है जो कार को चलाता है. वहीं इलेक्ट्रिक व्हीकल में व्हील्स को पावर सीधे बैटरी से मिलती है. ऐसे में इलेक्ट्रिक कार में मेंटेनेंस पर कम खर्च होता है. एक अनुमान के मुताबिक टाटा की इलेक्ट्रिक कारों में 5 साल में करीब 25 हजार रुपये तक मेंटेनेंस पर खर्च होते हैं. वहीं पेट्रोल कारों में ये खर्च 50 हजार रुपये तक हो सकता है. यानी मेंटेनेंस पर आपका खर्च लगभग आधा हो जाएगा.
3- प्रदूषण नहीं, मतलब 15 साल से ज्यादा भी चलेगी
अगर पेट्रोल कारों में देखें तो 1 जनवरी 2022 से दिल्ली में 15 साल से पुरानी कारें नहीं चलाई जा सकती हैं. वहीं 10 साल से ज्यादा पुरानी डीजल कारें भी नहीं चलाई जा सकती हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इस समय सीमा के बाद कार अधिक प्रदूषण करने लगती है. वहीं इलेक्ट्रिक व्हीकल में प्रदूषण बिल्कुल नहीं होता. ऐसे में आप इलेक्ट्रिक कार को 15 साल के बाद भी आराम से चलाते रह सकते हैं.
4- पेट्रोल की तुलना में ईवी का प्रदर्शन बेहतर
एक रिपोर्ट के मुताबिक इलेक्ट्रिक व्हीकल की बैटरी से करीब 59-62 फीसदी एनर्जी का इस्तेमाल गाड़ी के मूवमेंट होता है. वहीं पेट्रोल कारों में सिर्फ 17-21 फीसदी एनर्जी का ही इस्तेमाल गाड़ी के मूवमेंट में होता है. इसकी एक बड़ी वजह ये है कि इंजन को चलाने के लिए भी पेट्रोल खर्च होता है, जबकि इलेक्ट्रिक व्हीकल में बैटरी की पावर सिर्फ तब खर्च होती है, जब गाड़ी चलती है, ना कि खड़ी गाड़ी में.
5- टैक्स में भी होता है फायदा
सेक्शन 80ईईबी के तहत इलेक्ट्रिक व्हीकल के लोन पर चुकाए जाने वाले ब्याज पर आपको 1.5 लाख रुपये तक पर टैक्स छूट मिलती है. अगर आपका लोन 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2023 के बीच मंजूर हुआ होता है, तो आप ये फायदा पा सकते हैं. वहीं 15 साल के बाद पेट्रोल कार पर ग्रीन टैक्स लगता है, जबकि इलेक्ट्रिक व्हीकल में वो भी नहीं लगेगा. अलग-अलग राज्यों में भी इलेक्ट्रिक कारों को प्रमोट करने के लिए कुछ सब्सिडी प्रोग्राम चलाए जाते हैं.
इलेक्ट्रिक कार के नुकसान भी जान लीजिए
अगर आपने इलेक्ट्रिक कार के फायदे जानने के बाद इलेक्ट्रिक कार खरीदने का मन बना लिया है तो आपको थोड़ा रुकने की जरूरत है. आपको पहले ये भी समझ लेना चाहिए कि इलेक्ट्रिक कार लेने के क्या नुकसान हो सकते हैं.
1- महंगी पड़ेगी इलेक्ट्रिक कार
जितने में आप छोटी इलेक्ट्रिक कार खरीदेंगे, उतने में आपको एक बड़ी पेट्रोल कार मिल जाएगी. हालांकि, सवाल ये है कि आपको बड़ी कार खरीदनी है या कम रनिंग कॉस्ट वाली कार खरीदनी है.
2- इंफ्रास्ट्रक्चर की है भारी किल्लत
अभी इलेक्ट्रिक कारों के हिसाब से इंफ्रास्ट्रक्चर भी मौजूद नहीं है. चार्जिंग स्टेशन बड़ी मुश्किल से कहीं-कहीं दिखते हैं. तमाम हाई-राइज यानी मल्टीस्टोरी इमारतों में भी पार्किंग में चार्जिंग की कोई सुविधा नहीं है. लोगों के घरों में भी चार्जिंग का कोई इंतजाम अभी नहीं है. दिल्ली-मुंबई में तो कई लोग सड़कों के ही किनारे गाड़ी खड़ी करते हैं, उनके लिए तो इलेक्ट्रिक कार का विकल्प है ही नहीं. कई शहरों में तो बिजली भी हर वक्त नहीं आती है, ऐसे में वह इलेक्ट्रिक कार कैसे ले सकते हैं?
3- चार्जिंग में लगता है लंबा वक्त
चार्जिंग में लगने वाला वक्त भी एक बड़ी चुनौती है. हालांकि, अब फास्ट चार्जिंग वाली कारें भी आ रही हैं, लेकिन उनकी कीमत और अधिक है. वैसे आपको बता दें कि फास्ट चार्जिंग भी 30 मिटन से 1 घंटे तो लेगी ही, जबकि पेट्रोल भरवाने में मुश्किल से 5 मिनट लगते हैं. लंबी दूरी की यात्रा में अगर इलेक्ट्रिक व्हीकल लेकर चले तो पहले तो आपको चार्जिंग स्टेशन नहीं मिलेंगे. अगर मिलने भी लगे तो गाड़ी चार्ज होने में वक्त लगेगा, उसका भी आपको ख्याल रखना होगा.
4- इंश्योरेंस पर भी होगा तगड़ा खर्च
अगर इलेक्ट्रिक व्हीकल की बात करें तो पेट्रोल कारों की तुलना में इसका इंश्योरेंस महंगा पड़ता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इलेक्ट्रिक व्हीकल महंगे होते हैं. इनमें हाई टेक्नोलॉजी और तगड़ी क्षमता वाली बैटरियां लगी होती हैं. पेट्रोल कारों में तो बहुत सारे पार्ट होते हैं, लेकिन इलेक्ट्रिक कारों में कम पार्ट होते हैं और वह महंगे भी काफी अधिक होते हैं. इन कारों में सबसे अधिक महंगी होती हैं बैटरियां, जिनको नुकसान होने पर उनकी रिपेयरिंग बहुत महंगी पड़ती है. कई बार तो बैटरियां रिपेयर भी नहीं हो पातीं.
5- तभी होगा फायदा, जब ज्यादा चलेगी कार
अगर आपकी कार रोजाना के हिसाब से बहुत कम चलती है या कभी-कभी चलती है, तो आपको इलेक्ट्रिक कार लेने में नुकसान होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि पहले तो ये कार आपको महंगी पड़ेगी. उसके बाद हर साल इसका इंश्योरेंस भी आपको महंगा पड़ेगा. बेशक रनिंग कॉस्ट सस्ती पड़ेगी, लेकिन उसका फायदा आप नहीं उठा पाएंगे, क्योंकि आपकी कार चलेगी ही बहुत कम.
तो इलेक्ट्रिक कार खरीदें या नहीं?
आज के वक्त में इलेक्ट्रिक कार खरीदने से पहले आपको कुछ बातें समझ लेनी चाहिए. सबसे पहले तो ये देखिए कि आप जहां रहते हैं, वहां कार चार्जिंग का कुछ इंतजाम हो सकता है या नहीं. ऐसा इसलिए क्योंकि अभी तक इंफ्रास्ट्रक्चर इलेक्ट्रिक व्हीकल के हिसाब से तैयार नहीं है. चार्जिंग स्टेशन की भारी कमी है. मेट्रो शहरों में तो इसकी तैयारी हो भी रही है, लेकिन छोटे शहरों में तो चार्जिंग स्टेशन आने वाले कई सालों तक शायद ही लग पाएं. अगर आप ऐसी जगह रहते हैं, जहां चार्जिंग का इंतजाम नहीं हो सकता तो अभी इलेक्ट्रिक कार खरीदना आपको भारी पड़ सकता है. अगर चार्जिंग का इंतजाम है तो बेशक आप थोड़ी महंगी कार भी खरीद सकते हैं, क्योंकि पेट्रोल कार की तुलना में कुछ सालों में आपकी कॉस्ट रिकवर हो जाएगी.