इस कंपनी के कर्मचारियों ने अपनी महिला सफाई कर्मी के लिए बनवा दिया नया घर, क्राउडफंडिंग के जरिये जुटाये लाखों रुपये
प्रभा कुमारी अपने परिवार के लिए रोजी-रोटी कमाने वाली अकेली सदस्य हैं और वो फिलहाल आर्द्रभूमि के पास बने एक अस्थाई घर में रहती थीं।
"इस प्रोजेक्ट के कोओर्डिनेटर निबुन जोस ने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए बताया है कि टीम ने प्रभा की मदद करने का फैसला किया था और इसके लिए क्राउडफंडिंग का सहारा लेते हुए करीब 6 लाख रुपये इकट्ठे किए गए थे।"
तिरुवनंतपुरम की एक टेक कंपनी में काम करने वाली सफाई कर्मी के घर में बरसात के बाद पानी भर जाता था, जिससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। इस समस्या का समाधान करने के लिए कंपनी के कर्मचारियों ने एक टीम का गठन करते हुए उस कर्मचारी के लिए एक नए घर के निर्माण करने का सराहनीय काम किया है।
चक्का इलाके की रहने वाली प्रभा कुमारी एस एस टेक्नोपार्क की एक सॉफ्टवेयर कंपनी एच एंड आर ब्लॉक में बीते एक साल से सफाई कर्मचारी के रूप में काम कर रही हैं, लेकिन इस दौरान घर की परेशानियों ने उनके जीवन में उथल-पुथल मचा रखी थी।
प्रभा कुमारी अपने परिवार के लिए रोजी-रोटी कमाने वाली अकेली सदस्य हैं और वो फिलहाल आर्द्रभूमि के पास बने एक अस्थाई घर में रहती थीं। घर की हालत कुछ ऐसी है कि बारिश के दौरान बाढ़ का पानी घर के अंदर भर जाता था जिससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। इसी के साथ उनके इलाके से होकर गुजरने वाले नेशनल हाइवे के चौड़ीकरण ने भी उनकी परेशानी को और बढ़ा रखा
टीम ने किया घर बनाने का फैसला
प्रभा की इस समस्या को देखते हुए उनकी कंपनी के तकनीकी विशेषज्ञों के एक समूह ने अपनी कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी ‘ब्लॉक शेल्टर प्रोजेक्ट’ के तहत प्रभा के लिए एक नया घर बनाने का फैसला किया।
इस प्रोजेक्ट के कोओर्डिनेटर निबुन जोस ने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए बताया है कि टीम ने प्रभा की मदद करने का फैसला किया था और इसके लिए क्राउडफंडिंग का सहारा लेते हुए करीब 6 लाख रुपये इकट्ठे किए गए थे।
लॉकडाउन के चलते हुई देरी
गौरतलब है कि टीम की मदद से पिछले साल नवंबर में पुराने मकान के पास उनकी छोटी सी जमीन पर नए मकान का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। हालांकि इसके बाद कोरोना महामारी ने विकराल रूप धारण किया और राज्य में लागू किए गए लॉकडाउन ने इस काम पर आंशिक विराम लगा दिया।
लॉकडाउन में ढील मिलने के साथ ही इस काम को दोबारा शुरू किया गया और अब इसी साल अप्रैल में प्रभा का यह नया घर बनकर तैयार हो चुका है। प्रभा का यह घर 550 वर्गफीट क्षेत्रफल में बना हुआ है।
टीम ने मीडिया से बात करते हुए बताया है कि इस घर के निर्माण में करीब 10 लाख रुपये का खर्च आया है। घर में बिजली और पेंट का का काम कंपनी के टेक्नीशियनों ने ही किया है जिससे घर के निर्माण की लागत में और कटौती की जा सकी है।
करेंगे अन्य की भी मदद
निबुन के अनुसार टीम ने ‘ब्लॉक शेल्टर प्रोजेक्ट’ को जारी रखने का फैसला किया है, जिसके तहत टीम अब हर साल कम से कम एक जरूरतमंद व्यक्ति के घर का निर्माण करने का लक्ष्य लेकर चल रही है।
टीम की शर्त है कि नये घर के निर्माण के लिए व्यक्ति के पास खुद की जमीन होनी चाहिए या फिर वह व्यक्ति अपने पुराने घर को ही रेनोवेट करवाने की इच्छा रखता हो।
अपना नया घर मिलने के बाद अब प्रभा और उनके बेटे ने टीम का आभार व्यक्त किया है और अब वे लॉकडाउन खुलने और स्थिति सामान्य होने के बाद टीम को एक ट्रीट देने की तैयारी भी कर रहे हैं।था।
Edited by Ranjana Tripathi