'लॉकडाउन' भले चला गया हो, 'वायरस' नहीं गया है: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को राष्ट्र के नाम संबोधित किया। भारत में जब से कोरोना संक्रमण की शुरुआत हुई है तब से प्रधानमंत्री छह बार राष्ट्र के नाम संदेश जारी कर चुके हैं। यह उनका सातवां राष्ट्र के नाम संबोधन था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्र को संबोधित किया। देश में जब से कोरोनावायरस महामारी की शुरुआत हुई है तब से प्रधानमंत्री छह बार राष्ट्र के नाम संदेश जारी कर चुके हैं। यह मोदी का सातवां राष्ट्र के नाम संबोधन रहा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्र को संबोधित किया। देश में जब से कोरोनावायरस महामारी की शुरुआत हुई है तब से प्रधानमंत्री छह बार राष्ट्र के नाम संदेश जारी कर चुके हैं। यह मोदी का सातवां राष्ट्र के नाम संबोधन रहा। मार्च में मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन की शुरुआत की थी और 19 मार्च को देशवासियों से जनता कर्फ्यू की अपील की थी। इस संबोधन में मोदी ने “हम स्वस्थ तो जग स्वस्थ” का नारा दिया। ये वही संबोधन था जिसके माध्यम से मोदी ने 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक सभी देशवासियों को जनता-कर्फ्यू का पालन करने का आग्रह किया था।
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जनता कर्फ्यू से लेकर आज तक हम भारतवासियों ने बहुत लंबा सफर तय किया है। समय के साथ आर्थिक गतिविधियां भी तेजी से बढ़ रही हैं। हम में से अधिकांश लोग, अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए, फिर से जीवन को गति देने के लिए, रोज घरों से बाहर निकल रहे हैं। त्योहारों के इस मौसम में बाजारों में भी रौनक धीरे-धीरे लौट रही है।
लेकिन हमें ये भूलना नहीं है कि लॉकडाउन भले चला गया हो, वायरस नहीं गया है। बीते 7-8 महीनों में, प्रत्येक भारतीय के प्रयास से, भारत आज जिस संभली हुई स्थिति में हैं, हमें उसे बिगड़ने नहीं देना है। आज देश में रिकवरी रेट अच्छी है, Fatality Rate कम है। दुनिया के साधन-संपन्न देशों की तुलना में भारत अपने ज्यादा से ज्यादा नागरिकों का जीवन बचाने में सफल हो रहा है। कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई में टेस्ट की बढ़ती संख्या हमारी एक बड़ी ताकत रही है।
संबोधन में मोदी ने कहा,
"हमारे देश के विज्ञानी भी वैक्सीन के लिए जी-जान से जुटे हैं। कोरोना की वैक्सीन जब भी आएगी, वह जल्द से जल्द प्रत्येक भारतीय तक कैसे पहुंचे, इसके लिए सरकार की तैयारी जारी है। जब तक महामारी की वैक्सीन नहीं आ जाती, COVID से लड़ाई को हरगिज़ कमज़ोर नहीं पड़ने देना है।"
उन्होंने कहा,
"कई लोगों ने अब सावधानी बरतना बंद कर दिया है। ये ठीक नहीं है। अगर आप लापरवाही बरत रहे हैं, बिना मास्क के बाहर निकल रहे हैं, तो आप अपने आप को, अपने परिवार को, अपने परिवार के बच्चों को, बुजुर्गों को उतने ही बड़े संकट में डाल रहे हैं।"
उन्होंने यह भी कहा,
सेवा परमो धर्म: के मंत्र पर चलते हुए हमारे doctors, nurses, health workers इतनी बड़ी आबादी की निस्वार्थ सेवा कर रहे हैं। इन सभी प्रयासों के बीच, ये समय लापरवाह होने का नहीं है। ये समय ये मान लेने का नहीं है कि कोरोना चला गया, या फिर अब कोरोना से कोई खतरा नहीं है।
हाल के दिनों में हम सबने बहुत सी तस्वीरें, वीडियो देखे हैं जिनमें साफ दिखता है कि कई लोगों ने अब सावधानी बरतना बंद कर दिया है। ये ठीक नहीं है। अगर आप लापरवाही बरत रहे हैं, बिना मास्क के बाहर निकल रहे हैं, तो आप अपने आप को, अपने परिवार को, अपने परिवार के बच्चों को, बुजुर्गों को उतने ही बड़े संकट में डाल रहे हैं।
मोदी ने कहा,
आज देश में रिकवरी रेट अच्छी है, Fatality Rate कम है। दुनिया के साधन-संपन्न देशों की तुलना में भारत अपने ज्यादा से ज्यादा नागरिकों का जीवन बचाने में सफल हो रहा है। कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई में टेस्ट की बढ़ती संख्या हमारी एक बड़ी ताकत रही है।
उन्होंने कहा,
हमें ये भूलना नहीं है कि लॉकडाउन भले चला गया हो, वायरस नहीं गया है. बीते 7-8 महीनों में, प्रत्येक भारतीय के प्रयास से, भारत आज जिस संभली हुई स्थिति में हैं, हमें उसे बिगड़ने नहीं देना है और अधिक सुधार करना है।
मोदी के शब्दों में,
हम में से अधिकांश लोग, अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए, फिर से जीवन को गति देने के लिए, रोज घरों से बाहर निकल रहे हैं। त्योहारों के इस मौसम में बाजारों में भी रौनक धीरे-धीरे लौट रही है।
साथ ही मोदी यह भी कहते हैं कि कोरोना के खिलाफ जनता कर्फ्यू से लेकर आज तक हम सभी भारतीयों ने एक बहुत लंबा सफर तय किया है। समय के साथ आर्थिक गतिविधियों में भी धीरे-धीरे तेजी नजर आ रही है। हमें यह भूलना नहीं है कि लॉकडाउन भले चला गया हो, वायरस अभी नहीं गया है। आप ध्यान रखिए, आज अमेरिका हो, या फिर यूरोप के दूसरे देश, इन देशों में कोरोना के मामले कम हो रहे थे, लेकिन अचानक से फिर बढ़ने लगे। जब तक सफलता पूरी न मिल जाए, लापरवाही नहीं करनी चाहिए। जब तक इस महामारी की वैक्सीन नहीं आ जाती, हमें कोरोना से अपनी लड़ाई को कमजोर नहीं पड़ने देना है।
वे कहते हैं,
"बरसों बाद हम ऐसा होता देख रहे हैं कि मानवता को बचाने के लिए युद्धस्तर पर काम हो रहा है। अनेक देश इसके लिए काम कर रहे हैं। हमारे देश के वैज्ञानिक भी vaccine के लिए जी-जान से जुटे हैं। भारत में अभी कोरोना की कई वैक्सीन्स पर काम चल रहा है। इनमें से कुछ एडवान्स स्टेज पर हैं। कोरोना की vaccine जब भी आएगी, वो जल्द से जल्द प्रत्येक भारतीय तक कैसे पहुंचे इसके लिए भी सरकार की तैयारी जारी है। एक-एक नागरिक तक vaccine पहुंचे, इसके लिए तेजी से काम हो रहा है।"
अपने संबोधन के अंत में मोदी कहते हैं,
"एक कठिन समय से निकलकर हम आगे बढ़ रहे हैं, थोड़ी सी लापरवाही हमारी गति को रोक सकती है, हमारी खुशियों को धूमिल कर सकती है। जीवन की ज़िम्मेदारियों को निभाना और सतर्कता ये दोनो साथ साथ चलेंगे तभी जीवन में ख़ुशियाँ बनी रहेंगी।"