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14 वर्षीय भारतीय-अमेरिकी यंग सांइटिस्ट अनिका चेबरेलू ने ​​संभावित कोविड-19 उपचार के लिए जीता $ 25,000 का पुरस्कार

14 साल की अनिका चेबरोलू ने 2020 3M यंग साइंटिस्ट चैलेंज जीता।

14 वर्षीय भारतीय-अमेरिकी यंग सांइटिस्ट अनिका चेबरेलू ने ​​संभावित कोविड-19 उपचार के लिए जीता $ 25,000 का पुरस्कार

Monday October 19, 2020 , 3 min Read

एक भारतीय-अमेरिकी किशोरी को संभावित कोविड-19 उपचार और उसकी शोध के लिए $ 25,000 का पुरस्कार दिया गया है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, टेक्सास की 14 वर्षीय अनिका चेबरोलू ​​ने COVID-19 के इलाज की संभावित दवा पर अपने काम के लिए 2020 3M यंग साइंटिस्ट चैलेंज जीता और साथ ही एक ऐसा अणु विकसित किया है जो कोरोनावायरस के एक निश्चित प्रोटीन को बांधने के साथ-साथ इसे फंक्शन करने से रोक सकता है।

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14 साल की अनिका चेबरोलू ने यंग साइंटिस्ट चैलेंज जीता, फोटो साभार : CNN

एक भारतीय-अमेरिकी किशोरी को संभावित कोविड-19 उपचार और उसकी शोध के लिए $ 25,000 का पुरस्कार दिया गया है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, टेक्सास की 14 वर्षीय अनिका चेबरोलू ​​ने COVID-19 के इलाज की संभावित दवा पर अपने काम के लिए 2020 3M यंग साइंटिस्ट चैलेंज जीता है। छात्रा ने एक अणु विकसित किया है जो कोरोनावायरस के एक निश्चित प्रोटीन को बांध सकता है और इसे फंक्शन करने से रोक सकता है।


एबीसी न्यूज के अनुसार अनिका चेबरोलू कहती हैं,

"मैंने जिस मॉलिक्यूल को विकसित किया है वो SARS-CoV-2 वायरस पर एक निश्चित प्रोटीन को बांध सकता है। इस प्रोटीन को बांधने से यह प्रोटीन के फंक्शन को रोक देगा।"

अपनी जीत के बारे में बात करते हुए अनिका कहती है,

"यह रोमांचक है। मैं अभी भी सब कुछ करने की कोशिश कर रही हूं।"

अनिका हमेशा कोरोनावायरस पर ध्यान केंद्रित नहीं करती थी। जब साल शुरू हुआ, वह मौसमी फ्लू से लड़ने के तरीकों पर काम कर रही थी। महामारी की चपेट में आने पर उसकी योजना बदल गई। अत्यधिक संक्रामक वायरस के लिए और एक संभावित दवा खोजने के लिए 14-वर्षीय अनिका ने कई तरह कंप्यूटर प्रोग्राम्स का इस्तेमाल किया, ताकि यह पता लगाया जा सके कि अणु (मॉलिक्यूल) SARS-CoV-2 वायरस से कैसे और कहां से जुड़ेगा।


अनिका ने दवा की खोज के लिए सिलिका पद्धति का उपयोग अणु को खोजने के लिए किया, जो कि COVID-19 महामारी का इलाज खोजने के प्रयास में SARS-CoV-2 वायरस के स्पाइक प्रोटीन को चुन सकता है। एबीसी न्यूज के अनुसार, यह स्पष्ट नहीं है कि उसकी शोध का लाइव मॉडल पर परीक्षण किया गया है या नहीं।


एक दिन मेडिकल शोधकर्ता और प्रोफेसर बनने की उम्मीद रखने वाली अनिका कहती हैं, कि उनके दादाजी ने विज्ञान में उनकी रुचि को और ज्यादा बढ़ाने का काम किया।


वह कहती हैं,

"छोटे पर मेरे दादाजी ने हमेशा मुझे साइंस की ओर धकेला। वह वास्तव में केमिस्ट्री के प्रोफेसर थे, और वह हमेशा मुझे तत्वों की आवर्त सारणी और विज्ञान के बारे में इन सभी बातों को जानने और समय के साथ सीखने के लिए कहते थे।


उन्होंने सीएनएन को बताया कि उनकी विज्ञान परियोजना के आसपास मीडिया प्रचार इस बात का संकेत है कि हर कोई महामारी को समाप्त करना चाहता है।


वह कहती हैं,

"पिछले दो दिनों में, मैंने देखा कि मेरी परियोजना के बारे में बहुत सारा मीडिया प्रचार है क्योंकि इसमें SARS-CoV-2 वायरस शामिल है और यह इस महामारी को समाप्त करने के लिए हमारी उम्मीदों को दर्शाता है। मुझे उम्मीद है कि हम सब अपने सामान्य जीवन की ओर जल्दी से जल्द वापिस लौटेंगे।”