दो बार गिरने के बाद ज़िंदगी में दौड़ लगाने का नाम है आत्रेयी निहारचंद्र
लोगों को वजन कम करने में मदद करती आत्रेयी....
पाउलो कोइल्हो ने कहा है, “जब हम कम उम्मीद करते हैं तो जिंदगी हमें हमारे साहस और बदलने करने की इच्छा की परीक्षा के लिए एक चुनौती सेट करती है और इस क्षण में, हम नाटक नही कर सकते या हम अभी तैयार नहीं हैं, कहने का कोई मतलब नहीं है| चुनौती इंतजार नहीं करेगी। जीवन में बिता हुआ समय नही आता।”
आत्रेयी निहारचंद्र इनसे सहमत होगीं। जिंदगी ने उन्हें कई चुनौतियाँ दी लेकिन इन चुनौतियों ने आत्रेयी का व्यक्तित्व और भी मजबूत, स्मार्ट और साहसी बनाया। ‘Revise Diet’ की संस्थापक आत्रेयी ने अपना जीवन दूसरों की मदद के लिए समर्पित किया है। वह दूसरों को बिना वजन घटाए और फिटनेस परहेजों से स्वस्थ जीवन जीने में मदद करती हैं|
आत्रेयी ने अपनी उद्यमिता यात्रा की शुरूआत 17 साल से शुरू की जब वह अपने पिता के उद्यम ‘Proniak Forge and Flaanges’ में उनके साथ काम किया करती थी। 23 की उम्र में एक दुर्घटना में उनके पैर का एक लिगामेंट टूट गया। जिससे उन्हें एक साल तक बिस्तर पर ही रहना पड़ा। यह उनके लिए एक निराशाजनक दौर था। उन्हें घूमना, चढ़ाई के लिए दूसरे लोगों पर निर्भर रहना पड़ता था। उन्हें दोबारा चलने में 14 महीने लग गये। लेकिन उन्होंने अपने घर के पास एक प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र में शामिल होकर अपने समय का उपयोग किया जहाँ पर वह खुद की मदद करती थी और विज्ञान भी सीखा।
ठीक हो जाने के बाद, आत्रेयी ने आईआईएम बैंगलोर में NSR सेल में शामिल हो गयी। अपना कोर्स पूरा करने के बाद, उन्हें आईटी में जॉब नही मिली| वह कहती हैं, “यहाँ तक कि मेरे पिता के दोस्त जिनकी बैंगलोर में अपनी कंपनी है उन्होंने भी मुझे जॉब नही दी।”
मामूली काम करने के बजाय, वह आईआईएम बैंगलोर गयी और एक शोधकर्ता के रूप में काम करना शुरू किया और पीएचडी करने के बारे में सोचा। यहीं उनकी मुलाकात हुई एक शख्स से जिससे उन्होंने बाद में शादी की। वह बैंगलोर में ही रहने लगी और खाद्य ब्लॉग लिखना शुरू किया। उन्होंने मसालेदार भारतीय भोजन की स्वस्थ संस्करणों को विकसित किया और इस प्रकार Revise Diet का जन्म हुआ।
बताने की जरूरत नहीं है कि उनका ब्लॉग सफल रहा। आईआईएम बैंगलौर में उनकी नौकरी भी अच्छी तरह से चल रही थी। कोई सोच भी नहीं सकता था कि अतीत में उनके साथ कुछ हुआ होगा। लेकिन आत्रेयी के लिए यह चुनौतियों की सिर्फ शुरुआत थी। वह एक और दुर्घटना का शिकार हुई और फिर से उसी घुटने में चोट लगी। कुछ महीने बाद उनके पूरे पैर में हलचल बंद हो गयी।
इस बार आत्रेयी पहले से तैयार थी। उन्होंने आईआईएम बैंगलोर से ब्रेक लिया और जिस डॉ को पहले इलाज कराया था उसी के पास दोबारा गईं। यानी की घर। ज़ाहिर है, वो बैंगलौर में महंगा इलाज का खर्च वहन नही कर सकती थीं।
इस समय उन्होंने अपने पुनर्वास चरण का आनंद करने का फैसला किया है। “हर काले बादल में एक चमकीली लाइन होती है।”- वह कहती हैं। उन्हें गुजरात के प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र से सकारात्मक प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुई। सर्जरी को खारिज करते हुए डॉक्टरों ने उनकी सेहत में तेजी लाने के लिए वजन कम करने का सुझाव दिया और उन्हें पैर पर कम दबाव डालने को कहा। लेकिन टूटे हुए लिगामेंट के साथ वजन कम करना एक चुनौती थी। वह योग की तरह कुछ हल्के व्यायाम करने लगी और अपने आहार पर काम शुरू कर दिया। इसने उन्हें तेजी से ठीक करने में मदद की। और उन्होंने बैंगलोर लौटने का प्लान बनाया।
इस समय वह परेशानियों के बावजूद अपनी जिंदगी को पुरे उत्साह के साथ जीना चाहती थी। परिवार का समर्थन कम हो रहा था इसलिए वह आईआईएम बैंगलोर में लौट आयी। लेकिन वहाँ व्यायाम महंगा था। उनके दोस्त ने उन्हें फिटनेस सेंटर शुरू करने की सलाह दी।
आत्रेयी कहती हैं,
“वजन कम करने की मत सोचो, अपने स्वास्थ्य के बारे में सोच।| वजन कम करना कोई अच्छा एहसास नही है। मैं लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक चाहती हूँ। स्वस्थ रहना कोइ जटिल नही है। यह समझ सिर्फ भोजन की समझ, जीवन में धैर्य और मन की शांति है।”
उन्होंने अपने दोस्त के साथ बिज़नस शुरु किया। स्टार्टअप ने रफ्तार तब पकड़ी जब उनके पहले ग्राहक ने दो महीने में 12 किलो वजन कम किया। और धीरे-धीरे स्टार्टअप word of mouth के द्वारा प्रचलित होने लगा। एक साल में ही आत्रेयी ने करीब 100 ग्राहकों की मदद की। जिसमे से अधिकतर महिलाए हैं। इस समय Revise Diet पुरुष, महिला और बच्चों के साथ पुरे भारत में काम कर रहा है। दो सालों में आत्रेयी ने 200 लोगों को उनके सामान्य भोजन के द्वारा वजन कम करने में मदद की। उनकी फीस 1200रुपये प्रति महीना है। वह 200 लोग प्रति वर्ष की दर से अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचना चाहती हैं। वह वजन घटाने के साथ-साथ, पुराने रोगों का इलाज भी करती हैं।
उन्होंने MSc in food and nutrition में दाखिला लिया है और न्यूट्रिशियन और प्राकृतिक चिकित्सा में अपने ज्ञान को देखते हुए वह अपने उद्यम के लिए धन जुटाने और निकट भविष्य में कम से कम 80,000 लोगों को जोड़ने का सोच रही हैं।