सूरत के व्यापारी ने 251 गरीब लड़कियों का किया कन्यादान, हर दंपती को दिए पांच लाख
सूरत के एक हीरा व्यापारी महेश सावणी ने 251 गरीब लड़कियों की शादी का जिम्मा उठाया। इनमें से 5 मुस्लिम और 1 ईसाई जोड़ा भी शामिल था। दो ऐसी लड़किंयां भी थीं जो एचआईवी की बीमारी से जूझ रही हैं।
इन नए दंपतियों के पास गहने, घर का सामान या फर्नीचर में से एक विकल्प चुनने का मौका था। सूरत के मोटा वरच्छा इलाके में स्वामी चैतन्य विद्या संकुल में इस भव्य समारोह का आयोजन किया गया था।
महेश ने उड़ी हमले में शहीद सैनिकों के बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाने की घोषणा की थी। उन्होंने अपने गांव की कई लड़कियों को गोद ले रखा है और वे उनकी देखभाल करते रहते हैं।
आज के वक्त में शादी करना मतलब लाखों रुपये के वारे न्यारे करना होता है। सुविधा संपन्न लोगों के लिए शादी में पैसे बहाना काफी आसान होता है, लेकिन गरीबों के लिए ये किसी मुसीबत से कम नहीं होता। इसीलिए देश के कई इलाकों में समाजसेवियों के द्वारा सामूहिक शादियां करवाई जाती हैं। हाल ही में सूरत के एक हीरा व्यापाराी महेश सावणी ने 251 गरीब लड़कियों की शादी का जिम्मा उठाया। इनमें से 5 मुस्लिम और 1 ईसाई जोड़ा भी शामिल था। दो ऐसी लड़किंयां भी थीं जो एचआईवी की बीमारी से जूझ रही हैं।
हीरे का व्यापार करने वाले महेश सावणी ने अपने खर्च पर यह समारोह आयोजित करवाया। उन्होंने कहा कि गरीबों की शादी करवाना भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करने जैसा है। ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। सावणी 2012 से ही समय-समय पर गरीब लड़कियों की शादी का जिम्मा उठाते चले आ रहे हैं। वे लगभग 500 गरीब और अनाथ लड़कियों का पूरा खर्च उठाते हैं और बड़ी होने पर उनकी शादी भी करवाते हैं। इस मौके पर सावणी ने इन सभी लड़कियों के पिता का दायित्व निभाया और कन्यादान किया।
सूरत शहर में एक भव्य माहौल में रंग बिरंगे कपड़ों में सजी दुल्हनों ने हजारों लोगों के सामने शादी के फेरे लिए और रस्में निभाई गईं। सूरत को डायमंड पॉलिशिंग का हब माना जाता है। इसके पहले के आयोजनों में सावणी ने दुल्हनों को सोफा, बेड, गहने और 5 लाख रुपये नकद भी दिए थे, ताकि वे अपने नए जीवन की शुरुआत कर सकें। इन नए दंपतियों के पास गहने, घर का सामान या फर्नीचर में से एक विकल्प चुनने का मौका था। सूरत के मोटा वरच्छा इलाके में स्वामी चैतन्य विद्या संकुल में इस भव्य समारोह का आयोजन किया गया था।
सावणी अब तक लगभग 900 लड़कियों की शादी कर चुके हैं उससे पहले उन्होंने 1,300 लड़कियों की शादी में मदद की थी। इस मौके पर समाजसेवियों और धार्मिक गुरुओं को भी आमंत्रित किया गया था। महेश सावणी अक्सर दूसरों की मदद करने के लिए सुर्खियों में रहते हैं। इससे पहले उन्होंने उड़ी हमले में शहीद सैनिकों के बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाने की घोषणा की थी। उन्होंने अपने गांव की कई लड़कियों को गोद ले रखा है और वे उनकी देखभाल करते रहते हैं। भारत में शादी एक काफी मंहगा खर्च माना जाता है जिसमें लाखों रुपयों के दहेज का लेन-देन भी होता है। ऐसे सामूहिक आयोजन दहेज विरोधी अभियान को भी चुनौती देते हैं।
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