Brands
YS TV
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

Videos

5वीं क्लास का बच्चा भी पहचान सकेगा न्यूज फेक है या नहीं, इस राज्य ने 20 लाख छात्रों को सिखाए गुर

प्रत्येक छात्र को चार वर्गों में 2.5 घंटे की अवधि का प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें दैनिक जीवन में इंटरनेट का उपयोग, सोशल मीडिया में सही और गलत और फेक न्यूज के प्रसार को कैसे रोका जाए, शामिल था.

5वीं क्लास का बच्चा भी पहचान सकेगा न्यूज फेक है या नहीं, इस राज्य ने 20 लाख छात्रों को सिखाए गुर

Tuesday October 11, 2022 , 3 min Read

केरल में करीब 20 लाख स्कूली छात्रों को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर फेक न्यूज को रोकने के लिए जरूरी बेसिक स्किल्स से लैस किया गया है. क्लास 5 से क्लास 10 के इन छात्रों को आने वाले मैसेजेज के पीछे के सच को समझने में भी सक्षम बनाने की कोशिश की गई है.

स्कूली छात्रों को 'सत्यमेव जयते डिजिटल मीडिया लिटरेसी प्रोग्राम' के तहत फेक न्यूज को रोकने की स्किल से लैस किया गया. प्रोग्राम का तीसरा चरण पूरा होने की घोषणा करते हुए जनरल एजुकेशन मिनिस्टर वी. शिवनकुट्टी ने कहा कि 9.48 लाख उच्च प्राथमिक छात्रों और 10.24 लाख हाई स्कूल के छात्रों तक पहुंचने के लिए 5,920 प्रशिक्षकों को तैनात किया गया था.

उन्होंने कहा कि केरल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड टेक्नोलॉजी फॉर एजुकेशन (KITE) ने फर्जी खबरों की रोकथाम और जागरूकता कार्यक्रम पूरा कर लिया है. बता दें कि, कोविड-19 महामारी के दौरान बीते 10 फरवरी, 2021 को इस प्रोग्राम की शुरुआत की गई थी. पहले चरण में KITE VICTERS एजुकेशनल चैनल के माध्यम से अवेयरनेस क्रिएशन पर फोकस किया गया था.

प्रोग्राम का दूसरा चरण स्पेशल ट्रेनिंग मॉड्यूल का इस्तेमाल करते हुए जून 2021 और तीसरे चरण की शुरुआत अगस्त, 2022 से की गई थी. सरकारी स्कूल श्रेणी में सबसे अधिक 3,691 छात्रों को मलप्पुरम जिले के डीजीएचएसएस तनूर में प्रशिक्षित किया गया. वहीं, सहायता प्राप्त स्कूल श्रेणी में सबसे अधिक 7,467 छात्रों तिरुवनंतपुरम जिले में सेंट मैरीज एचएसएस पट्टम प्रशिक्षित किया गया.

प्रत्येक छात्र को चार वर्गों में 2.5 घंटे की अवधि का प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें दैनिक जीवन में इंटरनेट का उपयोग, सोशल मीडिया में सही और गलत और फेक न्यूज के प्रसार को कैसे रोका जाए, शामिल था.

प्रशिक्षण में सूचना लेन-देन में डिजिटल मीडिया के प्रभाव को समझने, डिजिटल मीडिया में नॉन फैक्चुअल इंटरैक्शन को जानने की इच्छा पैदा करने और कंस्ट्रक्टिव तरीके से उन पर प्रतिक्रिया करने, आदान-प्रदान किए गए संदेशों के पीछे की सच्चाई को समझने में तकनीकी ज्ञान प्राप्त करने और मीडिया साक्षरता के माध्यम से सूचना लेनदेन में गड़बड़ियों की पहचान करने और प्रतिक्रिया करने के लिए कौशल विकसित करने जैसे क्षेत्रों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया. इसमें विशिष्ट क्षेत्रों जैसे गलत सूचना और दुष्प्रचार का अर्थ और परिभाषा और समाज में उनके प्रभाव को भी शामिल किया गया था.

KITE के CEO के. अनवर सदाथ ने कहा कि छात्रों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम के साथ ही KITE VICTERS एजुकेशनल चैनल 10 से 13 अक्टूबर को शाम 7 बजे इन सभी क्लासेज को चार एपिसोड में प्रसारित कर रहा है.


Edited by Vishal Jaiswal