Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

BMTC की सराहनीय पहल, बस अड्डों पर स्तनपान के लिए होगा अलग कमरा

BMTC की सराहनीय पहल, बस अड्डों पर स्तनपान के लिए होगा अलग कमरा

Friday October 06, 2017 , 4 min Read

बेंगलुरु मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन ने एक साहसिक कदम उठाते हुए काफी सरानीय पहल शुरू की है। अब बेंगलुरु के सभी प्रमुख बस अड्डों पर स्तनपान के लिए एक अलग कमरा बनाया जाएगा जहां महिलाएं अपने बच्चों को बेहिचक दूध पिला सकें। आमतौर पर सार्वजनिक जगहों पर मांओं को बच्चे को दूध पिलाने में झिझक और असुविधा होती है, उसी को ध्यान में रखकर यह फैसला किया गया है...

image


बीएमटीसी के पब्लिक रिलेशन ऑफिसर वी. नागराज ने न्यूजमिनट से खास बातचीत में बताया कि प्राइवेसी प्रदान करने के लिए महिलाओं को यह सुविधा दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इससे बीएमटीसी में काम करने वाली महिलाओं को भी फायदा मिलेगा, खासकर उन महिलाओं को जो बीएमटीसी में बस कंडक्टर के तौर पर काम करती हैं।

महिला अधिकार के लिए अपनी आवाज बुलंद करने वाली जानी-मानी कार्यकर्ता केएस विमला ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा, 'कई सारी महिलाओं को बस में सफर के दौरान काफी लंबा इंतजार करना पड़ता है, लेकिन अगर उनकी गोद में बच्चा हो तो वे उसे बड़ी मुश्किल से दूध पिला पाती हैं।'

बेंगलुरु मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (BMTC) ने एक साहसिक कदम उठाते हुए काफी सरानीय पहल शुरू की है। अब बेंगलुरु के सभी प्रमुख बस अड्डों पर स्तनपान के लिए एक अलग कमरा बनाया जाएगा जहां महिलाएं अपने बच्चों को बेहिचक दूध पिला सकें। आमतौर पर सार्वजनिक जगहों पर मांओं को बच्चे को दूध पिलाने में झिझक और असुविधा होती है। उसी को ध्यान में रखकर यह फैसला किया गया है। इतना ही नहीं इस कमरे में बैठने, पीने के पानी और रेस्टरूम जैसी सुविधा भी दी जाएगी। बीएमटीसी के पब्लिक रिलेशन ऑफिसर वी. नागराज ने न्यूजमिनट से खास बातचीत में बताया कि प्राइवेसी प्रदान करने के लिए महिलाओं को यह सुविधा दी जाएगी।

उन्होंने बताया कि इससे बीएमटीसी में काम करने वाली महिलाओं को भी फायदा मिलेगा, खासकर उन महिलाओं को जो बीएमटीसी में बस कंडक्टर के तौर पर काम करती हैं। कई सारे ट्रैफिक और ट्रांजिट मैनेजमेंट सेंटर ऐसे हैं जहां काफी जगह खाली पड़ी है। उन जगहों पर इस रूम को सेटअप किया जाएगा। इस प्रॉजेक्ट के लिए कॉर्पोरेशन काफी तत्पर दिख रहा है। इसीलिए 2.25 करोड़ का बजट भी अलॉट कर दिया गया है। यह पैसा निर्भया फंड के तहत केंद्र सरकार ने दिया था। हालांकि यह काफी अच्छा और सराहनीय कदम है, लेकिन देश में पहली बार ऐसा नहीं हो रहा है।

इससे लगभग 2 साल पहले तमिलनाडु की जयललिता सरकार ने भी इसी तरह की पहल शुरू की थी। महिला अधिकार के लिए अपनी आवाज बुलंद करने वाली जानी-मानी कार्यकर्ता केएस विमला ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा, 'कई सारी महिलाओं को बस में सफर के दौरान काफी लंबा इंतजार करना पड़ता है, लेकिन अगर उनकी गोद में बच्चा हो तो वे उसे बड़ी मुश्किल से दूध पिला पाती हैं।' उन्होंने कहा कि अधिकतर बड़े ऑफिसों में धूम्रपान करने के लिए अलग से स्मोकिंग जोन बना होता है, लेकिन स्तनपान जैसी महत्वपूर्ण जरूरत के लिए कोई जागरूकता की बात नहीं होती। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को ऐसे स्तनपान के लिए बने कमरों की देखभाल भी करनी होगी ताकि वहां कुछ गलत काम न हो सके।

BMTC के एक अधिकारी ने कहा कि कई राज्यों में ऐसी सकारात्मक पहल की सफलता के बाद बेंगलुरु में भी इसे शुरू करने का फैसला लिया गया है। भारत में शिशु मृत्यु दर काफी ज्यादा है जो कि हमारे देश की स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए अच्छी बात नहीं है। डॉक्टरों का कहना होता है कि बच्चे को जन्म के 6 माह तक केवल मां का दूध ही पिलाना चाहिए। लेकिन पर्याप्त सुविधा न मिल पाने के कारण कामकाजी महिलाओं को स्तनपान कराने में कई सारी दिक्कतें आती हैं। कर्नाटक सरकार की इस पहल के बाद उम्मीद जताई जानी चाहिए कि बस अड्डे जैसी व्यस्त सार्वजनिक जगह पर स्तनपान कराने में आने वाली मुश्किल से छुटकारा मिलेगा।

ये भी पढ़ें: बालविवाह और फिर तलाक के दंश से निकलकर 25 साल में ही डीएसपी बनने वालीं अनीता प्रभा