बैंक की नौकरी छोड़ किया स्टार्टअप, अब हर जरुरतमंद को दे रहे हैं लोन
नोएडा स्थित फिनटेक स्टार्टअप PayMe India के पास हर एक जररुरतमंद के लिए लोन है. इसकी स्थापना साल 2016 में दो बैंकरों - महेश शुक्ला और संदीप सिंह ने की थी.
हाइलाइट्स
- PayMe India एक RBI-पंजीकृत NBFC कंपनी है
- यह आम व्यक्तियों और कॉरपोरेट्स को 5,000 से 2,00,000 रुपये तक इंस्टैंट लोन देता है
- स्टार्टअप वित्त वर्ष 23 के दौरान लगभग 70 करोड़ रुपये का एनुअल रेवेन्यू हासिल करने में कामयाब रहा है
भारत में फिनटेक सेक्टर ने ग़ज़ब की तरक़्क़ी की है. देश के डिजिटल लेंडिंग (उधार) स्पेस को 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश प्राप्त हुआ है. IIFL FinTech की हालिया रिपोर्ट से पता चला है कि इंडस्ट्री का अनुमान है कि डिजिटल लेंडिंग मार्केट के साल 2030 तक 515 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है.
नोएडा स्थित फिनटेक स्टार्टअप
के पास हर एक जररुरतमंद के लिए लोन है. इसकी स्थापना साल 2016 में दो बैंकरों - महेश शुक्ला और संदीप सिंह ने की थी. PayMe के फाउंडर और सीईओ महेश शुक्ला ने हाल ही में YourStory के साथ बात की. उन्होंने इसकी शुरुआत, बिजनेस मॉडल, रेवेन्यू, फंडिंग, चुनौतियों और भविष्य की योजनाओं के बारे में बताया.महेश शुक्ला को बैंकिंग, फाइनेंस और फिनटेक सेक्टर में बेहद अच्छा अनुभव है. उन्होंने Bank of America, Barclays Shared Services, और Evalueserve जैसी प्रतिष्ठित फर्मों के साथ मिलकर एक दशक से भी अधिक समय तक काम किया है.
शुरुआत
महेश ने अपनी पोस्ट-ग्रेजुएशन की पढ़ाई के दिनों के दौरान ही एक फिनटेक कंपनी बनाने का फैसला कर लिया था और आगे इस विचार को लागू करने की दिशा में प्रयास किए. बिजनेस स्किल्स और इंडस्ट्री में दस वर्षों का अनुभव हासिल करने के बाद उन्होंने और संदीप ने 2016 में 2 मिलियन डॉलर की प्रारंभिक पूंजी के साथ फिनटेक स्टार्टअप PayMe India लॉन्च किया.
महेश बताते हैं, "स्टार्टअप आम व्यक्तियों और कॉरपोरेट्स के लिए वित्तीय सेवाओं की पेशकश करता है. PayMe India एक RBI-पंजीकृत NBFC कंपनी है और इसकी वित्तीय सेवाएँ उन कॉर्पोरेट कर्मचारियों तक फैली हुई हैं, जिन्हें सबसे कम ब्याज दरों पर इंस्टैंट लोन की जरुरत होती है. कंपनी वर्तमान में कुछ ही क्लिक में व्यक्तियों को 5,000 से 2,00,000 रुपये तक का लोन देती है."
बिजनेस मॉडल
PayMe खुद को टेक-फर्स्ट लेंडिंग कंपनी के रूप में पेश करता है. मौजूदा इंस्टैंट लोन और कॉर्पोरेट लोन के अलावा, कंपनी का इरादा विभिन्न क्षेत्रों में वेतनभोगी कर्मचारियों और वित्तीय प्रोत्साहन की तलाश कर रहे स्थानीय व्यवसायों तक पहुंचने का भी है. आज कंपनी के पास 150+ पेशेवर लोगों की टीम है.
बिजनेस मॉडल के बारे में बात करते हुए महेश बताते हैं, "PayMe शॉर्ट-टर्म ऑनलाइन लेंडिंग को यथासंभव सहज और सक्षम बनाने के अपने मिशन पर काम कर रहा है. दक्षता, सक्षमता और उत्कृष्टता के लिए प्रयास करते हुए, PayMe उन स्वदेशी व्यवसायों के लिए एक विस्तारित वित्तीय सेवा के रूप में काम करने का इरादा रखता है, जिन्हें सस्ती ब्याज दरों पर कॉर्पोरेट लोन की जरुरत होती है. कंपनी ने ग्राहकों के लिए एक सिक्योर, इंटरैक्टिव और प्राइवेट ऑनलाइन सिस्टम का वादा करते हुए अपने टेक इन्फ्रास्ट्रक्चर में भी बड़े पैमाने पर निवेश किया है. कंपनी का इरादा एजुकेशन लोन और क्रेडिट कार्ड जैसी सेवाओं की पेशकश के लिए और विस्तार करने का भी है."
महेश बताते हैं, "हम वर्तमान में लगभग 3 मिलियन (30 लाख) ग्राहकों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करते हैं."
फंडिंग और रेवेन्यू
महेश का दावा है कि उन्होंने PayMe India में व्यक्तिगत रूप से 1 मिलियन (10 लाख) डॉलर का निवेश किया है. इसके अलावा अप्रैल, 2018 में अपने सीड फंडिंग राउंड में कंपनी ने सिंगापुर स्थित एंजेल इन्वेस्टर्स से 2 मिलियन अमेरिकी डॉलर जुटाए थे.
स्टार्टअप के रेवेन्यू मॉडल के बारे में पूछे जाने पर महेश बताते हैं, "हम बांटे गए लोन पर प्रोसेसिंग शुल्क और ब्याज शुल्क लगाकर अपना रेवेन्यू कमाते हैं. PayMe की सर्विस प्रोफ़ाइल में इंस्टैंट पर्सनल लोन, कॉर्पोरेट लोन और क्रेडिट स्कोर सुधार समाधान शामिल हैं."
रेवेन्यू के आंकड़ों का खुलासा करते हुए महेश बताते हैं, "हम वित्त वर्ष 23 के दौरान लगभग 70 करोड़ रुपये का एनुअल रेवेन्यू हासिल करने में कामयाब रहे हैं और वित्त वर्ष 24 तक 200 करोड़ रुपये को पार करने का अनुमान है."
PayMe की USP
PayMe की USP (unique selling proposition) के बारे में समझाते हुए महेश कहते हैं, "विशेष सेवाओं में कॉर्पोरेट कर्मचारियों के लिए निर्बाध ऑनलाइन लोन, 5,000 से 2,00,000 रुपये तक के लोन के लिए तत्काल स्वीकृति शामिल है. शॉर्ट-टर्म लोन के लिए न्यूनतम ब्याज दरें, स्टार्टअप और नए व्यवसायों के लिए कॉर्पोरेट लोन आदि हैं."
चुनौतियां, भविष्य की योजनाएं
फिनटेक सेक्टर और PayMe को शुरू करने में आने वाली चुनौतियों के बारे में बात करते हुए महेश ने बताया, "सबसे पहली चुनौती कम समय में उचित लागत पर फंड जुटाना थी. फिर सही टैलेंट को हायर करना और उन्हें लंबी अवधि तक जोड़ें रखना भी एक चुनौती रही है. कुछ हद तक बदलती नियामक चुनौतियों को बनाए रखना और उनका अनुपालन करना भी थोड़ा चुनौतीपूर्ण है."
अंत में भविष्य की योजनाओं को लेकर बोलते हुए महेश ने बताया, "हमारा लक्ष्य वितरण राशि को 500 करोड़ रुपये से 4 गुना बढ़ाकर 2,000 करोड़ रुपये करने का है. मौजूदा इंस्टैंट लोन और कॉर्पोरेट लोन के अलावा, PayMe India का इरादा विभिन्न क्षेत्रों में वेतनभोगी कर्मचारियों और वित्तीय प्रोत्साहन की तलाश कर रहे स्थानीय व्यवसायों तक पहुंचने का भी है."