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फिनटेक स्टार्टअप PayU ने 150 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला, बताई ये वजह...

दुनियाभर के जॉब मार्केट के सितारे गर्दिश में हैं. कंपनियां लगातार अपने कर्मचारियों की छंटनी कर रही है. इसी कड़ी में अब फिनटेक स्टार्टअप PayU ने अपने 6 फीसदी कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. इस वजह से करीब 150 कर्मचारियों की नौकरी चली गई है.

PayU ने कहा है फिनटेक मार्केट में हो रहे बदलावों को ध्यान में रखते हुए वर्कफोर्स के पुनर्गठन किया जा रहा है. इसके चलते छंटनी प्रक्रिया की जा रही है. PayU India के भुगतान और फिनटेक व्यवसाय से जुड़ी हुई है. कंपनी ने 6 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी की है.

PayU India के फिनेटक व्यवसायों में Wimbo, Citrus Pay और LazyPay जैसी कंपनियां शामिल हैं. कंपनी के अनुसार उसने छंटनी का फैसला नए लोगों की टीम तैयार करने के उद्देश्य से लिया है.

PayU ने कहा, उसकी कोई बड़ी कटौती की योजना नहीं है और पलायन सामान्य कामकाज का हिस्सा बना रहेगा. कंपनी ने यह भी कहा कि भारत उसका सबसे बड़ा बाजार है और यह उसके लिए अहम बना रहेगा.

कंपनी ने कहा, हम भारत में एक फुल-स्टैक डिजिटल फाइनेंशियल सर्विस इकोसिस्टम बनाने के अपने विजन पर केंद्रित हैं. ऐसे में, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि पेयू के पास सही स्ट्रक्चर और रिसोर्सेज हों. साथ ही, यह तेजी से विकसित हो रहे फिनटेक बाजार के साथ तालमेल बिठाने के लिए पर्याप्त रूप से तेज हो और बाजार में मौजूद अवसरों को भुना सके.

बता दें, इस साल की शुरुआत में Prosus जो PayU की पैरेंट कंपनी हैं, ने PayU द्वारा ऑनलाइन पेमेंट गेटवे बिलडेस्क के 4.7 बिलियन डॉलर के प्रस्तावित अधिग्रहण को रद्द कर दिया था. भारत के एंटीट्रस्ट रेगुलेटर कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) द्वारा सौदे को मंजूरी देने के एक महीने के भीतर यह समाप्ति हुई थी, जिसकी घोषणा पहली बार अगस्त 2021 में की गई थी.

हाल के एक फाइनेंशियल डिसक्लोजर में पेयू ने कहा कि वित्त वर्ष 23 में उसका कुल पेमेंट वॉल्यूम 59 फीसदी बढ़कर 28 अरब डॉलर और रेवेन्यू 48 फीसदी बढ़कर 18.3 करोड़ डॉलर हो गया है. उसे ई-कॉमर्स, फाइनेंशियल सर्विसेज और बिल पेमेंट्स के डिजिटलाइजेशन और महामारी के बाद ट्रैवल की ग्रोथ का फायदा मिला है.

सालाना आधार पर कुल ट्रांजेक्शन 17 फीसदी बढ़े हैं, जिससे कुल पेमेंट वॉल्यूम (TPV) 49 फीसदी बढ़कर 46 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है. पेयू भारत में अग्रणी भुगतान गेटवे में से एक है और इसने 4.5 लाख से अधिक व्यवसायों को सशक्त बनाया है, जिनमें प्रमुख ई-कॉमर्स दिग्गज और एसएमबीएस शामिल हैं.